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भारतीय विमानपत्तन आर्थिक नियामक प्राधिकरण (संशोधन) विधेयक, 2021

(प्रारंभिक परीक्षा: राष्ट्रीय महत्त्व की सामयिक घटनाओं से संबंधित मुद्दे)
(मुख्य परीक्षा: सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र 2 - वैधानिक निकाय, अधिनियम तथा भारतीय योजनाओं से संबंधित से प्रश्न)

संदर्भ 

  • हाल ही में, लोकसभा नेभारतीय विमानपत्तन आर्थिक नियामक प्राधिकरण (संशोधन) विधेयक, 2021’ पारित किया है।
  • इस विधेयक को पहली बार मार्च 2021 में लोकसभा में पेश किया गया था, जिसके बाद इसे संसद कीस्थायी समितिके पास भेज दिया गया।  
  • इसके माध्यम से भारतीय विमानपत्तन आर्थिक नियामक प्राधिकरण (संशोधन) अधिनियम, 2008 में संशोधन किया जाएगा। 

प्रमुख संशोधित प्रावधान 

  • संशोधन विधेयक, ‘भारतीय विमानपत्तन आर्थिक नियामक प्राधिकरण (संशोधन) अधिनियम, (ERA) 2008’ में प्रमुख हवाईअड्डों की परिभाषा में विस्तार करने का प्रस्ताव करता है।
  • परिभाषा के विस्तार सेछोटे हवाईअड्डोंके लिये टैरिफ निर्धारित करने के दायरे में विस्तार होगा, जिससे उनमें और अधिक निवेश को बढ़ावा मिलेगा।  
  • वर्तमान में, ‘प्रमुख हवाईअड्डेसे तात्पर्य उस हवाई अड्डे से है, जिसका वार्षिक यात्री यातायात 35 लाख से अधिक हो।
  • ऐराअधिनियम को अंतिम बार वर्ष 2019 में संशोधित किया गया था। इसके बाद न्यूनतम वार्षिक यातायात की संख्या को 15 लाख से बढ़ाकर 35 लाख कर दिया गया था। 
  • इस संशोधन के बाद प्रमुख हवाईअड्डों की संख्या 32 से घटाकर 16 कर दी गई थी।
    • इसके अलावा, केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचना जारी करके किसी अन्य हवाईअड्डे को प्रमुख हवाईअड्डे के रूप में निर्दिष्ट किया जा सकता है।    
    • संशोधन मेंकिसी भी अन्य हवाईअड्डेवाक्यांश कोहवाईअड्डों के समूहसे संशोधित करने का प्रस्ताव है। 
    • इसके साथ ही विधेयक लाभकारी हवाईअड्डों को गैर-लाभकारी के साथ समूहित करने का प्रयास करता है, ताकिसार्वजनिक-निजी भागीदारी या पी.पी.पी. मॉडलके तहत अधिक निवेश आकर्षित किया जा सके। 
    • समिति की रिपोर्ट के अनुसार, सरकार का इरादा केवल उच्च यातायात की मात्रा वाले लाभदायक हवाईअड्डों को विकसित करना, बल्कि कम यातायात मात्रा वाले गैर-लाभकारी हवाईअड्डों को भी विकसित करना है। 
    • एक गैर-लाभकारी अनुसंधान संस्थान, पी.आर.एस. लेजिस्लेटिव रिसर्च के अनुसार, प्राधिकरण पर दबाव कम करने और इसकी दक्षता बरकरार रखने के लिये यह बदलाव किया गया था।

    संशोधित प्रावधानों से लाभ 

    • संशोधन के माध्यम से छोटे हवाईअड्डों के विकास को प्रोत्साहन मिलेगा।
    • यह दूरस्थ क्षेत्रों में हवाई संपर्क के विस्तार के साथउड़ान (UDAN) योजनाको गति प्रदान करेगा।  

    भारतीय विमानपत्तन आर्थिक नियामक प्राधिकरण (Indian Airports Economic Regulatory Authority) 

    • वर्ष 2006 में विमानपत्तन क्षेत्र को निजी कंपनियों के लिये खोल दिया गया था।
    • इसके साथ ही, वर्ष 2008 में ऐरा अधिनियम के तहतभारतीय विमानपत्तन आर्थिक नियामक प्राधिकरणकी एक वैधानिक निकाय के रूप में स्थापना की गई।  
    • अधिनियम के अस्तित्व में आने से पहले प्राधिकरण, नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अंतर्गत विमानपत्तनों पर निगरानी सेवाओं का प्रभारी था। 
    • प्राधिकरण प्रमुख हवाईअड्डों पर वैमानिकी सेवाओं (हवाई यातायात प्रबंधन, विमान की लैंडिंग एवं पार्किंग, ग्राउंड हैंडलिंग सेवाओं) के लिये टैरिफ और अन्य शुल्कों को नियंत्रित करता है।  

    अन्य स्मरणीय तथ्य 

    उड़ान (UdeDeshkaAamNaagrik – UDAN)

    • उड़े देश का आम नागरिक (उड़ान) योजना को वर्ष 2016 में नागरिक उड्डयन मंत्रालय के अंतर्गत एक क्षेत्रीय कनेक्टिविटी योजना के रूप में प्रारंभ किया गया था।
    • अभी तक इस योजना के अंतर्गत 5 हेलीपोर्ट एवं 2 वाटर एयरोड्रोम के साथ 325 हवाई मार्गों और 56 हवाईअड्डों का संचालन किया जा चुका है। 
    • उड़ान 1.0
      • इस चरण के अंतर्गत, 5 एयरलाइन कंपनियों को 70 हवाईअड्डों (36 नवनिर्मित परिचालन हवाईअड्डों सहित) के लिये 128 उड़ान मार्गों से सम्मानित किया गया।
    • उड़ान 2.0
      • वर्ष 2018 में, नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने 73 आरक्षित और अनारक्षित हवाईअड्डों की घोषणा की।
      • पहली बार उड़ान योजना के दूसरे चरण के तहत हेलीपैड को भी शामिल किया गया।
    • उड़ान 3.0
      • पर्यटन मंत्रालय के सहयोग से उड़ान 3.0 के तहत पर्यटन मार्गों को भी इसमें शामिल किया गया।
      • जलीय विमानपत्तनों को जोड़ने के लिये समुद्री विमानों को शामिल किया गया।
      • पूर्वोत्तर क्षेत्र के कई मार्गों को उड़ान योजना के अंतर्गत लाया गया।
    • उड़ान 4.0
      • वर्ष 2020 में, 78 नए मार्गों को 4.0 के अंतर्गत अनुमोदित किया गया, ताकि देश के दूरस्थ और क्षेत्रीय इलाकों के लिये कनेक्टिविटी को बढ़ाया जा सके।
      • लक्षद्वीप के कवरत्ती, अगत्ती और मिनिकॉय द्वीपों को उड़ान 4.0 के नए मार्गों से जोड़ा जाएगा।
    • उड़ान 4.1
      • उड़ान 4.1 विशेष हेलीकॉप्टर और सीप्लेन मार्गों के साथ छोटे हवाईअड्डों को जोड़ने पर केंद्रित है।
      • सागरमाला सीप्लेन सेवाओं के तहत कुछ नए मार्ग प्रस्तावित किये गए हैं।
      • सागरमाला सीप्लेन सर्विसेज़ संभावित एयरलाइन ऑपरेटर के साथ बंदरगाह, शिपिंग और जलमार्ग मंत्रालय के तहत एक महत्त्वाकांक्षी परियोजना है।
      • ऐसी ही एक सीप्लेन सेवा अहमदाबाद मेंकेवड़िया और साबरमती रिवरफ्रंटके मध्य पहले से ही संचालित है, जिसे वर्ष 2020 के अक्तूबर माह में प्रारंभ किया गया था।
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