चर्चा में क्यों?
हाल ही में मराठी लेखक और आलोचक सरनकुमार लिंबाले को 2025 के चिंता रवींद्रन पुरस्कार के लिए चुना गया है।

प्रमुख बिंदु:
- इस पुरस्कार में नकद पुरस्कार, एक स्मृति चिन्ह और एक प्रशस्ति पत्र शामिल है।
- यह पुरस्कार 26 जुलाई को कोझिकोड के केपी केशवमेनन हॉल में चिंता रवींद्रन की स्मृति में आयोजित एक विशेष कार्यक्रम के दौरान प्रदान किया जाएगा।
- यह पुरस्कार साहित्य और सामाजिक चिंतन में लिंबाले के योगदान को सम्मानित करता है।
पुरस्कार और समारोह के बारे में
- चिंता रवींद्रन पुरस्कार हर साल दिया जाता है।
- यह पुरस्कार साहित्य और सामाजिक मुद्दों पर लिखने वाले लेखकों को मिलता है।
- इस साल का पुरस्कार सरनकुमार लिंबाले को मिला है।
- वे दलित पहचान, समानता और मानवाधिकारों पर लिखते हैं।
- पुरस्कार में ₹50,000 नकद, एक स्मृति चिन्ह और एक प्रशस्ति पत्र मिलता है।
- यह पुरस्कार 26 जुलाई को सुबह 10 बजे दिया जाएगा।
- कार्यक्रम का स्थान केपी केशवमेनन हॉल, कोझिकोड है।
- यह समारोह चिंता रवींद्रन स्मृति समारोह का हिस्सा है।
- यह समारोह हर साल वामपंथी विचारक और लेखक चिंता रवींद्रन की याद में होता है।
पुरस्कार का महत्व और लिम्बाले का कार्य
- सरनकुमार लिम्बाले का लेखन बहुत महत्वपूर्ण है।
- उन्होंने दलित साहित्य और सामाजिक न्याय को मुख्यधारा में लाने में मदद की है।
- उनकी किताबें हाशिए पर रहने वाले लोगों की परेशानियों को दिखाती हैं।
- उनकी रचनाएँ समाज में असमानता को उजागर करती हैं।
- चिंता रवींद्रन पुरस्कार ऐसी आवाज़ों को सम्मान देता है।
- यह पुरस्कार उन लोगों को दिया जाता है जो समानता और मानव गरिमा के लिए लिखते हैं।
- यह पुरस्कार साहसी और सच बोलने वाले लेखकों को प्रोत्साहित करता है।
प्रश्न. वर्ष 2025 में चिंता रवींद्रन पुरस्कार किसे प्रदान किया गया?
(a) अरुंधति रॉय
(b) चेतन भगत
(c) सरनकुमार लिम्बाले
(d) रमेश पोखेरी
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