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वियतनाम द्वारा बाज़ार अर्थव्यवस्था की मांग

(प्रारंभिक परीक्षा : अंतर्राष्ट्रीय घटनाक्रम)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र-3 : आर्थिक विकास एवं वैश्विक मुद्दे)

संदर्भ 

वियतनाम ने अपने यहाँ से आयातित वस्तुओं पर अमेरिका द्वारा आरोपित उच्च करों से बचने के लिए स्वयं को ‘गैर-बाजार अर्थव्यवस्था’ (Non-Market Economy) श्रेणी से ‘बाजार अर्थव्यवस्था’ (Market Economy) श्रेणी में बदलने की मांग की है। 

क्या हैं गैर-बाज़ार अर्थव्यवस्थाएँ 

  • ऐसी अर्थव्यवस्थाओं में आर्थिक क्रियाओं का निर्धारण सरकार द्वारा किया जाता है। ऐसी व्यवस्था में आर्थिक क्रियाओं अथवा संसाधनों पर राज्य का नियंत्रण होता है और राज्य ही आर्थिक क्रियाओं से संबंधित दिशा-निर्देश देती है।
  • इस अर्थव्यवस्था में कीमतों का निर्धारण केंद्रीय संस्थाओं द्वारा किया जाता है और बाजार प्रतिस्पर्द्धा का अभाव होता है। 

गैर-बाज़ार अर्थव्यवस्था के कारक 

  • अमेरिका निम्नलिखित कारकों के आधार पर किसी देश को गैर-बाजार अर्थव्यवस्था के रूप में नामित करता है :
    • यदि देश की मुद्रा परिवर्तनीय (Convertible) हो;
    • यदि मजदूरी की दरें श्रमिक एवं प्रबंधन के मध्य मुक्त सौदेबाजी द्वारा निर्धारित की जाती हो; 
    • यदि संयुक्त उद्यम या अन्य विदेशी निवेश की अनुमति हो; 
    • क्या उत्पादन के साधनों पर राज्य का स्वामित्व हो; 
    • यदि राज्य द्वारा संसाधनों के आवंटन और मूल्य एवं उत्पादन निर्णयों को नियंत्रित किया जाता हो। 
  • इसके अतिरिक्त मानवाधिकार जैसे मुद्दों पर भी विचार किया जाता है।  

                                                                               क्या आप जानते हैं?

  • वियतनाम दो दशकों से अधिक समय से अमेरिका की गैर-बाजार अर्थव्यवस्थाओं की सूची में बना हुआ है। 
  • कुल मिलाकर 12 देश गैर-बाजार अर्थव्यवस्था की सूची में शामिल हैं। इसमें रूस, चीन सहित पूर्ववर्ती सोवियत संघ का हिस्सा रहे कुछ अन्य देशों शामिल हैं।

बाज़ार अर्थव्यवस्था एवं गैर-बाज़ार अर्थव्यवस्था में अंतर

बाज़ार अर्थव्यवस्था

गैर-बाज़ार अर्थव्यवस्था

  • अहस्तक्षेप की नीति एवं निजी स्वामित्व
  • प्रतिस्पर्धा पर बल
  • अधिकतम लाभ का उद्देश्य
  • आर्थिक स्वतंत्रता
  • मांग एवं आपूर्ति के सिद्धांत पर आधारित
  • वस्तुओं एवं सेवाओं में विविधता
  • सरकार का हस्तक्षेप नहीं
  • संसाधनों पर सरकार का स्वामित्व
  • बाज़ार की शक्तियों (मांग-आपूर्ति) तथा प्रतिस्पर्धा जैसे तत्त्व अनुपस्थित
  • समान वितरण को महत्त्व
  • निजी स्वामित्व की अवधारणा
  • उत्पादन एवं मूल्य पर सरकार का नियंत्रण

वियतनाम द्वारा बाज़ार अर्थव्यवस्था श्रेणी की मांग का कारण 

  • वियतनाम का तर्क है कि हाल के वर्षों में उसने पर्याप्त आर्थिक सुधार किए हैं जिससे उसका नाम गैर-बाजार अर्थव्यवस्थाओं की सूची से हटाया जाना चाहिए।
    • उदाहरण के लिए, वियतनाम विदेशी निवेश की अनुमति देता है, वेतन का निर्धारण श्रमिकों एवं प्रबंधन के बीच मुक्त बातचीत द्वारा किया जाता है और उत्पादन के अधिकांश साधन राज्य के स्वामित्व में नहीं हैं।
  • स्थिति में बदलाव से वियतनाम को एंटी-डंपिंग शुल्क से छुटकारा पाने में भी मदद मिलेगी, जिससे उसके उत्पाद अमेरिकी बाजार में अधिक प्रतिस्पर्धी बन सकेंगे।

बाज़ार अर्थव्यवस्था के लाभ

  • संसाधनों को सबसे प्रभावी तरीके से उपयोग करने के लिए स्वचालित रूप से आवंटित करना 
  • उपभोक्ताओं के पास चुनने के लिए उत्पादों की एक विस्तृत श्रृंखला (विविधता पूर्ण उत्पाद)
  • बाजार सहभागियों के लाभ के उद्देश्य एवं स्वार्थ के कारण नवाचार को प्रोत्साहित करना 
  • प्रतिस्पर्धा के कारण अधिक मेहनत एवं बेहतर गुणवत्ता वाले उत्पाद से समग्र उच्च दक्षता सुनिश्चित होना  
  • उत्पादों व सेवाओं का उत्पादन ग्राहकों की मांग के अनुसार होना 

भारत की अर्थव्यवस्था 

  • भारत मूल रूप से मिश्रित अर्थव्यवस्था का पालन करता है। मिश्रित अर्थव्यवस्था ऐसी आर्थिक प्रणाली है जिसमें पूंजीवादी और समाजवादी अर्थव्यवस्था दोनों की विशेषताएँ पाई जाती हैं। इसमें आर्थिक क्रियाएँ बाज़ार की स्वतंत्र अंतर्क्रिया से निर्धारित होती है किंतु उत्पादन, उपभोग व अन्य आर्थिक क्रियाओं को विनियमित करने के लिये सरकार कुछ नियंत्रण बनाए रखती है। 
  • वस्तुतः सामाजिक न्याय को सुनिश्चित करने के लिये सरकार बाज़ार की शक्तियों के स्वतंत्र संचालन में कुछ हद तक हस्तक्षेप करती है। 
  • इस अर्थव्यवस्था में बाजार उन्हीं वस्तुओं एवं सेवाओं को सुलभ कराता है, जिनका उत्पादन/आपूर्ति करके वह ऐच्छिक लाभ अर्जित कर सकता है; जबकि सरकार उन आवश्यक वस्तुओं एवं सेवाओं को सुलभ कराती है, जिन्हें बाजार सुलभ कराने में विफल रहता है। 
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