केरल के कोझिकोड में स्वास्थ्य अधिकारियों ने कुएँ के पानी में ‘नेग्लेरिया फाउलेरी’ की मौजूदगी का पता लगाया है, जिससे जन स्वास्थ्य और जल सुरक्षा को लेकर चिंताएँ बढ़ गई हैं।
नेग्लेरिया फाउलेरी के बारे में
- यह अमीबा की एक प्रजाति है जिसे ‘दिमाग खाने वाला अमीबा’ (Brain Eating Amoeba) भी कहा जाता है।
- आवास: गर्म मीठे पानी के स्रोत, जैसे- तालाब, झीलें, खराब रखरखाव वाले कुएँ और पाइपलाइनें।
- रोग: प्राथमिक अमीबिक मेनिंगोएन्सेफलाइटिस (PAM) के लिए उत्तरदायी, जो एक दुर्लभ किंतु बेहद घातक मस्तिष्क संक्रमण है।
- संक्रमण का प्रसार : नहाने या तैरने जैसी गतिविधियों के दौरान नाक के रास्ते प्रवेश करता है। यह दूषित पानी पीने से नहीं फैलता है।
स्वास्थ्य संबंधी चिंताएँ
- पी.ए.एम. की मृत्यु दर बहुत अधिक (>95%) है और दुनिया भर में इससे जीवित बचे लोगों की संख्या बहुत कम दर्ज की गई है।
- लक्षण : तेज़ सिरदर्द, बुखार, मतली, गर्दन में अकड़न, दौरे, स्वास्थ्य में तीव्र गिरावट
- अभी तक कोई विश्वसनीय टीका उपलब्ध नहीं है और सीमित उपचार विकल्प (एम्फोटेरिसिन बी, मिल्टेफ़ोसिन) ही मौजूद हैं।
निवारक उपाय
- कुओं और पानी की टंकियों का नियमित क्लोरीनीकरण और सफाई
- रुके हुए या खराब रखरखाव वाले पानी में तैरने/नहाने से बचना
- घरेलू उपयोग के लिए उबले/फ़िल्टर किए हुए पानी का उपयोग
- मृत्यु दर कम करने के लिए जन जागरूकता और शीघ्र पहचान