केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ‘अखिल भारतीय अध्यक्ष सम्मेलन, 2025’ का उद्घाटन किया। यह दो दिवसीय राष्ट्रीय कार्यक्रम वीर विट्ठलभाई पटेल के किसी विधायी निकाय के पहले भारतीय अध्यक्ष के रूप में निर्वाचन की शताब्दी के उपलक्ष्य में एक ऐतिहासिक क्षण का प्रतीक है। इस सम्मेलन का आयोजन दिल्ली विधान सभा में किया जा रहा है।
विट्ठल भाई पटेल : जीवन परिचय
जन्म
- विट्ठल भाई पटेल का जन्म 27 सितंबर, 1873 को गुजरात के नाडियाड (खेड़ा ज़िला) में हुआ था।
- वे एक प्रतिष्ठित लेवा पटेल किसान परिवार से थे। वे सरदार वल्लभभाई पटेल के बड़े भाई थे।
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
- प्रारंभिक शिक्षा गुजरात में प्राप्त करने के बाद उन्होंने बंबई से वकालत की पढ़ाई की।
- बाद में इंग्लैंड जाकर उन्होंने विधि (Law) की पढ़ाई की और बैरिस्टर बने।
राजनीतिक करियर
- प्रारंभ में बंबई हाईकोर्ट में वकालत की। वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से जुड़े और स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय हुए।
- वर्ष 1913 में बॉम्बे लेजिस्लेटिव काउंसिल के सदस्य बने। वर्ष 1923 में केंद्रीय विधान सभा के सदस्य निर्वाचित हुए।
- वर्ष 1925 में वे केंद्रीय विधान सभा (Central Legislative Assembly) के पहले निर्वाचित भारतीय अध्यक्ष बने।
- उन्होंने अपने निष्पक्ष और मजबूत नेतृत्व से विधान सभा की कार्यवाही को लोकतांत्रिक परंपराओं के अनुरूप आगे बढ़ाया।
उनकी भूमिका और योगदान
- भारतीय स्वशासन की मांग को उन्होंने प्रभावी ढंग से प्रस्तुत किया।
- विधान सभा की कार्यवाही को अधिक पारदर्शी और जवाबदेह बनाने में उनकी अहम भूमिका रही।
- वे गांधीजी की नीतियों से प्रेरित होकर कांग्रेस आंदोलन से गहराई से जुड़े।
- उन्होंने हमेशा लोकतांत्रिक संस्थाओं की मजबूती और जनप्रतिनिधियों की भूमिका को प्राथमिकता दी।
निधन
- 22 अक्टूबर, 1933 को जिनेवा (स्विट्ज़रलैंड) में उनका निधन हुआ।
- वे उस समय भारतीय प्रतिनिधिमंडल के साथ लीग ऑफ नेशंस में शामिल होने गए थे।
विरासत
- विट्ठल भाई पटेल भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में पहले ऐसे व्यक्ति थे जिन्होंने विदेशी शासन के भीतर रहते हुए भी भारतीय नेतृत्व और गरिमा को स्थापित किया।
- उनका जीवन भारतीय लोकतांत्रिक मूल्यों और स्वतंत्रता संग्राम की प्रेरणा का प्रतीक माना जाता है।