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ताप्ती बेसिन मेगा रिचार्ज परियोजना

(प्रारंभिक परीक्षा : योजनाएं एवं कार्यक्रम)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नप्रत्र- 1 व 3: भारत का भूगोल, प्रौद्योगिकी, आर्थिक विकास, जैव विविधता, पर्यावरण, सुरक्षा तथा आपदा प्रबंधन)

संदर्भ 

मध्य प्रदेश एवं महाराष्ट्र सरकारों ने 10 मई, 2025 को ताप्ती बेसिन मेगा रिचार्ज परियोजना को संयुक्त रूप से क्रियान्वित करने के लिए एक समझौता ज्ञापन (MOU) पर हस्ताक्षर किए। यह पहल क्षेत्रीय जल सुरक्षा, कृषि संवर्धन व अंतर्राज्यीय सहयोग का उदाहरण है। 

ताप्ती बेसिन मेगा रिचार्ज परियोजना के बारे में 

  • परिचय : यह परियोजना ताप्ती नदी के जल संसाधनों के पुनर्भरण एवं पुनः वितरण के माध्यम से मध्य प्रदेश व महाराष्ट्र के सूखा-प्रवण क्षेत्रों में सिंचाई तथा पेयजल की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए तैयार की गई है।
    • इसे दुनिया की सबसे बड़ी भू-पुनर्भरण परियोजना बताया गया है। 
  • उद्देश्य : परियोजना का उद्देश्य ताप्ती नदी के जल को उत्तर-पूर्वी महाराष्ट्र (जैसे- नागपुर) और दक्षिणी-दक्षिण-पूर्वी मध्य प्रदेश (जैसे- बुरहानपुर, खंडवा) के लिए स्थानांतरित कर सिंचाई व पेयजल की स्थायी व्यवस्था करना है।
  • परियोजना लागत : 19,244 करोड़
    • केंद्र सरकार द्वारा परियोजना की लागत का 90% वहन किया जाएगा। 
  • पुनर्भरण क्षमता : योजना के तहत पानी का कुल नियोजित उपयोग 31.13 हजार मिलियन क्यूबिक फीट (TMC) है जिसमें से 11.76 टी.एम.सी. मध्य प्रदेश व 19.36 टी.एम.सी. महाराष्ट्र को आवंटित किया गया है।

योजना की प्रमुख विशेषताएँ 

  • इस परियोजना के माध्यम से ताप्ती नदी की तीन धाराओं को महाराष्ट्र सरकार के सहयोग से विकसित किया जाएगा, ताकि दोनों राज्यों में सिंचाई के लिए नदी के पानी की प्रत्येक बूंद का इष्टतम उपयोग सुनिश्चित किया जा सके।
  • प्रारंभ में 66 टी.एम.सी. क्षमता की एक पारंपरिक जलाशय परियोजना प्रस्तावित की गई थी, जिससे वन क्षेत्रों व बाघ अभयारण्यों सहित 17,000 हेक्टेयर से अधिक भूमि तथा 73 गांवों के लगभग 14,000 लोगों के विस्थापन की संभावना थी। 
    • पहले के मॉडल को अब भूजल पुनर्भरण-आधारित दृष्टिकोण से बदल दिया गया है जिससे विस्थापन व पर्यावरणीय प्रभाव से बचा जा सके।
    • इसके तहत मध्य प्रदेश की 3,362 हेक्टेयर भूमि का उपयोग किया जाएगा, जिसमें लोगों के विस्थापन व पुनर्वास की आवश्यकता नहीं होगी।
  • इसके तहत मध्य प्रदेश में 1,23,082 हेक्टेयर और महाराष्ट्र में 2,34,706 हेक्टेयर भूमि की स्थायी सिंचाई सुनिश्चित होने का अनुमान है।

क्या आप जानते हैं?

ताप्ती बेसिन मेगा रिचार्ज परियोजना पिछले पांच महीनों में मध्य प्रदेश द्वारा केन-बेतवा लिंक परियोजना (मध्य प्रदेश व उत्तर प्रदेश) तथा पार्वती-कालीसिंध-चंबल लिंक परियोजना (मध्य प्रदेश व राजस्थान) के बाद तीसरी प्रमुख अंतर्राज्यीय नदी परियोजना है। 

ताप्ती नदी 

  • उद्गम : मध्य प्रदेश के बैतूल ज़िले के मुलताई नगर के पास सतपुड़ा की पहाड़ियों से 
  • प्रवाह मार्ग : मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र एवं गुजरात राज्यों से 
  • लंबाई : लगभग 724 किमी.
  • मुहाना : सूरत (गुजरात) के निकट अरब सागर में 
  • सहायक नदियाँ : 
    • दाईं ओर से मिलने वाली प्रमुख सहायक नदियों में पुर्णा, गिरना व पांजरा नदियाँ हैं।
    • बाईं ओर से मिलने वाली प्रमुख सहायक नदियाँ वाघुर, शिवना व अनानेर हैं।
  • भौगोलिक विशेषताएँ : ताप्ती एक भ्रंश घाटी (Rift Valley) में प्रवाहित होती है जो इसे भूगर्भीय दृष्टि से विशिष्ट बनाती है।
  • इसका प्रवाह पूर्व से पश्चिम की ओर है। 
  • जलविद्युत एवं सिंचाई परियोजनाएँ : सबसे प्रमुख उकाई बाँध (Ukai Dam) गुजरात के सूरत ज़िले में स्थित है।
    • मध्य प्रदेश में हथगांव बाँध भी महत्वपूर्ण है। 

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