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भारत के समक्ष उभरता हीलियम संकट

(प्रारंभिक परीक्षा- अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की सामयिक घटनाएँ, सामान्य विज्ञान)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 2, 3 : भारत के हितों पर विकसित और विकासशील देशों की नीतियों का प्रभाव; विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी – विकास एवं अनुप्रयोग और रोज़मर्रा के जीवन पर इसका प्रभाव)

संदर्भ

संयुक्त राज्य अमेरिका वर्ष 2021 से हीलियम का निर्यात बंद करने पर विचार कर रहा है। चूँकि भारत भारी मात्रा में अमेरिका से हीलियम का आयात करता है, अतः अमेरिका के इस निर्णय से भारत के हीलियम आधारित उद्योगों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।

हीलियम (Helium)

  • ‘हीलियम’ (He) एक रंगहीन, गंधहीन, स्वादहीन व निष्क्रिय गैस है। यह गैस ज़हरीली नहीं होती है तथा वायुमंडल में प्राकृतिक रूप से पाई जाती है। इसका परमाणु क्रमांक 2 तथा परमाणु द्रव्यमान 4.0026 ए.एम.यू. होता है।
  • डच भौतिकविद् कैमरलिंग ऑनेस ने हीलियम गैस को -270° सेंटीग्रेड पर ठंडा कर द्रव अवस्था में परिवर्तित करने में सफलता प्राप्त की थी

हीलियम प्राप्ति के स्रोत

  • भूमिगत ज्वालामुखी अवशेषों से हीलियम का उत्पादन किया जा सकता है। अमेरिका में इसके विस्तृत भंडार मौजूद हैं। भारत में भी झारखंड के राजमहल ज्वालामुखी बेसिन में हीलियम के विशाल भंडार उपस्थित हैं। इस दृष्टि से झारखंड के दो स्थल ‘बकरेश्वर’ तथा ‘टैंटलोई’ प्रसिद्ध हैं। इन क्षेत्रों में उपस्थित हीलियम के भूमिगत भंडार को ‘हीलियम का महासागर’ (Ocean of Helium) कहा जाता है।
  • तेल प्राप्ति के लिये प्रयुक्त की जाने वाली ड्रिलिंग क्रियाविधि (Oil Drilling Operation) के दौरान भी हीलियम गैस प्राप्त होती है।
  • इसके अलावा, वैज्ञानिकों ने ‘प्राकृतिक गैस’ के माध्यम से भी हीलियम प्राप्त करने में सफलता प्राप्त की है।

हीलियम के अनुप्रयोग

  • स्वास्थ्य क्षेत्र में, जैसे– चुंबकीय अनुनाद प्रतिबिंबन (Magnetic Resonance Imaging-MRI) की प्रक्रिया में
  • इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में, जैसे– स्क्रीन व प्रिंटेड सर्किट बोर्ड्स (PCBs) के निर्माण में
  • गोताखोरों द्वारा प्रयुक्त श्वसन सिलिंडर में श्वसन मिश्रण (Breathing Mixture) के रूप में
  • वायुयान उद्योग में
  • प्रमोचन यानों में प्रयुक्त क्रायोजेनिक तकनीक में
  • ऊर्जा उत्पादन संबंधी विभिन्न क्षेत्रों में
  • प्रकाशिक तंतु प्रौद्योगिकी (Optical Fiber Technology) में
  • नाभिकीय रिएक्टरों में
  • आर्क-वेल्डिंग की प्रक्रिया में
  • लीकेज़ की जाँच करने में
  • गुब्बारों में भरी जाने वाली हवा के रूप में, इत्यादि।

भारत के समक्ष हीलियम संकट के कारण

  • भारत संयुक्त राज्य अमेरिका से प्रतिवर्ष ₹55000 करोड़ मूल्य की हीलियम आयात करता है। ऐसे में, यदि अमेरिका हीलियम का निर्यात बंद करने का निर्णय लेता है तो भारत के हीलियम आधारित उद्योगों को संकट का सामना करना पड़ सकता है।
  • हालाँकि अमेरिका से हीलियम की आपूर्ति बाधित होने की स्थिति में भारत के पास क़तर से हीलियम आयात करने का विकल्प मौजूद रहेगा, किंतु पश्चिम एशिया की अस्थिर राजनीतिक स्थिति के कारण क़तर को हीलियम का विश्वनीय निर्यातक नहीं माना जा सकता है।
  • भारत में भी हीलियम के भंडार उपस्थित तो हैं, लेकिन उसने अभी तक इस क्षेत्र में हीलियम के अनुसंधान व उत्पादन (Research and Production) संबंधी गतिविधियों को आरंभ नहीं किया है। ऐसे में, घरेलू स्तर पर हीलियम के पर्याप्त भंडार होते हुए भी उसका उपयोग नहीं किया जा सकता है।

आगे की राह

  • चूँकि भारत प्रतिवर्ष लगभग 70 मिलियन घन मीटर हीलियम का उपभोग करता है, ऐसे में, यदि अमेरिका हीलियम का निर्यात प्रतिबंधित करता है तो भारत क़तर से हीलियम का आयात करना पर विचार कर सकता है।
  • हालाँकि, क़तर हीलियम का विश्वसनीय निर्यातक सिद्ध नहीं हो सकता है, अतः सरकार को हीलियम के अनुसंधान व उत्पादन संबंधी गतिविधियों को बढ़ावा देना चाहिये।
  • भारत में राजमहल पहाड़ी क्षेत्र की ज्वालामुखी पट्टी के अतिरिक्त, हीलियम उत्पादन के अन्य स्रोत भी उपलब्ध हैं तथा हीलियम उत्पादन की तकनीक भी अत्यंत जटिल नहीं है, अतः एक समर्पित प्रयास के माध्यम से घरेलू स्तर पर हीलियम का पर्याप्त उत्पादन संभव है।

निष्कर्ष

हीलियम उत्पादन की पर्याप्त क्षमता विकसित करने के पश्चात् भारत इस क्षेत्र में भी आत्म-निर्भर बन सकता है। परिणामस्वरूप न सिर्फ भारत के चालू खाते घाटे में कमी आएगी बल्कि इससे ‘वर्ष 2025 तक $5 ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनने’ का लक्ष्य प्राप्त करने में भी सहायता मिलेगी।

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