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तारों के विस्फोट में न्यूट्रिनों की भूमिका

(प्रारम्भिक परीक्षा- राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की सामयिक घटनाएँ, सामान्य विज्ञान)
(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 3 : विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी में भारतीयों की उपलब्धियाँ, अंतरिक्ष)

चर्चा में क्यों?

हाल ही में, तारों में विस्फोट और उनमें न्यूट्रिनों की भूमिका सम्बंधी एक अध्ययन ‘फिज़िकल रिव्यू डी’ (Physical Review D) जर्नल में प्रकाशित किया गया है।

भूमिका

  • यह अध्ययन विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत स्वर्ण जयंती फेलोशिप प्राप्त मुम्बई स्थित टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ फंडामेंटल रिसर्च के प्रोफेसर डॉ. बासुदेब दासगुप्ता और उनकी टीम द्वारा किया गया है।
  • अध्ययन के अनुसार वैज्ञानिक इस बात का खुलासा करने के निकट पहुँच गए हैं कि कैसे तारों के विस्फोट में न्यूट्रिनों अहम भूमिका निभाते हैं। यह अध्ययन प्रमुख रूप से न्यूट्रिनों की क्वांटम अवस्था के विकास के मूल को समझने और न्यूट्रिनों की भूमिका से सम्बंधित है।
  • तारों के विस्फोट में न्यूट्रिनो के प्रभाव को समझने में एस्ट्रोफिज़िक्स अहम कड़ी है। इस अध्ययन में प्रमुख रूप से ‘फास्ट फ्लेवर कन्वर्ज़न’ को स्थान दिया गया है जो कि किसी तारे में उपस्थित न्यूट्रिनों के घनत्व के अनुपात, मात्रा और उसके प्रभाव को बताता है।

न्यूट्रिनों का महत्त्व

  • न्यूट्रिनों ब्रह्माण्ड में प्रचुर मात्र में पाए जाने वाले कण हैं। इन छोटे परमाणु कणों की पहचान करना काफी कठिन होता है क्योंकि ये कण अन्य पदार्थों के साथ बेहद सीमित मात्रा में क्रिया करते हैं या सक्रिय होते हैं।
  • हालाँकि, सुपरनोवा या तारामण्डल में होने वाले चमकदार विस्फोट को समझने में इन कणों की अहम भूमिका है। इसका कारण है कि ये कण विस्फोट के लिये शक्ति प्रदान करते हैं।
  • इसके अतिरिक्त यह तारों में होने वाले विस्फोट से पहले संकेत भी देते हैं। इस वजह से तारामण्डल में होने वाले विस्फोटों को समझने में यह वैज्ञानिकों की अत्यधिक मदद करते हैं।
  • इन अध्ययनों के साथ-साथ यह भी पता लगाया जा रहा है कि प्रयोग के द्वारा किस प्रकार न्यूट्रिनों की पहचान की जा सकती है और उसकी सूचना का विश्लेषण किया जा सकता है।

प्रक्रिया

  • इस अध्ययन में यह समझाया गया है कि कैसे कई सारे न्यूट्रिनों मिलकर घने खगोलीय  वातावण में कम्पन के कारक बनते हैं।
  • उन्होंने यह भी बताया कि कैसे इस कम्पन के कारण कई सारे न्यूट्रिनों मिश्रित हो जाते हैं। इसकी वजह से सुपरनोवा में बड़ी मात्रा में ऊर्जा व ऊष्मा उत्पन्न होती है।

महत्त्व

  • न्यूट्रिनों के कारण तारे कैसे विस्फोट करते हैं, इस दिशा में यह अध्ययन एक अहम कदम है।
  • इस अध्ययन से तारों के टूटने की प्रक्रिया के बारे में अहम जानकारी मिलने के साथ-साथ तारों के विस्फोट में न्यूट्रिनों की भूमिका को समझने में सहायता मिलेगी।
  • दासगुप्ता के आगामी प्रयोगों से तारों के विस्फोट के सिद्धांत को सिद्ध करने में मदद मिलेगी, जो कि करीब 100 साल से रहस्य बना हुआ है।
  • इसके अलावा, दासगुप्ता ने डार्क मैटर के कण वाली प्रकृति की पहचान करने में अहम भूमिका निभाई है। इसमें सैद्धांतिक और प्रयोगात्मक तरीके शामिल हैं, जिससे कि इस सिद्धांत का परीक्षण किया जा सकता है।
  • हाल के इन कार्यों से न्यूट्रिनों, पॉज़िट्रॉन के अध्ययन से ब्लैकहोल से लेकर बिगबैंग सिद्धांत के तहत अभी भी अनसुलझे डार्क मैटर को समझने में भी मदद मिली है।

प्री फैक्ट :

  • डॉ. दासगुप्ता के महत्त्वपूर्ण योगदान को देखते हुए पिछले वर्ष इनको प्रतिष्ठित ‘इंटरनेशनल सेंटर फॉर थ्योरेटिकल फिज़िक्स’ पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया है।
  • यह पुरस्कार इटली के ट्राइस्टी में स्थित अब्दुस सलाम इंटरनेशनल सेंटर फॉर थ्योरेटिकल फिज़िक्स द्वारा सुब्रमण्यम चंद्रशेखऱ के सम्मान में दिया जाता है।
  • अब्दुस सलाम इंटरनेशनल सेंटर फॉर थ्योरेटिकल फिज़िक्स भौतिक और गणितीय विज्ञान के लिये एक अंतर्राष्ट्रीय अनुसंधान संस्थान है। यह इटली सरकार, यूनेस्को और अंतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (IAEA) के बीच एक त्रिपक्षीय समझौते के तहत संचालित किया जा रहा है।
  • इसकी स्थापना पाकिस्तान में जन्मे नोबेल पुरस्कार विजेता अब्दुस सलाम ने की थी।
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