चर्चा में क्यों ?
- विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस प्रतिवर्ष 10 सितम्बर को मनाया जाता है।
- इसका उद्देश्य आत्महत्या की समस्या के प्रति वैश्विक स्तर पर जागरूकता उत्पन्न करना, इसके कारणों और परिणामों पर विचार करना तथा आत्महत्या रोकथाम के उपायों को प्रोत्साहित करना है।

स्थापना
- इस दिवस की शुरुआत वर्ष 2003 में इंटरनेशनल एसोसिएशन फॉर सुसाइड प्रिवेंशन (IASP) और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के सहयोग से की गई।
- इसे प्रत्येक वर्ष विभिन्न देशों में जागरूकता अभियानों और कार्यक्रमों के माध्यम से आयोजित किया जाता है।
2025 की थीम: “Changing the Narrative on Suicide” (आत्महत्या पर धारणा बदलना)
इसका आशय है आत्महत्या को अपराध या कलंकित दृष्टिकोण से देखने के बजाय इसे मानसिक स्वास्थ्य, सहानुभूति और सहयोग के संदर्भ में समझना।
महत्वपूर्ण बिन्दु:
- आत्महत्या विश्व स्तर पर एक गंभीर सार्वजनिक स्वास्थ्य समस्या है।
- WHO के अनुसार, प्रतिवर्ष लगभग 7,20,000 आत्महत्या करते हैं।
- 15 से 29 वर्ष के युवाओं में मृत्यु के प्रमुख कारणों में आत्महत्या एक शीर्ष कारण है।
भारत में आत्महत्या के प्रमुख कारण
- मानसिक अवसाद और चिंता
- बेरोजगारी और आर्थिक संकट
- पारिवारिक कलह एवं सामाजिक दबाव
- शैक्षिक प्रतिस्पर्धा और परीक्षा संबंधी तनाव
- किसानों में ऋणग्रस्तता और फसल असफलता
रोकथाम के उपाय:
- मानसिक स्वास्थ्य पर संवाद – अवसाद और तनाव को साझा करने की संस्कृति विकसित करना।
- परामर्श और हेल्पलाइन – भारत में किरण हेल्पलाइन (1800-599-0019) जैसी सेवाओं का उपयोग।
- सामाजिक सहयोग – परिवार और समाज द्वारा सहायक वातावरण प्रदान करना।
- मीडिया की भूमिका – आत्महत्या की घटनाओं को संवेदनशील और जिम्मेदाराना ढंग से प्रस्तुत करना।
- सरकारी नीतियाँ – मानसिक स्वास्थ्य देखभाल अधिनियम, 2017 के अंतर्गत आत्महत्या के प्रयास को अपराध की श्रेणी से बाहर किया गया है।
प्रश्न. विश्व आत्महत्या रोकथाम दिवस प्रतिवर्ष किस तिथि को मनाया जाता है ?
(a) 1 अक्टूबर
(b) 10 सितम्बर
(c) 15 अक्टूबर
(d) 5 जून
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