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दरबार मूव (Darbar Move)

(प्रारंभिक एवं मुख्य परीक्षा पेपर-2 शासन व्यवस्था)

वर्तमान घटनाक्रम:

  • हाल ही में कोरोना वायरस महामारी के कारण केंद्र प्रदेश शासित जम्मू-कश्मीर में दरबार मूव की परम्परा को स्थगित कर दिया गया है।
  • जम्मू-कश्मीर उच्च न्यायालय ने सरकार से दरबार मूव पर होने वाले खर्च का ब्यौरा माँगा है।
  • जम्मू कश्मीर में हिंसा और आतंक के समय भी दरबार मूव की परम्परा जारी रहती थी।

मुख्य परिवर्तन:

  • 144 साल में पहली बार राजधानी स्थानातंरण का कार्यक्रम 15 जून तक स्थगित किया गया है।
  • सरकार द्वारा परिस्थितियों को देखते हुए श्रीनगर सचिवालय में कार्य 4 मई से शुरू किया जायेगा किन्तु कर्मचारियों के स्थानांतरण की प्रक्रिया को 15 जून तक स्थगित कर दिया है।
  • इसके बाद दरबार मूव परम्परा को जारी रखने या रद्द करने के विषय पर पर विचार-विमर्श एवं समीक्षा की जाएगी

क्या है दरबार मूव परम्परा:

  • राजधानी और सचिवालय और उच्च न्यायालय के प्रत्येक वर्ष श्रीनगर से जम्मू और जम्मू से श्रीनगर जाने की प्रक्रिया दरबार मूव कहलाती है।
  • इस परम्परा की शुरुआत वर्ष 1872 में जम्मू-कश्मीर के तत्कालीन महाराजा रणबीर सिंह के द्वारा की गई थी। जिसमें 6 महीने जम्मू और 6 महीने श्रीनगर में काम करने की व्यवस्था थी।
  • जम्मू-कश्मीर की भौगोलिक परिस्थितियों (कश्मीर में अत्यधिक सर्दी और जम्मू में भीषण गर्मी के कारण) को देखते हुए प्रत्येक वर्ष अप्रैल और अक्टूबर के महीनों में राजधानी को परिवर्तित किया जाता है।
  • प्रत्येक वर्ष अप्रैल के अंत में जम्मू सचिवालय में कामकाज रोक कर सभी सरकारी मशीनरी को श्रीनगर भेजा जाता है। जहाँ ग्रीष्म कालीन राजधानी (समर कैपिटल) के रूप में काम-काज शुरू किया जाता है।
  • इस परम्परा के तहत प्रत्येक वर्ष अप्रैल महीने में 100 से अधिक वाहनों से जम्मू स्थित नागरिक सचिवालय से फाइलों तथा अन्य सामान (फर्नीचर और कंप्यूटर) को श्रीनगर भेजा जाता है। वहीँ अक्टूबर में बर्फ़बारी से पहले यह सभी सामान जम्मू में शिफ्ट किया जाता है।इस पूरी प्रक्रिया पर हर साल करोड़ों रुपए का खर्च आता है।

प्रभाव:

  • इस निर्णय से सरकारी व्यय में कमी होगी जैसे, कर्मचारियों के लिए आवागमन भत्ता एवं परिवहन खर्च।
  • इससे कर्मचारियों को भी सुविधा होगी। वे क्षेत्रीय स्तर पर रहकर ही अपने समय का बेहतर उपयोग करते हुए कार्य कर सकेंगे।

आगे की राह:

  • दरबार मूव की शुरुआत करने का मकसद जम्मू और कश्मीर के लोगों के मध्य आपसी भाईचारा व सौहार्द कायम करना था।
  • आज के आधुनिक व ई गवर्नेंस के समय में प्रत्येक रिकॉर्ड एक क्लिक में सामने आ जाता है।
  • सूचना एवं प्रौद्योगिकी के युग में राजधानियों को स्थानांतरित किए जाने की परम्परा अप्रासंगिक लगती है।
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