प्रारंभिक परीक्षा- तुंगारेश्वर वन्यजीव अभयारण्य मुख्य परीक्षा- सामान्य अध्ययन, पेपर-3 |
चर्चा में क्यों
मुंबई में सूर्या क्षेत्रीय जल आपूर्ति परियोजना (Surya Regional Water Supply Project) ने तुंगारेश्वर सुरंग का निर्माण कार्य पूरा किया।

प्रमुख बिंदु :
- तुंगारेश्वर वन्यजीव अभयारण्य को पार करने के लिए 4.6 किमी लंबी भूमिगत सुरंग का निर्माण कार्य समाप्त हो गया है।
- पानी को इस सुरंग के माध्यम से चेन मास्टर बैलेंसिंग जलाशय (एमबीआर) तक पहुंचाया जाएगा और फिर जलाशय से जल को वितरित किया जाएगा।
- सूर्या क्षेत्रीय जल आपूर्ति परियोजना मुंबई से 75 किमी उत्तर पालघर जिले में वसई और विरार के पूर्व में एक पठार पर स्थित है।
तुंगारेश्वर वन्यजीव अभयारण्य
- 85 वर्ग किमी में फैला तुंगारेश्वर वन्यजीव अभयारण्य संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान और तानसा वन्यजीव अभयारण्य के बीच एक गलियारा बनाता है।
- यह पहाड़ी इलाकों, घने जंगलों और छोटी नदियों या झरनों द्वारा आच्छादित है।
- यहाँ तीन अलग-अलग प्रकार के वन हैं - शुष्क पर्णपाती, नम पर्णपाती, और अर्ध सदाबहार।
- इसकी सीमाओं के भीतर कई प्राचीन मंदिर हैं, जिनमें सबसे प्रसिद्ध तुंगारेश्वर मंदिर है, जो भगवान शिव को समर्पित है।
- तुंगारेश्वर को वर्ष 2003 में वन्यजीव अभयारण्य घोषित किया गया था।
- तुंगारेश्वर एक पहाड़ी पठार है जो मुंबई के उपनगरीय क्षेत्रों विरार और वसई के बीच स्थित है।
- जैव विविधता से समृद्ध इस क्षेत्र में ओरिएंटल ड्वार्फ किंगफिशर, तेंदुआ, जंगली वराह, बार्किंग डियर, लंगूर, बोनट एवं रीसस मकाक, क्रेस्टेड सर्पेंट-ईगल, सफेद आँखों वाला बज़र्ड, ओरिएंटल हनी-बज़र्ड, एमरल्ड डव और हार्ट-स्पॉटेड वुडपीकर पाए जाते हैं।
प्रश्न: निम्नलिखित कथनों पर विचार कीजिए
- तुंगारेश्वर वन्यजीव अभयारण्य को वर्ष 2003 में वन्यजीव अभयारण्य घोषित किया गया था।
- तुंगारेश्वर वन्यजीव अभयारण्य में तीन शुष्क पर्णपाती, नम पर्णपाती, और अर्ध सदाबहार वन पाएं जाते हैं।
उपर्युक्त में से कितने कथन सही हैं ?
(a) केवल 1
(b) केवल 2
(c) कथन 1 और 2
(d) न तो 1 ना ही 2
उत्तर: (c)
मुख्य परीक्षा प्रश्न : वन्यजीव अभयारण्य क्या है ? वन्यजीव अभयारण्य जैव विविधता को समृद्ध करने में महत्वपूर्ण योगदान देते है टिप्पणी कीजिए।
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स्रोत: एफपीजे