चर्चा में क्यों ?
हाल ही में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर में उत्तर प्रदेश के पहले ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट का उद्घाटन किया।

प्रमुख बिंदु
- यह संयंत्र टोरेंट पावर और टोरेंट गैस द्वारा विकसित किया गया है।
- इसे राज्य में हरित ऊर्जा और स्वच्छ ईंधन पहल के लिए एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है।
संयंत्र की विशेषताएँ:
- यह संयंत्र वार्षिक 72 टन ग्रीन हाइड्रोजन का उत्पादन करेगा।
- उत्पादित हाइड्रोजन को प्राकृतिक गैस के साथ मिश्रित किया जाएगा।
- इस मिश्रण का उपयोग घरों, CNG स्टेशनों और उद्योगों में किया जाएगा।
- यह परियोजना भारत के शहरी गैस वितरण क्षेत्र में सबसे बड़ी ग्रीन हाइड्रोजन और प्राकृतिक गैस सम्मिश्रण पहल है।
हरित हाइड्रोजन और महत्व
- हरित हाइड्रोजन का उत्पादन नवीकरणीय ऊर्जा स्रोतों, जैसे सौर और पवन ऊर्जा, से इलेक्ट्रोलिसिस के माध्यम से किया जाता है।
- इसका महत्व इस प्रकार है:
- कार्बन उत्सर्जन में कमी: पारंपरिक जीवाश्म ईंधन की तुलना में हाइड्रोजन ईंधन शून्य उत्सर्जन का स्रोत है।
- ऊर्जा सुरक्षा: स्थानीय उत्पादन से ऊर्जा आयात पर निर्भरता कम होती है।
- औद्योगिक और शहरी उपयोग: हाइड्रोजन मिश्रित गैस का उपयोग उद्योगों और शहरी आपूर्ति नेटवर्क में किया जा सकता है।
- सस्टेनेबल विकास: यह परियोजना राज्य के हरित ऊर्जा लक्ष्यों और नीति आयोग/एनईईडीएफ के ऊर्जा संरक्षण लक्ष्यों से मेल खाती है।
उत्तर प्रदेश में हरित ऊर्जा पहल
- उत्तर प्रदेश सरकार ने ग्रीन हाइड्रोजन और स्वच्छ ऊर्जा परियोजनाओं को बढ़ावा देने के लिए विशेष नीति बनाई है।
- यह संयंत्र राज्य में स्वच्छ ईंधन और हरित गैस वितरण की दिशा में पहला बड़ा कदम है।
- भविष्य में इसे अन्य शहरों और औद्योगिक हब में विस्तार करने की योजना है।
प्रश्न. उत्तर प्रदेश का पहला ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट कहाँ स्थापित किया गया है ?
(a) लखनऊ
(b) कानपुर
(c) गोरखपुर
(d) प्रयागराज
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