अगस्त 2025 में जापान ने योकोहामा में 9वें टोक्यो इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस ऑन अफ्रीकन डेवलपमेंट (TICAD 9) की मेज़बानी की।
TICAD 9 के बारे में
परिचय
- TICAD 9 (Tokyo International Conference on African Development) जापान और अफ्रीकी देशों के बीच साझेदारी को मजबूत करने का एक प्रमुख मंच है।
- यह केवल सहायता का मॉडल नहीं है बल्कि दीर्घकालिक विकास, निवेश, नवाचार और कूटनीतिक सहयोग को बढ़ावा देने वाला सम्मेलन है।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि
- TICAD की शुरुआत वर्ष 1993 में हुई थी। यह सम्मलेन प्रत्येक तीन वर्ष पर आयोजित किया जाता है।
- अब तक इसके आठ संस्करण हो चुके हैं और वर्ष 2025 में 9वां संस्करण संपन्न हुआ है।
उद्देश्य
- अफ्रीका में गुणवत्तापूर्ण विकास को प्रोत्साहित करना
- शिक्षा, स्वास्थ्य, हरित ऊर्जा, डिजिटल सशक्तिकरण व महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देना
- जापान के निजी क्षेत्र की भागीदारी और निवेश को आसान बनाना
- अफ्रीका की ‘Agenda 2063’ विकास योजना के अनुरूप सहयोग बढ़ाना
- शांति स्थापना और अफ्रीकी-नेतृत्व वाले प्रयासों को समर्थन देना
TICAD 9 के परिणाम
- जापान-अफ्रीका के बीच नए निवेश समझौते और द्विपक्षीय निवेश संधियाँ
- अवसंरचना, तकनीक, औद्योगिक विकास और स्वास्थ्य क्षेत्र में नई परियोजनाएँ
- अफ्रीकी देशों और जापान के बीच स्टार्टअप कनेक्ट प्रोग्राम की शुरुआत
- हरित ऊर्जा क्षेत्र में हाइड्रोजन एवं अमोनिया पर सहयोग
- शांति स्थापना, रोजगार सृजन और पर्यावरणीय सहयोग को मजबूती
अफ्रीका के लिए नया दृष्टिकोण
- जापान अफ्रीका को केवल एक बाज़ार नहीं बल्कि सहयोगी भागीदार के रूप में देख रहा है।
- अफ्रीका की युवा जनसंख्या को नवाचार एवं डिजिटल विकास का इंजन मानना
- स्थानीय उत्पादन, शिक्षा एवं स्वास्थ्य ढांचे को मजबूत करना
- अफ्रीका को वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला और हरित अर्थव्यवस्था में जोड़ना
महत्व
- अफ्रीका को जापान की पूंजी, तकनीक एवं नवाचार का लाभ मिलेगा।
- चीन की बेल्ट एवं रोड पहल (BRI) के मुकाबले जापान का मॉडल अधिक टिकाऊ और पारदर्शी विकल्प प्रस्तुत करता है।
- वैश्विक दक्षिण (Global South) में जापान की भूमिका को मजबूती मिलेगी।
- अफ्रीकी देशों को विविध साझेदारियां मिलने से उनकी स्वायत्तता बढ़ेगी।
भारत का परिप्रेक्ष्य
- भारत एवं जापान दोनों अफ्रीका में विकास व साझेदारी पर बल देते हैं।
- भारत की ‘India-Africa Forum Summit’ और जापान की TICAD पहल एक-दूसरे को पूरक कर सकती हैं।
- अफ्रीका में भारत-जापान सहयोग चीन के प्रभाव को संतुलित कर सकता है।
- ऊर्जा, खनिज, डिजिटल टेक्नोलॉजी और क्षमता निर्माण के क्षेत्र में भारत-जापान साझेदारी अफ्रीका के लिए महत्वपूर्ण अवसर पैदा कर सकती है।
निष्कर्ष
TICAD 9 केवल विकास शिखर सम्मेलन नहीं है, बल्कि जापान का यह प्रयास है कि वह अफ्रीका के भविष्य का दीर्घकालिक साझेदार बनना चाहता है। इसमें भारत के लिए भी रणनीतिक अवसर हैं, जिससे अफ्रीका में एक नए युग की साझेदारी की नींव रखी जा सकती है।