New
GS Foundation (P+M) - Delhi : 28th Sept, 11:30 AM Hindi Diwas Offer UPTO 75% + 10% Off, Valid Till : 15th Sept. 2025 GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 25th Sept., 11:00 AM Hindi Diwas Offer UPTO 75% + 10% Off, Valid Till : 15th Sept. 2025 GS Foundation (P+M) - Delhi : 28th Sept, 11:30 AM GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 25th Sept., 11:00 AM

सहारा मरुस्थल की धूल और आर्कटिक उष्मन

(मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 1 : विषय- महत्त्वपूर्ण भू-भौतिकीय घटनाएँ, भौगोलिक विशेषताएँ और उनके स्थान- अति महत्त्वपूर्ण भौगोलिक विशेषताएँ और वनस्पति एवं प्राणिजगत में परिवर्तन व इसके प्रभाव)

चर्चा में क्यों?

हाल ही में हुए एक अध्ययन के अनुसार जून 2020 में आर्कटिक पर समुद्री-बर्फ का आवरण पहले की अपेक्षा कम था, अर्थात् बड़ी मात्रा में वहां की बर्फ पिघली है। ऐसा अनुमान है कि सहारा मरुस्थल से उठने वाली धूल ने इसमें अहम भूमिका निभाई है। इसे वैश्विक तापन के एक संकेत के रूप में समझा जाना चाहिये।

मुख्य बिंदु

  • धूल पृथ्वी के वायुमंडल का एक महत्त्वपूर्ण घटक है, जिसका व्यापक प्रभाव मानव स्वास्थ्य तथा जलवायु पर पड़ता है।
  • सहारा रेगिस्तान दुनिया भर में धूल का सबसे बड़ा स्रोत है। जून 2020 में यहाँ से अमेरिका में सबसे बड़े और घने धूल के बादल भी पहुँचे, जिसने अब तक के धुल से जुड़े सभी रिकॉर्डों को तोड़ दिया था।
  • सैन डिएगो में स्क्रिप्स इंस्टीट्यूशन ऑफ ओशिनोग्राफी के वायुमंडलीय वैज्ञानिकों ने उन स्थितियों के बारे में पता लगाया है, जब 2020 में यह तूफान आया था। कुछ शोधकर्ताओं ने इस धूल के तूफान को ‘गॉडज़िला’ नाम दिया था।
  • धूल का यह तूफ़ान 6,000 मीटर की ऊँचाई तक पहुँच गया था। अटलांटिक महासागर के ऊपर कुछ स्थानों में, इसकी मोटाई दोगुनी थी।
  • संयुक्त अरब अमीरात में खलीफा विश्वविद्यालय विज्ञान और प्रौद्योगिकी के वैज्ञानिकों ने धूल के तूफान की भयावहता को एक प्रकार के उच्च दबाव प्रणाली के विकास द्वारा स्थापित स्थितियों के लिये ज़िम्मेदार ठहराया।
  • इसने पश्चिम अफ्रीका पर उत्तर-दक्षिण दबाव को बढ़ा दिया था, जिससे उत्तर-पूर्वी हवाएँ लगातार तेज़ी से बह रही थीं। सहारा पर उत्तरी हवाओं के तेज़ होने से जून 2020 की दूसरी छमाही में कई दिनों तक लगातार धूल की मात्रा में वृद्धि होती रही।
  • माना जाता है कि आर्कटिक क्षेत्र के गर्म होने से मध्य अक्षांशों और उपग्रहों में हवा के पैटर्न में बदलाव होता है और मौसम की गम्भीर घटनाएँ घटित होती हैं, हालाँकि इस अवधारणा को लेकर वैज्ञानिकों में मतभेद है।

धूल का वैश्विक प्रभाव

  • दुनिया भर में हवा के माध्यम से फैलने वाली धूल के अनेक परिणाम होते हैं, जो मौसम से लेकर विमान यात्रा तक विभिन्न चीज़ों को प्रभावित करते हैं।
  • धूल के स्रोत हज़ारों मील दूर महाद्वीपों पर मिट्टी की उर्वरता को भी बढ़ाते हैं। धूल के द्वारा महत्त्वपूर्ण पोषक तत्त्व जैसे लोहा और अन्य खनिज इन महाद्वीपों पर पहुँचते हैं। ये पोषक तत्त्व महासागर पारिस्थितिक तंत्र को भी प्राप्त होते हैं।
  • यह भी माना जाता है कि धूल की चादर से समुद्र की सतह से सूर्य की रोशनी वापस चली जाती है जिससे यह ठंडा हो जाता है, जो चक्रवात के लिये उपलब्ध ऊर्जा की मात्रा को कम कर देता है।
« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR
X