New
GS Foundation (P+M) - Delhi: 27 June, 3:00 PM Mid Year Mega Sale UPTO 75% Off, Valid Till : 17th June 2025 GS Foundation (P+M) - Prayagraj: 22 June, 5:30 PM Mid Year Mega Sale UPTO 75% Off, Valid Till : 17th June 2025 GS Foundation (P+M) - Delhi: 27 June, 3:00 PM GS Foundation (P+M) - Prayagraj: 22 June, 5:30 PM

राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग के दिशा-निर्देशों पर सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय

(मुख्य परीक्षा,सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र-2 : केंद्रएवं राज्यों द्वारा जनसंख्या के अति संवेदनशील वर्गों के लिये कल्याणकारी योजनाएँ और इन योजनाओं का कार्य-निष्पादन; इन अति संवेदनशील वर्गों की रक्षा एवं बेहतरी के लिये गठित तंत्र, विधि, संस्थान एवं निकाय)

संदर्भ

सर्वोच्च न्यायालय नेएक मामले में राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (NMC) की पात्रता की उन शर्तों कोमनमाना और संविधान के विपरीतमानाहैजिसके अनुसार दिव्यांग उम्मीदवारों को एम.बी.बी.एस.(MBBS) पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए उनके दोनों हाथ स्वस्थ, संवेदना युक्तएवंपर्याप्त शक्तियुक्तहोना अनिवार्य है।

हालिया वाद से संबंधित प्रमुख बिंदु 

  • सर्वोच्च न्यायालय की जस्टिस बी.आर. गवई एवंके.वी. विश्वनाथन की पीठएक ऐसे अभ्यर्थी के मामले की सुनवाई कर रही थीजो मेडिकल पेशेवर बनना चाहता किंतुवह 50% लोकोमोटरदिव्यांगता और 20% वाक्एवं भाषादिव्यांगता से पीड़ित था। 
  • अभ्यर्थी ने नीट(NEET) की परीक्षा उत्तीर्ण की थी किंतुएकमूल्यांकन बोर्ड ने दिव्यांगता के कारण उसे डॉक्टर बनने के लिए अयोग्य पाया था। 
    • पंजाब एवंहरियाणा उच्च न्यायालय ने भी उसे राहत देने के लिए दायर याचिका को खारिज कर दिया था।न्यायालय कातर्क था कि दिव्यांगता के क्षेत्र में वह विशेषज्ञों की राय को प्रतिस्थापित नहीं कर सकताहै।

सर्वोच्च न्यायालय का निर्णय 

  • सर्वोच्च न्यायालय की पीठ ने टिप्पणी की कि ऐसी शर्तें संविधान एवं दिव्यांग व्यक्ति अधिकार अधिनियम के तहत गारंटीकृत अधिकारों को समाप्त करती है। 
  • दिव्यांग व्यक्ति अधिकार अधिनियम सरकारी नौकरियों एवंउच्च शिक्षण संस्थानों में दिव्यांगों के लिए आरक्षण का प्रावधान करता है। इसमें शारीरिक रूप से दिव्यांग उम्मीदवारों के प्रति अधिक समावेशी दृष्टिकोण अपनाने की आवश्यकता होती है।
  • पीठ के अनुसार एन.एम.सी.का दृष्टिकोण संविधान के अनुच्छेद 41 तथा विकलांग व्यक्तियों केअधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र सम्मेलन में निहित सिद्धांतों का उल्लंघन करता है। 
  • अनुच्छेद 41 के अनुसार राज्य को बेरोजगारी, बुढ़ापे, बीमारी तथा दिव्यांगता और अन्य अवांछनीय अभाव के मामलों में काम करने, शिक्षा एवं सार्वजनिक सहायता के अधिकार को सुरक्षित करने के लिए प्रभावी प्रावधान करना चाहिए।
  • न्यायालय ने अभ्यर्थी के प्रवेश की पुष्टि करते हुए एन.एम.सी. को अपने दिशा-निर्देशों को संशोधित करने निर्देश दिया।

राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग 

  • राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (National Medical Commission : NMC) का गठन राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग अधिनियम, 2019 के द्वारा किया गया है। 
  • इसने भारतीय चिकित्सा परिषद अधिनियम, 1956 की धारा 3ए के तहत गठित भारतीय चिकित्सा परिषद का स्थान ले लिया है।
  • वर्तमान में इसके अध्यक्ष डॉ. बी.एन. गंगाधर हैं। 

मिशन एवं विज़न

  • गुणवत्तापूर्ण एवं सस्ती चिकित्सा शिक्षा तक पहुँच में सुधार करना
  • देश के सभी हिस्सों में पर्याप्त व उच्च गुणवत्ता वाले चिकित्सा पेशेवरों की उपलब्धता सुनिश्चित करना
  • समान एवं सार्वभौमिक स्वास्थ्य सेवा को बढ़ावा देना
    • इसका उद्देश्य सामुदायिक स्वास्थ्य परिप्रेक्ष्य को प्रोत्साहित करने के साथ ही सभी नागरिकों के लिए चिकित्सा पेशेवरों की सेवाओं को सुलभ बनाता है। 
  • चिकित्सा पेशेवरों को अपने काम में नवीनतम चिकित्सा अनुसंधान को अपनाने और अनुसंधान में योगदान देने के लिए प्रोत्साहित करना 
  • एक प्रभावी शिकायत निवारण तंत्र की स्थापना

कार्य

  • चिकित्सा शिक्षा में उच्च गुणवत्ता और उच्च मानक बनाए रखने के लिए नीतियां तथा इस संबंध में आवश्यक विनियम बनाना
  • चिकित्सा संस्थानों, चिकित्सा अनुसंधानों और चिकित्सा पेशेवरों को विनियमित करने के लिए नीतियां बनाना 
  • स्वास्थ्य और स्वास्थ्य सेवा अवसंरचना के लिए मानव संसाधन सहित स्वास्थ्य सेवा में आवश्यकताओं का आकलन करना तथा ऐसी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए रोडमैप विकसित करना
  • आयोग, स्वायत्त बोर्डों और राज्य चिकित्सा परिषदों के समुचित कामकाज के लिए आवश्यक विनियम बनाकर दिशानिर्देशों को बढ़ावा देना
  • स्वायत्त बोर्डों के बीच समन्वय सुनिश्चित करना
  • इस अधिनियम के तहत तैयार दिशानिर्देशों और बनाए गए विनियमों का राज्य चिकित्सा परिषदों द्वारा अनुपालन सुनिश्चित करने के लिए आवश्यक उपाय करना
  • स्वायत्त बोर्डों के निर्णयों के संबंध में अपीलीय क्षेत्राधिकार का प्रयोग करना
  • चिकित्सा व्यवसाय में व्यावसायिक नैतिकता का पालन सुनिश्चित करने तथा चिकित्सा व्यवसायियों द्वारा देखभाल प्रदान करने के दौरान नैतिक आचरण को बढ़ावा देने के लिए नीतियां और संहिताएं निर्धारित करना
  • इस अधिनियम के प्रावधानों के तहत शासित निजी चिकित्सा संस्थानों और विश्वविद्यालयों में 50% सीटों के संबंध में फीस और अन्य सभी प्रभारों के निर्धारण के लिए दिशानिर्देश तैयार करना
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR