New
GS Foundation (P+M) - Delhi : 20th Nov., 11:30 AM Diwali Special Offer UPTO 75% + 10% Off, Valid Till : 22nd Oct., 2025 GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 03rd Nov., 11:00 AM Diwali Special Offer UPTO 75% + 10% Off, Valid Till : 22nd Oct. 2025 GS Foundation (P+M) - Delhi : 20th Nov., 11:30 AM GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 03rd Nov., 11:00 AM

यमुना की जल गुणवत्ता में सुधार

(प्रारंभिक परीक्षा: सामान्य ज्ञान)
(मुख्य परीक्षा: सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 3: पर्यावरण प्रदूषण, क्षरण एवं पर्यावरण प्रभाव का आकलन)

पृष्ठभूमि

  • हाल ही में, दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) की एक रिपोर्ट के माध्यम से कहा है कि अप्रैल 2019 की तुलना में दिल्ली और दिल्ली से जुड़े हुए क्षेत्रों में यमुना नदी की जल गुणवत्ता में सुधार हुआ है।
  • ध्यातव्य है कि राष्ट्रीय हरित अधिकरण (National Green Tribunal-NGT) द्वारा गठित एक निगरानी समिति की सलाह पर दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (Central Pollution Control Board-CPCB) के साथ संयुक्त रूप से इस रिपोर्ट पर कार्य किया है।
  • विदित है कि इससे पूर्व भी देश के विभिन्न शहरों में वायु गुणवत्ता में काफी सुधार देखने को मिला था।
  • दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति का गठन, जल (निवारण और प्रदूषण नियंत्रण) अधिनियम,1974 की धारा 4 (4) तथा वायु (निवारण और प्रदूषण नियंत्रण) अधिनियम, 1981 की धारा 6 के तहत केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अंतर्गत किया गया था।

रिपोर्ट के प्रमुख बिंदु

  • डी.पी.सी.सी. ने यमुना नदी पर स्थित 9 स्थानों और लगभग 20 नालियों के पानी के नमूने एकत्र किये और इन नमूनों से प्राप्त आँकड़ों की अप्रैल 2019 में प्राप्त आँकड़ों के साथ तुलना की।
  • रिपोर्ट के अनुसार, विभिन्न स्थानों पर प्रदूषण 18% से 21% तक कम हो गया है।
  • 9 में से 5 प्रमुख नालों में जैव-रासायनिक ऑक्सीजन माँग (Biochemical or Biological Oxygen Demand) के स्तर में 18% से 33% तक की कमी देखी गई है, अर्थात यहाँ प्रदूषण में गिरावट हुई है। अन्य 4 नालों में जैव-रासायनिक ऑक्सीजन की माँग औसत से थोड़ी ज़्यादा देखी गई।
  • ध्यातव्य है कि वर्ष 2019 में जिन 9 स्थानों में घुलित ऑक्सीजन (Dissolved Oxygen) की मात्रा नगण्य थी, अर्थात प्रदूषण ज़्यादा था, उनमें से 4 स्थानों पर यह मात्रा 2.3-4.8 मिलीग्राम/लीटर के स्तर पर मिली।
  • यद्यपि अभी भी पानी के अभीष्ट गुणवत्ता मापदंडों के मामले में यमुना बहुत पीछे है।

सम्भावित कारण

  • हाल ही में, दिल्ली जल बोर्ड ने अपनी एक रिपोर्ट में लॉकडाउन के कारण यमुना नदी के पानी की गुणवत्ता में हुए सुधार का ज़िक्र किया था।
  • साथ ही, इस दौरान हरियाणा ने दिल्ली में छोड़े जाने वाले पानी के प्रवाह को बढ़ा दिया है। ध्यातव्य है कि विगत वर्ष औसत प्रवाह 1000 क्यूसेक था जो इस वर्ष अप्रैल में 3900 क्यूसेक हो गया था। अतः अधिक प्रवाह ने प्रदूषण को संतुलित करने में सहायता की।

जैव-रासायनिक या जैविक ऑक्सीजन माँग (Biochemical or Biological Oxygen Demand)

  • यह एरोबिक प्रक्रिया (ऑक्सीजन की उपस्थिति में) के दौरान सूक्ष्मजीवों द्वारा कार्बनिक पदार्थों (अपशिष्ट या प्रदूषकों) को विघटित करने के लिये जल में आवश्यक घुलित ऑक्सीजन की मात्रा है।
  • जल में कार्बनिक पदार्थ जितना अधिक होगा (उदाहरण के लिये, पानी के सीवेज और प्रदूषित नालियों में) जैविक ऑक्सीजन माँग उतनी ज़्यादा होगी और यह माँग जितनी ज़्यादा होगी उतनी ही कम घुलित ऑक्सीजन, जलीय या समुद्री जीवों के लिये उपलब्ध हो पाएगी।
  • उच्च माँग का अर्थ है, जल में मौजूद कार्बनिक पदार्थों की एक बड़ी मात्रा को विघटित करने के लिये अधिक ऑक्सीजन की आवश्यकता है। इसलिये, यदि माँग ज़्यादा है तो इसका अर्थ यह है कि पानी बहुत अधिक प्रदूषित है। अतः जैविक ऑक्सीजन माँग को जल में जैविक प्रदूषण के एक प्रभावी संकेतक के रूप में देखा जाता है। इस वजह से अपशिष्ट जल को किसी जलीय स्रोत में भेजने से पहले ट्रीटमेंट प्लांट में साफ किया जाता है।

घुलित ऑक्सीजन

  • यह पानी में मौजूद घुलित ऑक्सीजन की मात्रा है जो जलीय जीवन के लिये आवश्यक है। यह घुलित ऑक्सीजन जितनी ज़्यादा होगी, जल की गुणवत्ता भी उतनी अधिक होगी।
  • यदि कोई व्यक्ति नदी में स्नान कर रहा है तो सामान्यतः घुलित ऑक्सीजन का स्तर 5 मिलीग्राम/लीटर या उससे ज़्यादा होना चाहिये। दिल्ली में मात्र दो स्थानों पर यह स्तर पाया जाता है।
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR
X