चर्चा में क्यों ?
हाल ही में ओडिशा सरकार ने बरगढ़ ज़िले स्थित देबरीगढ़ वन्यजीव अभयारण्य में बाघों को लाने की महत्वाकांक्षी योजना की घोषणा की है।

प्रमुख बिंदु:
- इस कदम का उद्देश्य राज्य में बाघों की घटती आबादी को पुनर्जीवित करना है।
- राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) ने इसे बाघ अभयारण्य में परिवर्तित करने की तकनीकी अनुमति प्रदान कर दी है।
बाघ पुनर्स्थापन की योजना:
- NTCA की स्वीकृति के पश्चात अब कोर व बफर जोन के सीमांकन हेतु एक विशेषज्ञ समिति गठित की गई है।
- सीमांकन कार्य पूर्ण होते ही बाघों के स्थानांतरण और पुनर्वास की प्रक्रिया आरंभ होगी।
देबरीगढ़ अभयारण्य :
- स्थान: बरगढ़ जिला, ओडिशा; हीराकुंड बांध के पास; महानदी नदी के किनारे।
- क्षेत्रफल: लगभग 347 वर्ग किमी।
- स्थापना वर्ष: 1985।
- ऐतिहासिक महत्त्व: यह स्थान स्वतंत्रता सेनानी वीर सुरेन्द्र साईं का शरणस्थल रहा है।
- जैव विविधता: यह एक महत्वपूर्ण जैव विविधता हॉटस्पॉट है।
प्राकृतिक विशेषताएँ (वनस्पति और जीव-जंतु):
- प्रमुख वनस्पति: साल, आसन, बीजा, आँवला, धौरा आदि।
- प्रमुख प्राणी:
- भारतीय तेंदुआ, सुस्त भालू, चौसिंघा, सांभर, गौर (भारतीय बाइसन), जंगली सूअर, भारतीय जंगली कुत्ते (ढोल)।
- पक्षी:
- क्रेस्टेड सर्पेंट ईगल, रेड वेंटेड बुलबुल, फ्लावरपेकर, ड्रोंगो, व्हाइट आई ओरिएंटल, आदि।
प्रश्न. हाल ही में ओडिशा सरकार ने किस वन्यजीव अभयारण्य में बाघों को लाने की योजना बनाई है ?
(a) सिमिलिपाल वन्यजीव अभयारण्य
(b) सतकोसिया वन्यजीव अभयारण्य
(c) देबरीगढ़ वन्यजीव अभयारण्य
(d) नंदनकानन वन्यजीव अभयारण्य
|