New
The Biggest Summer Sale UPTO 75% Off, Offer Valid Till : 31 May 2025 New Batch for GS Foundation (P+M) - Delhi & Prayagraj, Starting from 2nd Week of June. UPSC PT 2025 (Paper 1 & 2) - Download Paper & Discussion Video The Biggest Summer Sale UPTO 75% Off, Offer Valid Till : 31 May 2025 New Batch for GS Foundation (P+M) - Delhi & Prayagraj, Starting from 2nd Week of June. UPSC PT 2025 (Paper 1 & 2) - Download Paper & Discussion Video

विवेकानन्द रॉक मेमोरियल

चर्चा में क्यों 

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी लोकसभा चुनाव प्रचार की समाप्ति के बाद 30 मई से 1 जून तक कन्याकुमारी में विवेकानंद रॉक मेमोरियल में ध्यान करने की घोषणा की है।

VIVEKAMEMO

विवेकानन्द रॉक मेमोरियल के बारे में:

  • विवेकानन्द रॉक पर स्थापित यह मेमोरियल स्वामी विवेकानंद का स्मारक है जो एकता और पवित्रता’ का एक अनूठा प्रतीक होने के साथ-साथ ‘राष्ट्र की एकजुट आकांक्षा’ का भी प्रतीक है। 
  • यह स्मारक में देश की सभी स्थापत्य कलाओं का एक सुखद और सामंजस्यपूर्ण मिश्रण है।
  • इस स्मारक के अंतर्गत 'श्रीपाद मंडपम' और 'विवेकानंद मंडपम' शामिल हैं।
  • विवेकानन्द रॉक : यह एक छोटा चट्टानी टापू है जो कन्याकुमारी के वावाथुरई समुद्र तट नजदीक स्थित है।
    • इस प्रकार, यह भारत की मुख्य भूमि के दक्षिणी सिरे पर, हिंद महासागर, अरब सागर और बंगाल की खाड़ी के संगम पर स्थित है।
  • निर्माणकर्ता : विवेकानन्द रॉक मेमोरियल की परिकल्पना और निर्माण मुख्य रूप से राष्ट्रिय स्वयं सेवक संघ के स्वयंसेवकों द्वारा किया गया था, जिसमें रामकृष्ण मिशन का भी समर्थन था। 
    • इस मेमोरियल का डिजाइन कांची कामकोटि पीठम् के परमाचार्य द्वारा किया गया था और इसके लिए पहला दान चिन्मय मिशन के स्वामी चिन्मयानंद ने दिया था।
  • उद्घाटन : सितंबर, 1970 को भारत के तत्कालीन राष्ट्रपति श्री वी.वी. गिरि द्वारा इस रॉक मेमोरियल का उद्घाटन किया गया। 
  • महत्त्व : वर्ष 1892 में स्वामी विवेकानंद कन्याकुमारी के तट से तैरकर चट्टानी टापू पर ध्यान लगाने के लिए गए थे।
    • उनके शिष्यों का मानना है कि विवेकानंद ने तीन दिन व तीन रात इस टापू पर ध्यान लगाया और तत्पश्चात उन्हे ज्ञान की प्राप्ति हुई थी।

स्वामी विवेकानन्द

जन्म : 

  • स्वामी विवेकानन्द का जन्म 12 जनवरी 1863 को कलकत्ता में एक कुलीन बंगाली कायस्थ परिवार में हुआ था। 
  • उनके बचपन का नाम नरेंद्रनाथ दत्त था जो आगे चलकर एक हिंदू भिक्षु और भारत के सबसे प्रसिद्ध आध्यात्मिक नेताओं में से एक बने।
  • मृत्यु: 4 जुलाई 1902 को (39 वर्ष की आयु में) बेलूर मठ, बंगाल प्रेसीडेंसी में (ब्रिटिश भारत के अंतर्गत) । 

गुरु एवं उपलब्धियां : 

  • वह श्री रामकृष्ण परमहंस के प्रमुख शिष्य और वेदांत के विश्व प्रवक्ता थे।
    • उनके गुरु ने उन्हें ध्यान सिद्ध, ध्यान विशेषज्ञ के रूप में प्रतिष्ठित किया था।
  • विवेकानन्द ने सन् 1893 में शिकागो में विश्व कोलम्बियाई प्रदर्शनी के दौरान आयोजित विश्व धर्म संसद में हिंदू धर्म का प्रतिनिधित्व किया और पूरी दुनिया पर अपनी अमिट छाप छोड़ी।
  • पश्चिम की अपनी पहली यात्रा के बाद, स्वामी विवेकानन्द भारत वापस आये और सन् 1897 में कोलकाता के बाहर बेलूर में रामकृष्ण मठ और मिशन की स्थापना की।
    • मठ मठवासियों और गृहस्थ भक्तों को आध्यात्मिक प्रशिक्षण प्रदान करता है जबकि रामकृष्ण मिशन जनकल्याण हेतु दान और शिक्षा प्रदान करता है।

दर्शन : 

  • विवेकानन्द ने भारतीय आध्यात्मिकता को पश्चिमी भौतिक प्रगति के साथ जोड़ने का प्रयास किया, यह सुनिश्चित करते हुए कि दोनों एक दूसरे के पूरक हैं।
  • उन्होंने महिलाओं को संन्यासिनी और ब्रह्मचारिणी के रूप में दीक्षित किया, जो उस समय के लिए एक क्रांतिकारी कार्य था।
  • उनका मानना था कि आत्म-शुद्धि का मार्ग दूसरों की मदद करने से होकर गुजरता है। 
    • इसी क्रम में उन्होंने लोगों को निस्वार्थ सेवा में संलग्न होने और समाज की भलाई के लिए काम करने के लिए प्रोत्साहित किया।
  • विवेकानंद ने चार योगों (राजयोग, कर्मयोग, ज्ञानयोग और भक्तियोग), धर्मों की सद्भावना, आत्मा की दिव्यता एवं भगवान के रूप में मानवता की सेवा पर अपनी शिक्षाओं के माध्यम से, आध्यात्मिक जिज्ञासुओं को ज्ञान प्राप्ति के मार्ग बताएं।

« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR