New
GS Foundation (P+M) - Delhi : 05th Jan., 2026 Winter Sale offer UPTO 75% + 10% Off GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 15th Dec., 11:00 AM Winter Sale offer UPTO 75% + 10% Off GS Foundation (P+M) - Delhi : 05th Jan., 2026 GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 15th Dec., 11:00 AM

प्रवर्तन निदेशालय और संपति कुर्की की प्रक्रिया

(प्रारंभिक परीक्षा- भारतीय राज्यतंत्र और शासन)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 2 : विवाद निवारण तंत्र तथा संस्थान)

संदर्भ

हाल ही में, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री से जुड़ी कई संपत्तियों की कुर्की के आदेश जारी किये। कुर्क की गई संपत्तियों में उनके निवास स्थान सहित आवासीय और व्यावसायिक संपत्तियाँ शामिल हैं।

क्या है कुर्की की प्रक्रिया?

  • ई.डी. द्वारा जारी किया गया अनंतिम कुर्की आदेश किसी संपत्ति को तत्काल प्रभाव से सील करने के लिये बाध्य नहीं करता है और व्यक्ति उस घर में तब तक रह सकता है जब तक कि मामला अदालत में लंबित है।
  • ई.डी. का आदेश 180 दिनों के लिये वैध होगा और इस दौरान सील करने के आदेश की पुष्टि धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) के तहत निर्णायक प्राधिकरण द्वारा की जानी चाहिये। यदि इसकी पुष्टि नहीं की जाती है, तो संपत्ति स्वचालित रूप से कुर्क मुक्त (Release) हो जाएगी।
  • यदि इस बात की पुष्टि कर दी जाती है, तो प्रतिवादी 45 दिनों के भीतर अपीलीय न्यायाधिकरण में इस निर्णय को चुनौती देने के साथ-साथ बाद में संबंधित उच्च न्यायालय और उच्चतम न्यायालय में भी इसे ले जा सकता है।

संपत्ति की कुर्की और कानूनी पक्ष

  • कुर्की का उद्देश्य कुर्क संपत्ति के लाभों से अभियुक्त को वंचित करना है। साथ ही, मुकदमे की सुनवाई पूरी होने तक कानून प्रतिवादी को उस संपत्ति से बाहर रहने या उसका प्रयोग न करने का भी प्रावधान कर सकता है।
  • हालाँकि, संबंधित मामलों के किसी तार्किक निष्कर्ष तक नहीं पहुँचने तक उन संपत्तियों को आम तौर पर सील नहीं किया जाता है, जो उपयोग में हैं।
  • सामान्यत: प्रतिवादी अपीलीय न्यायाधिकरण या उच्च न्यायालयों में संपत्ति की रिहाई को सुनिश्चित कर सकता है या स्टे ले सकता है और मामलें को अदालत में लंबित रहने तक उसका उपयोग कर सकता है।
  • साथ ही, कुर्की के अंतर्गत चल रहे व्यवसाय को बंद/रोका नहीं किया जाता है। उदाहरण के लिये यदि किसी होटल को पी.एम.एल.ए. के तहत कुर्क किया जाता हैं, तो भी वह अपना व्यवसाय जारी रख सकता है।

क्यों की जाती है कुर्की?

  • पी.एम.एल.ए. के अंतर्गत किसी आपराधिक गतिविधि से प्राप्त धन को प्रवर्तन निदेशालय के निर्देश पर कुर्क किया जाता है। हालाँकि, यदि वह धन उपलब्ध नहीं है, तो निदेशालय उसी मूल्य के बराबर अन्य संपत्ति को कुर्क कर सकती है।
  • विदित है कि पी.एम.एल.ए. के अंतर्गत किसी ‘आपराधिक गतिविधि से प्राप्त धन’ को परिभाषित किया गया है। किसी व्यक्ति द्वारा अनुसूचित अपराध से संबंधित किसी गतिविधि से प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से देश के भीतर या बाहर अर्जित की गई संपत्ति को अपराध से अर्जित आय (Proceeds of Crime) कहा जाता है।

क्या होता है सील की गई संपत्ति का?

  • कुर्क की गई संपति सामान्यतः वर्षों तक बिना किसी प्रयोग के बंद पड़ी रहती है। ऐसी संपत्तियों के अनुरक्षण के लिये एक निकाय का प्रावधान है परंतु अभी तक इसे स्थापित नहीं किया गया है।
  • कुर्क किये गए वाहनों को केंद्रीय भंडारण निगम के स्वामित्व वाले गोदामों में भेज दिया जाता है, जहाँ वाहन पार्किंग का भुगतान ई.डी. करता है।
  • समय के साथ-साथ वाहन खराब जाते हैं और मुक़दमे के अंत तक ई.डी. व प्रतिवादी को कुछ भी प्राप्त नहीं होता है। वस्तुत: निदेशालय अधिकांशत: वाहन के मूल्य से अधिक किराए का ही भुगतान कर देता है।

प्रिलिम्स फैक्ट्स :

प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate)

  • प्रवर्तन निदेशालय एक संघीय संस्था है। इसकी स्थापना 01 मई, 1956 को तब हुई थी, जब विदेशी मुद्रा विनियमन अधिनियम,1947 (फेरा,1947) के अंतर्गत विनिमय नियंत्रण विधियों के उल्लंघन को रोकने के लिये आर्थिक कार्य विभाग के नियंत्रण में एक प्रवर्तन इकाईगठित की गई थी। 
  • वर्तमान में यह भारत सरकार के वित्त मंत्रालय के राजस्व विभाग के अधीन एक विशेष वित्तीय जाँच एजेंसी है। इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है। इसके पाँच क्षेत्रीय कार्यालय मुंबई, चेन्नई, चंडीगढ़, कोलकाता तथा दिल्‍ली में हैं।  
  • इसके प्रमुख कार्यों में विदेशी मुद्रा प्रबंधन अधिनियम, 1999 (फेमा) के प्रावधानों के उल्लंघन की जाँच और निपटारा करने के साथ-साथ धनशोधन निवारण अधिनियम, 2002 (PMLA) के अंतर्गत जाँच और कार्यवाही करना शामिल है।
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR