चर्चा में क्यों?
- हाल ही में विश्वभर के आकाशप्रेमियों ने एक दुर्लभ एवं आकर्षक खगोलीय घटना का अवलोकन किया। यह घटना पूर्ण चंद्रग्रहण थी, जिसे सामान्यतः चंद्रग्रहण भी कहा जाता है।

प्रमुख बिन्दु:
- इस वर्ष का यह दूसरा पूर्ण चंद्रग्रहण था और इसकी विशेषता यह रही कि इस दौरान चंद्रमा ने रक्तिम आभा धारण कर ली, जिसे वैज्ञानिक शब्दावली में “ब्लड मून” कहा जाता है।
- यह ग्रहण भारत समेत पूरे एशिया, ऑस्ट्रेलिया, यूरोप और अफ्रीका के कुछ हिस्सों से साफ तौर पर दिखाई दिया।
- खगोल प्रेमियों और वैज्ञानिकों ने दूरबीन और कैमरे की मदद से इस अद्भुत नजारे को कैद किया।
- चंद्रग्रहण को नंगी आँखों से देखना भी पूरी तरह सुरक्षित है, जबकि सूर्य ग्रहण के समय सुरक्षा चश्मे की आवश्यकता होती है।
चंद्रग्रहण कब होता है?
- पृथ्वी, सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है।
- इस स्थिति में सूर्य का प्रकाश सीधा चंद्रमा तक नहीं पहुँच पाता।
- पृथ्वी की छाया चंद्रमा पर पड़ती है और ग्रहण का दृश्य उत्पन्न होता है।
रक्तिम चंद्रमा (ब्लड मून) क्यों दिखाई देता है?
पूर्ण चंद्रग्रहण के समय चंद्रमा काला या अदृश्य न होकर लाल क्यों दिखाई देता है? इसका कारण है –
- पृथ्वी का वायुमंडल सूर्य के प्रकाश को मोड़ देता है।
- वायुमंडल नीली और छोटी तरंगदैर्ध्य वाली रोशनी को बिखेर देता है।
- जबकि लाल और लंबी तरंगदैर्ध्य वाली रोशनी मुड़कर चंद्रमा की सतह पर पहुँचती है।
- यही कारण है कि चंद्रमा तांबे जैसा लाल दिखाई देता है।
- यह वही प्राकृतिक प्रक्रिया है, जिसकी वजह से सूर्यास्त और सूर्योदय के समय आसमान लाल और नारंगी रंग का दिखाई देता है।
प्रश्न. पूर्ण चंद्रग्रहण कब होता है?
(a) जब चंद्रमा सूर्य और पृथ्वी के बीच आता है
(b) जब पृथ्वी सूर्य और चंद्रमा के बीच आ जाती है
(c) जब सूर्य पृथ्वी और चंद्रमा के बीच आ जाता है
(d) जब सूर्य, चंद्रमा और पृथ्वी एक सीध में नहीं रहते
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