New
GS Foundation (P+M) - Delhi: 30 July, 11:30 AM Raksha Bandhan Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 6th Aug 2025 GS Foundation (P+M) - Prayagraj: 30th July, 8:00 AM Raksha Bandhan Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 6th Aug 2025 GS Foundation (P+M) - Delhi: 30 July, 11:30 AM GS Foundation (P+M) - Prayagraj: 30th July, 8:00 AM

पर्पल फ्रॉग  (Purple Frog)

प्रारम्भिक परीक्षा – पर्पल फ्रॉग  (Purple Frog)
मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन, पेपर- 3 (जैव-विविधता , पर्यावरण)

संदर्भ

  • तमिलनाडु राज्य सरकार ने अपने वर्ष 2024 के बजट में लुप्तप्राय प्रजाति संरक्षण निधि (TNESCF) की स्थापना की घोषणा की है। 
  • पर्पल फ्रॉग इस निधि के अंतर्गत शामिल होने वाली लुप्तप्राय प्रजातियों में से हैं।

PurpleFrog

पर्पल फ्रॉग  (Purple Frog):-

  • यह एक लुप्तप्राय मेंढक की प्रजाति है। 
  • इस मेंढक को 'जीवित जीवाश्म' कहा जाता है। 
  • इसमें सेशेल्स मेंढकों के सोग्लोसिडे परिवार के समान समानताएं हैं, जो गोंडवाना लैंडमास परिकल्पना का समर्थन करते हैं।
  • यह मेंढक नासिकाबत्राचिडे परिवार से संबंधित है।
  • इसका नाम भारतीय सरीसृपविज्ञानी एस भूपति के नाम पर नासिकाबत्राचस भूपति रखा गया।

Purple-Frog

  • इसका शरीर फुला हुआ, थूथन नुकीला एवं सुअर के चेहरे के समान है। 
  • इसके अंग मोटे तथा त्वचा बैगनी रंग की होती है।

निवास स्थान :-

  • यह मेंढक केरल और तमिलनाडु के पश्चिमी घाट की स्थानिक प्रजाति है। 
  • तमिलनाडु में स्थित अनामलाई पहाड़ियाँ इसके प्रमुख आवासों में से एक है।

इस मेंढक की दो प्रजातियाँ तमिलनाडु में पाई जाती हैं:

    1.नासिकाबत्राचस सह्याड्रेन्सिस

     2.नासिकाबत्राचस भूपति। 

विशेषता :-

  • यह मेंढक मानसून की पहली बारिश के बाद संभोग के लिए अपने निवास स्थान से निकलते हैं। 
  • एम्प्लेक्सस (मेंढकों के बीच संभोग) के बाद, मादाएं, अपने जोड़े को अंडे देने वाली जगह (जलमग्न दरारों) पर ले जाती हैं। 
  • मादाएं एक बार में 3,000 से 4,000 अंडे देती हैं, जिन्हें नर भूमिगत में लौटने से पहले निषेचित करते हैं। 
  • इनके अंडे 7 से 8 दिनों में टैडपोल के रूप में विकसित हो जाते हैं और टैडपोल 100 से 130 दिनों में मेंढक बन जाते हैं।
    • टैडपोल में एक अजीब प्रकार का चूसने वाला मुंह होता है जो उन्हें तेज बहती धाराओं में चट्टानों पर चिपकने में मदद करता है। 
  • यह मेंढक डायनासोर के साथ सह-अस्तित्व में रह चूका है।

महत्व:- 

  • यह खोज अन्य प्रजातियों को बेहतर ढंग से समझने और संरक्षण रणनीतियों को बनाने के प्रयासों को बढ़ावा देगी।

खतरा :-

  • इन मेंढकों को पर्यावास की हानि, शिकार, जलवायु परिवर्तन के खतरों का सामना करना पड़ रहा है। 
  • जलवायु परिवर्तन का उन पर सीधा असर पड़ रहा है क्योंकि उनकी संभोग प्रक्रिया ही बारिश के कारण शुरू होती है। अगर अंडे देने के बाद बारिश नहीं होती है, तो अंडे देने वाली जगहें सूखी हो जाएंगी, जिससे अंडे नष्ट हो जाएंगे। 
  • भारी बारिश के दौरान होने वाली भूस्खलन से इनके आवास क्षतिग्रस्त हो जाते हैं।
  • कीटनाशकों के उपयोग का सीधा प्रभाव पर्पल फ्रॉग पर पड़ता है।

संरक्षण की स्थिति :-

  • IUCN रेड लिस्ट – लुप्तप्राय (Endangered)।
  • वन्यजीव संरक्षण (संशोधन) अधिनियम, 1972 - अनुसूची I
  • जूलॉजिकल सोसाइटी ऑफ लंदन द्वारा संकलित 'अस्तित्व के EDGE (विकासवादी रूप से विशिष्ट और वैश्विक रूप से लुप्तप्राय)' प्राथमिकता वाले उभयचरों की सूची में पर्पल फ्रॉग चौथे स्थान पर है।

प्रारंभिक परीक्षा प्रश्न:- हाल ही में भारत के किस राज्य ने अपने 2024 के बजट में लुप्तप्राय प्रजाति संरक्षण निधि (TNESCF) की स्थापना की घोषणा की है?

(a) असम 

(b) मेघालय 

(c) कर्नाटक 

(d) तमिलनाडु 

उत्तर - (d)

स्रोत: THE HINDU

« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR