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चीन द्वारा दबाव की कूटनीति

(प्रारंभिक परीक्षा- राष्ट्रीय व अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की सामयिक घटनाएँ)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 2 : द्विपक्षीय
, क्षेत्रीय व वैश्विक समूह और भारत से संबंधित तथा भारत के हितों को प्रभावित करने वाले करार)

संदर्भ

हाल ही में, ‘राजनयिक संवाददाता संघ’ की बैठक में चीनी राजदूत ने बांग्लादेश की विदेश नीति पर सार्वजनिक टिप्पणी की। इस पर बांग्लादेश सरकार ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए विदेशी राजदूतों से ‘शालीनता और मर्यादा बनाए रखने’ की अपील की है।

चीन की टिप्पणी

  • चीनी राजदूत ने चेतावनी भरे स्वर में कहा कि बांग्लादेश ‘क्वाड समूह’ में शामिल होने पर विचार न करे और यदि वह ऐसा करता है तो दोनों देशों संबंध बिगड़ सकते हैं। इसे चीन द्वारा बांग्लादेश पर दबाव बनाए जाने के रूप में देखा जा रहा है। इससे पूर्व चीनी रक्षा मंत्री ने भी बांग्लादेश और श्रीलंका की यात्रा के दौरान दक्षिण एशियाई देशों से किसी भी सैन्य गठबंधन में शामिल न होने का आग्रह किया था।
  • हालाँकि बांग्लादेश द्वारा विरोध किये जाने पर चीन ने कहा कि वह हमेशा सभी देशों के साथ समान व्यवहार करता है और हमेशा ‘शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व’ के सिद्धांत का पालन करता है। चीन ने कहा कि वह अन्य देशों के आंतरिक मामलों में भी हस्तक्षेप नहीं करता है।
  • इसके अलावा, चीन यह मानता रहा है कि क्वाड उसका एक विरोधी गुट है, जो चीन के पड़ोसियों को उसके विरुद्ध संगठित करता है।

बांग्लादेश की प्रतिक्रिया

  • बांग्लादेश ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए कहा कि एक संप्रभु देश के रूप में बांग्लादेश अपने लोगों के हित में विदेश नीति का निर्धारण करने में सक्षम है तथा ढाका में विदेशी राजदूत सार्वजनिक रूप से बोलते समय शालीनता और मर्यादा का पालन करें।
  • बांग्लादेश की यह प्रतिक्रिया बांग्लादेश की स्वतंत्र और दबाव से मुक्त विदेश नीति की ओर इशारा करती है। उल्लेखनीय है कि ‘क्वाड समूह’ में भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और जापान शामिल हैं तथा इसकी विस्तार करने की कोई योजना नहीं है। चीन ‘क्वाड’ को ‘एशियाई नाटो’ की संज्ञा देते हुए एक सैन्य गठबंधन के रूप में वर्णित करता है। बांग्लादेश ने प्रतिक्रिया व्यक्त करने के बाद ‘5 लाख टीके उपहार में देने’ के लिये चीन को धन्यवाद दिया।

चीन और बांग्लादेश संबंध: वर्तमान परिदृश्य

  • अप्रैल 2021 में, चीन ने अफगानिस्तान, नेपाल, पाकिस्तान, श्रीलंका तथा बांग्लादेश जैसे दक्षिण एशियाई देशों को कोविड-19 सहयोग पर चर्चा करने के लिये आमंत्रित किया था।
  • इस दौरान दक्षिण एशियाई देशों में चीनी टीकों की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिये एक आपातकालीन रिज़र्व स्थापित करने पर सहमति बनी थी। चीनी के अनुसार, इस वार्ता में भारत को भी आमंत्रित किया गया था, किंतु वह शामिल नहीं हुआ।
  • हाल ही में, चीनी रक्षा मंत्री वेई फेंग ने बांग्लादेश और श्रीलंका का दौरा किया था। इसे भारत के पड़ोसी देशों के साथ चीन के बढ़ते सुरक्षा सहयोग के रूप में देखा जा रहा है।
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