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सेबी ने सोशल मीडिया-FPI ट्रेडिंग धोखाधड़ी के बारे में आगाह किया

प्रारंभिक परीक्षा- विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI), विदेशी संस्थागत निवेशक (FII), सेबी
मुख्य परीक्षा- सामान्य अध्ययन, पेपर-3

संदर्भ-

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने 26 फरवरी, 2024 को अपने पंजीकृत विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) के साथ संबद्धता का झूठा दावा करने या सुझाव देने वाले भ्रामक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्मों के के विरुद्ध निवेशकों को आगाह किया।

sebi

मुख्य बिंदु-

  • ये प्लेटफ़ॉर्म विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) या विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) उप-खातों या विशेष विशेषाधिकार वाले संस्थागत खातों के माध्यम से व्यापार के अवसर प्रदान करने का दावा करके व्यक्तियों को गुमराह कर रहे हैं।

कार्यप्रणाली -

  • ये ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म व्हाट्सएप या टेलीग्राम जैसे सोशल मीडिया पर लाइव प्रसारण के द्वारा निम्नलिखित तरीके निवेशकों को लुभा रहे हैं;
    • शेयर बाजार में ऑनलाइन ट्रेडिंग कोर्स
    • सेमिनार 
    • मेंटरशिप प्रोग्राम
  • धोखाधड़ी करने वाले स्वयं को SEBI -पंजीकृत FPI के कर्मचारी या उनके सहयोगी के रूप में बता रहे हैं।
  • ये निवेशकों को एक एप्लिकेशन डाउनलोड करने के लिए कहते हैं।
  • उनका दावा होता है कि इससे उन्हें शेयर और IPO खरीदने के साथ इंस्टीट्यूशनल अकाउंट के लाभ मिलेंगे। 
  • इसके लिए किसी आधिकारिक ट्रेडिंग या डीमैट अकाउंट की जरूरत नहीं होगी।
  • ये अपने कार्यों को अंजाम देने के लिए झूठे नामों से पंजीकृत मोबाइल नंबरों का उपयोग करते हैं।

SEBI का स्पष्टीकरण-

  • SEBI (विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक) विनियम, 2019 में उल्लिखित कुछ अपवादों को छोड़कर FPI में निवेश का मार्ग भारतीय निवासियों के लिए अनुपलब्ध है।
  • ट्रेडिंग में संस्थागत खाते का कोई प्रावधान नहीं है।
  • इक्विटी बाजार तक सीधी पहुंच के लिए निवेशकों को सेबी-पंजीकृत ब्रोकर के साथ ट्रेडिंग और डीमैट खाता रखना आवश्यक है।
  • कोई कह रहा है कि वह ट्रेडिंग और डीमैट अकाउंट के बिना शेयर मार्केट में निवेश करवा देगा, तो वह फर्जी प्लेटफॉर्म है। 

निवेशकों को सुरक्षित रहने के लिए SEBI के निर्देश-

  • SEBI ने निवेशकों से सावधानी बरतने को कहा।
  • इसके लिए SEBI के साथ पंजीकृत FPI या FII के माध्यम से शेयर बाजार तक पहुंच का दावा करने वाले किसी भी सोशल मीडिया संदेश, व्हाट्सएप ग्रुप, टेलीग्राम चैनल या ऐप से दूर रहने को कहा है।
  • ऐसी योजनाएं धोखाधड़ी वाली हैं और इन्हें SEBI का समर्थन प्राप्त नहीं है।

FPI नियम -

  • भारत में सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों में निवेश करने के लिए विदेशी निवेशकों को विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (FPI) मार्ग का उपयोग करना पड़ता है। 
  • निवेशकों को चाहे वह व्यक्ति हों या फर्म देश के सेबी में पंजीकृत होना होगा और इसके नियमों का पालन करना होगा। 
  • 10,800 FPI में से अधिकांश फंड हैं। 
  • इस मार्ग के माध्यम से भारतीय कंपनियों में निवेश करने पर कोई प्रतिबंध नहीं है।
  • एक FPI किसी सूचीबद्ध कंपनी में 10% से अधिक हिस्सेदारी नहीं रख सकता है। 
  • यदि कोई FPI किसी कंपनी में 10% से अधिक निवेश करता है, तो इसे प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के रूप में वर्गीकृत किया जाएगा और इसके लिए कुछ क्षेत्रों में प्रतिबंध हैं।  
  • भारतीय निवासियों को इस मार्ग से निवेश करने की अनुमति नहीं है।

विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक foreign portfolio investor- FPI)-

  • FII में निवेशक के अपने देश के बाहर किसी देश से वित्तीय संपत्ति रखना शामिल है।
  • FPI होल्डिंग्स में स्टॉक, एडीआर, जीडीआर, बॉन्ड, म्यूचुअल फंड और एक्सचेंज ट्रेडेड फंड शामिल हो सकते हैं।
  • विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों के पास केवल निष्क्रिय स्वामित्व होता है ।
  • निवेशकों का उद्यम या संपत्ति के सीधे स्वामित्व या किसी कंपनी में हिस्सेदारी पर कोई नियंत्रण नहीं होता है 
  • NRIका निवेश FPI के अंतर्गत नहीं आता है।

विदेशी संस्थागत निवेशक (foreign institutional investor- FII)-

  • यह FPI का एक सब कैटेगरी है। 
  • ये म्यूचुअल फंड, पेंशन फंड, बीमा कंपनियों और हेज फंड में निवेश करते हैं स्टॉक में नहीं। 
  • इसके अलावा संस्थागत निवेशक, निवेश के लिए कई स्रोतों से पैसा इकट्ठा करते हैं।
  • व्यक्तिगत FPI निवेशकों की तुलना में FII बाजारों में ज्यादा सक्रिय रहते हैं। 

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (Securities and Exchange Board of India- SEBI)-

  • SEBI सिक्योरिटीज़ मार्केट का विनियामक है।
  • यह 12 अप्रैल, 1992 को स्थापित भारत सरकार की वैधानिक संस्था है।
  • सेबी का मुख्यालय मुंबई में है।
  • इसके क्षेत्रीय कार्यालय कोलकाता, चेन्नई, अहमदाबाद और नई दिल्ली में स्थित हैं। 
  • SEBI के कार्य-
    • भारतीय सिक्योरिटीज़ मार्केट को नियंत्रित, मॉनिटर और प्रबंधित करना है।
    • भारतीय बाजार में पारदर्शिता को बढ़ावा देना।
    • निवेशकों के हितों की सुरक्षा करना। 
    • नियमों और विनियमों के द्वारा एक सुरक्षित निवेश वातावरण को बढ़ाना। 
    • इन्वेस्टमेंट से संबंधित दिशानिर्देश जारी करना।

प्रारंभिक परीक्षा के लिए प्रश्न-

प्रश्न- विदेशी संस्थागत निवेशक के बारे में निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए।

  1. संस्थागत निवेशक, निवेश के लिए कई स्रोतों से पैसा इकट्ठा करते हैं।
  2. ये म्यूचुअल फंड, पेंशन फंड, बीमा कंपनियों और हेज फंड में निवेश करते हैं स्टॉक में नहीं। 

नीचे दिए गए कूट की सहायता से सही उत्तर का चयन कीजिए।

(a) केवल 1

(b) केवल 2

(c) 1 और 2 दोनों

(d) न तो 1 और न ही 2

उत्तर- (c)

मुख्य परीक्षा के लिए प्रश्न-

प्रश्न-  हाल ही में अपने पंजीकृत विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) के साथ संबद्धता का झूठा दावा करने या सुझाव देने वाले भ्रामक ट्रेडिंग प्लेटफॉर्मों के के विरुद्ध निवेशकों को आगाह किया है। ये ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म निवेशकों को किस प्रकार गुमराह कर रहे हैं और उनसे बचने के लिए SEBI ने क्या कहा है? स्पष्ट कीजिए।

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