New
GS Foundation (P+M) - Delhi : 28th Sept, 11:30 AM September Mid Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 22nd Sept. 2025 GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 25th Sept., 11:00 AM September Mid Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 22nd Sept. 2025 GS Foundation (P+M) - Delhi : 28th Sept, 11:30 AM GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 25th Sept., 11:00 AM

देखो अपना देश पहल

संदर्भ

‘देखो अपना देश’ पहल के अंतर्गत ‘75 डेस्टिनेशंस विद टूर गाइड्स’ की श्रृंखला को जारी रखते हुए  ‘महाराष्‍ट्र के ज्‍योतिर्लिंग मंदिरों’ पर एक वेबिनार का आयोजन किया गया।

देखो अपना देश

नोडल एजेंसी: पर्यटन मंत्रालय

आरंभ: कोणार्क (ओडिशा)

उद्देश्य : पर्यटन को बढ़ावा देना, विभिन्न पर्यटन स्थलों के संबंध में जागरूकता प्रदान करना और स्थानीय अर्थव्यवस्था का विकास करना

वेबिनार के प्रस्तुतीकरण में तकनीकी सहयोग: इलेक्ट्रॉनिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय का राष्ट्रीय ई-गवर्नेंस विभाग द्वारा

महाराष्ट्र राज्य के प्रमुख ज्योतिर्लिंग

  • त्र्यंबकेश्वर, भीमाशंकर, परली वैजनाथ, घृष्णेश्वर और औंढा नागनाथ।
  • इन मंदिरों में शिव को ज्योतिर्लिंग के रूप में प्रतिष्ठापित किया गया है, जो भारतीय मान्यताओं में पुरातन काल से पूजनीय हैं।
  • 12 ज्योतिर्लिंगों में से सबसे दक्षिणी ज्योतिर्लिंग तमिलनाडु के रामेश्वरम में, जबकि सबसे उत्तरी उत्तराखंड के केदारनाथ में स्थित है।
  • ये मंदिर पुराणों की किंवदंतियों के साथ निकटता से जुड़े हुए हैं तथा ऐतिहासिक परंपरा की दृष्टि से समृद्ध हैं।

त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर

  • नासिक ज़िले के दक्षिण पश्चिम में स्थित यह मंदिर उन चार स्थलों में से एक है, जहाँ सिंहस्थ मेला अर्थात् कुंभ मेले का आयोजन किया जाता है।
  • स्‍थापत्‍य की दृष्टि से यह मंदिर नागर शैली में काले पत्थरों से निर्मित है, जो विशाल प्रांगण से घिरा हुआ है।
  • इसके गर्भगृह की संरचना आंतरिक रूप से वर्गाकार तथा बाहरी रूप से तारकीय (Stellar) है, जिसमें एक छोटे शिवलिंग त्र्यंबक को प्रतिष्ठापित किया गया है।

भीमाशंकर ज्योतिर्लिंग मंदिर

  • महाराष्ट्र के पुणे ज़िले में सह्याद्री पर्वत श्रृंखला पर स्थित यह एक प्राचीन शिव मंदिर है।
  • यह मंदिर वास्तुकला की नागर शैली में निर्मित है। भीमा नदी का उद्गम भी इसी स्थल से हुआ है।
  • प्राचीन कथाओं के अनुसार भगवान शिव ने, त्रिपुरासुर राक्षस का वध करने के पश्चात् देवताओं के अनुरोध पर भीम रूप में सह्याद्री पहाड़ियों के शिखर पर निवास किया था।  इसी युद्ध के पश्चात् भगवान शिव ने भीमरथी नदी को उद्गमित किया था।

परली वैजनाथ ज्योतिर्लिंग

  • इसे वैद्यनाथ के नाम से भी जाना जाता है। इसका जीर्णोद्धार रानी अहिल्याबाई होल्कर ने करवाया था। पत्थरों से निर्मित इस मंदिर का निर्माण एक पहाड़ी पर किया गया है, जो धरातल से लगभग 75-80 फुट की ऊँचाई पर स्थित है।
  • इसके मुख्य प्रवेश द्वार पूर्व की ओर है, जिसके भव्य द्वार पर पीतल की परत चढ़ायी गई है। इस मंदिर में गलियारे और आँगन को चार मज़बूत दीवारों से घेरा गया है।

घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर

  • यह औरंगाबाद ज़िले में स्थित है। इसका निर्माण अहिल्याबाई होल्कर ने करवाया था। यह मंदिर घुश्मेश्वर के नाम से भी विख्‍यात है। पुरातात्विक दृष्टि से इसे 11वीं-12वीं सदी का माना जाता है।
  • शिव पुराण तथा पद्म पुराण जैसे पौराणिक साहित्य में इस मंदिर का उल्लेख मिलता है। लाल पत्थर से निर्मित इस मंदिर का शिखर पाँच स्तरीय नागर शैली का प्रतिनिधित्व करता है।
  • इसके गर्भगृह में 24 स्तंभ हैं, जिन पर भगवान शिव से संबंधित कई किंवदंतियों और कहानियों को सुंदर नक्काशी के साथ उकेरा गया है। मंदिर में शिवलिंग पूर्वमुखी है तथा यहाँ स्थित नंदी की मूर्ति विशेष आकर्षण का केंद्र है। यह मंदिर एलोरा की गुफाओं (यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल) के निकट अवस्थित है।

औंढा नागनाथ ज्योतिर्लिंग

  • सर्वश्रेष्ठ ज्योतिर्लिंग माना जाने वाला औंढा नागनाथ ज्योतिर्लिंग महाराष्ट्र के हिंगोली ज़िले में स्थित है। इसे पांडवों द्वारा स्थापित प्रथम या 'आद्य्या' लिंग माना जाता है। इसका निर्माण देवगिरि के यादवों द्वारा 13वीं सदी में कराया गया था।
  • वास्तुकला की हेमाड़पंथी शैली में निर्मित इस मंदिर में उत्कृष्ट नक्काशी की गई है। वर्तमान मंदिर एक सुदृढ़ घेरे में है, जिसकी मूर्तिकला दर्शनीय है। मंदिर के प्रवेश द्वार पर अर्ध मंडप/मुख मंडप है, जो मुख्य भवन तक जाता है। मुख्य भवन में प्रवेश के लिये तीन द्वार हैं, जिनके स्तंभ व  बाहरी दीवारों को मूर्तिकला से सुसज्जित किया गया है।
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR
X