सीमा सड़क संगठन द्वारा विश्व की सबसे लम्बी राजमार्ग सुरंग (9.02 किमी.) का निर्माण रोहतांग दर्रे के नीचे किया गया है, जिससे मनाली और लेह के बीच की दूरी 46 किमी. कम हो गई है।
इस सुरंग का साउथ पोर्टल मनाली से 25 किमी. की दूरी पर स्थित है तथा नॉर्थ पोर्टल लाहौल घाटी में सिसु के तेलिंग गाँव के समीप है।
'घोड़े के नाल जैसे आकार' की इस सुरंग में दो लेन की 10.5 मीटर चौड़ी तथा 10 मीटर उँची सड़क है। सुरंग में रोशनी, अग्निशमन और निगरानी के व्यापक प्रबंध किये गए हैं। यह सुरंग वर्षभर मनाली को स्पीति घाटी से जोड़े रखेगी। (पूर्व में यह हिस्सा भारी बर्फबारी के चलते 6 महीने के लिये बंद रहता था।)
चीन और पाकिस्तान के साथ भारत के तनावपूर्ण सम्बंधों को देखते हुए यह सुरंग सामरिक (Strategic) रूप से काफी अहम है।
उल्लेखनीय है कि सीमा सड़क संगठन की स्थापना वर्ष 1960 में की गई थी। यह रक्षा मंत्रालय के अंतर्गत सीमा क्षेत्रों में सड़क सम्पर्क निर्माण तथा सेना की सामरिक आवश्यकताओं की पूर्ति करने वाली एक प्रमुख एजेंसी है।