चर्चा में क्यों ?
हाल ही में भारतीय सेना ने अरुणाचल प्रदेश के पूर्वी सियांग जिले में एक उच्च तकनीक आधारित अभ्यास - ‘ड्रोन प्रहार’ का सफल आयोजन किया। इस अभ्यास ने युद्धक्षेत्र में ड्रोन तकनीक के यथार्थवादी उपयोग और उसकी रणनीतिक प्रभावशीलता का प्रदर्शन किया।

अभ्यास ड्रोन प्रहार
- ड्रोन प्रहार" एक सैन्य अभ्यास है।
- इसमें ड्रोन तकनीक का उपयोग कर युद्धक्षेत्र की सक्रिय निगरानी,खुफिया जानकारी एकत्र करना,और सटीक लक्ष्यभेदन का प्रदर्शन किया गया।
- इस अभ्यास में युद्ध की वास्तविक स्थितियों की नकल करते हुए ड्रोन प्लेटफॉर्म्स की भूमिका को परखा गया।
- मुख्य उद्देश्य
- सामरिक कमांडरों की कमान पहुँच और परिस्थिति संबंधी जागरूकता को बढ़ाना।
- युद्धक्षेत्र में ड्रोन के माध्यम से स्तरित निगरानी और तेज़ निर्णय क्षमता को बढ़ावा देना।
- तकनीक-सक्षम युद्ध क्षमताओं को भारतीय सेना की रणनीति में एकीकृत करना।
- प्रमुख परिचालन प्रदर्शन
- सेंसर-से-शूटर समन्वय को वास्तविक समय में प्रदर्शित किया गया।
- खुफिया जानकारी, निगरानी और टोही (ISR) क्षमताओं का सीधा प्रयोग।
- ड्रोन से प्राप्त लाइव डेटा के आधार पर सटीक निशाना लगाना और त्वरित प्रतिक्रिया देना।
- परिचालन दक्षता में स्पष्ट सुधार।
- तकनीकी मूल्यांकन के पहलू
- हवाई क्षेत्र टकराव नियंत्रण - विभिन्न ड्रोन प्लेटफार्मों के बीच निर्बाध संचालन सुनिश्चित करना।
- सुरक्षित संचार चैनल - ड्रोन और जमीनी इकाइयों के बीच विश्वसनीय डेटा ट्रांसमिशन।
- सेवा/विभाग समन्वय - सेना की विभिन्न शाखाओं में ड्रोन एकीकरण के लिए समन्वय प्रोटोकॉल का परीक्षण
प्रश्न. हाल ही में भारतीय सेना द्वारा 'ड्रोन प्रहार' अभ्यास किस राज्य में किया गया ?
(a) जम्मू और कश्मीर
(b) सिक्किम
(c) अरुणाचल प्रदेश
(d) हिमाचल प्रदेश
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