New
GS Foundation (P+M) - Delhi : 28th Sept, 11:30 AM Hindi Diwas Offer UPTO 75% + 10% Off, Valid Till : 15th Sept. 2025 GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 25th Sept., 11:00 AM Hindi Diwas Offer UPTO 75% + 10% Off, Valid Till : 15th Sept. 2025 GS Foundation (P+M) - Delhi : 28th Sept, 11:30 AM GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 25th Sept., 11:00 AM

कपास पर आयात शुल्क की समाप्ति

(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 3: प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष कृषि सहायता तथा न्यूनतम समर्थन मूल्य से संबंधित विषय; जन वितरण प्रणाली- उद्देश्य, कार्य, सीमाएँ, सुधार; बफर स्टॉक तथा खाद्य सुरक्षा संबंधी विषय; प्रौद्योगिकी मिशन; पशु पालन संबंधी अर्थशास्त्र)

संदर्भ

वित्त मंत्रालय ने कपास के आयात पर 11% शुल्क को तत्काल प्रभाव से 30 सितंबर, 2025 तक समाप्त करने की अधिसूचना जारी की।

पृष्ठभूमि

  • वैश्विक स्तर पर भारत सबसे बड़ा कपास उत्पादक है किंतु कपड़ा उद्योग की उच्च मांग के कारण प्राय: घरेलू स्तर पर कपास की कमी का सामना करना पड़ता है।
  • वर्ष 2021 में केंद्र ने कच्चे कपास पर 5% मूल सीमा शुल्क + 5% कृषि अवसंरचना और विकास उपकर (AIDC) लगाया था।
    • ऐसे में कपास की बढ़ती घरेलू कीमतों ने भारतीय कपड़ा निर्यात की प्रतिस्पर्धात्मकता को कम कर दिया।

कपास पर आयात शुल्क समाप्त करने के कारण 

  • वैश्विक आपूर्ति शृंखला में व्यवधान
  • चीन के कपास उत्पादों पर अमेरिकी टैरिफ के कारण भारत के वस्त्र उद्योग पर दबाव बढ़ने से मांग भारतीय निर्यातकों की ओर स्थानांतरित हो गई है।
  • कपड़ा क्षेत्र में 50% के भारी अमेरिकी टैरिफ के कारण नौकरियों के नुकसान की व्यापक आशंका है। 
    • इससे भारतीय उत्पाद भारत के सबसे बड़े निर्यात बाजार ‘अमेरिकी बाजार’ में अप्रतिस्पर्धी हो जाएंगे।
    • अमेरिका भारतीय रेडीमेड गारमेंट्स निर्यात के लिए एक प्रमुख बाजार है। 
      • परिधान निर्यात संवर्धन परिषद (AEPC) के अनुसार, वर्ष 2024 में भारत के कुल परिधान निर्यात में इसकी हिस्सेदारी 33% थी।

निर्णय का महत्त्व

  • भारतीय वस्त्र उद्योग को बढ़ावा : सूत और परिधान निर्यातकों के लिए कच्चे कपास की निरंतर उपलब्धता सुनिश्चित करता है।
  • वैश्विक व्यापार गतिशीलता : चीन के कपास उत्पादों पर अमेरिकी टैरिफ भारतीय निर्यातकों के लिए अवसर उत्पन्न करती है। सस्ते कपास आयात से भारत को उस अवसर का लाभ उठाने में मदद मिलेगी।
  • मुद्रास्फीति पर नियंत्रण : वर्तमान में घरेलू कपास की कीमतों में उछाल देखा गया है और सस्ते आयात से कीमतों को स्थिर करने में मदद मिल सकती है।
  • किसानों की चिंताएँ : कपास उत्पादकों को डर है कि इस कदम से अल्पावधि में घरेलू कीमतों में गिरावट आ सकती है।

निष्कर्ष 

30 सितंबर, 2025 तक कपास आयात शुल्क को हटाना, अमेरिका-चीन व्यापार तनाव के बीच भारतीय वस्त्रों को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए एक अल्पकालिक उपाय है। हालाँकि, इससे घरेलू किसानों के लिए कुछ चिंताएँ उत्पन्न हुई हैं जिनका समाधान किया जाना आवश्यक है।

« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR
X