हाल ही में, ज़ूलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया द्वारा पश्चिमी हिमालय में किये गए अध्ययन के आधार पर वर्ष 2050 तक हिमालयन ब्राउन बियर के आवास में लगभग 73% की भारी गिरावट का अनुमान लगाया गया है।
ग्लोबल वार्मिंग की दृष्टि से इनके प्राकृतिक आवास सर्वाधिक असुरक्षित क्षेत्र हैं, क्योंकि ये क्षेत्र हिमालय के अन्य ऊँचाई वाले क्षेत्रों की अपेक्षा अत्यधिक तेज़ी से गर्म हो रहे हैं।
इस अध्ययन के अनुसार, इनके संरक्षित क्षेत्रों के बीच सम्पर्क में आने वाली कमी के कारण 13 संरक्षित क्षेत्रों में स्थित निवास स्थानों में अत्यधिक क्षति देखने को मिल सकती है, जिनमें से 8 निवास स्थान वर्ष 2050 तक पूरी तरह से आबादी रहित हो जाएँगे।
विदित है कि यह हिमालय के ऊँचाई वाले क्षेत्रों में पाए जाने वाले सबसे बड़े मांसाहारी जीवों में से एक है। इसे भारतीय वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम,1972 की अनुसूची 1 तथा आई.यू.सी.एन. की रेड लिस्ट में कम चिंताजनक (Least Concern) श्रेणी के अंतर्गत शामिल किया गया है।
हिमालयन ब्राउन बियर भारत के पश्चिमी हिमालयी क्षेत्रों, जैसे- जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड में 3000-5000 मीटर की ऊँचाई पर पाए जाते हैं। इसके अतिरिक्त, ये नेपाल, तिब्बत, पश्चिमी चीन, उत्तरी पाकिस्तान आदि में भी पाए जाते हैं, जबकि भूटान में ये पूरी तरह से विलुप्त हो चुके हैं।