हाल ही में, आई.आई.टी. मद्रास और नैरोबी विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने गाइडेड वेव अल्ट्रासाउंड (Guided Wave Ultrasound) द्वारा बड़ी इमारतों या अन्य अवसंरचनाओं में दोषों का पता लगाने के लिये मेटामैटेरियल्स का प्रयोग किया। सामान्यतः मेटामैटेरियल का प्रयोग एंटीना, राडार डिज़ाइन तथा सबवेवलेंथ इमेजिंग आदि में किया जाता है।
- ये अद्वितीय आंतरिक सूक्ष्म-संरचना युक्त पदार्थ होते हैं, जिनका कृत्रिम रूप से निर्माण किया जाता है। इनकी यह कृत्रिम आंतरिक सूक्ष्म संरचना ही इन्हें विशिष्ट गुण प्रदान करती है। ये कई प्रकार की मिश्र धातुओं या प्लास्टिक आदि के संयोजन से माइक्रो या नैनोस्केल पर निर्मित परावैद्युत कम्पोज़िट पदार्थ होते हैं।
- मेटामैटेरियल का निर्माण करने वाली संयोजक कृत्रिम ईकाइयों को उनके असामान्य गुणों के प्रदर्शन के लिये आवश्यकतानुसार आकार, प्रकार, अभिविन्यास तथा अंतर-परमाण्विक अभिक्रियाओं के आधार पर व्यवस्थित किया जा सकता है। इस वजह से ये विद्युत् चुम्बकीय तरंगों के प्रति विशेष व्यवहार करते हैं।
- ध्यातव्य है कि पारम्परिक रूप से प्रयोग में लाया जाने वाला बल्क अल्ट्रासोनिक निरीक्षण (उच्च आवृत्ति वाली ध्वनि तरंगों द्वारा) इमारतों का बिंदुवार मूल्यांकन करता है। इस वजह से यह प्रक्रिया कठिन व बहुत लम्बी हो जाती है।
- गाइडेड वेव टेस्टिंग में ध्वनि तरंगों को इमारतों के आतंरिक भागों में भेजने की बजाय उनकी लम्बाई (या चौड़ाई) के अनुरूप भेजा जाता है। मेटामैटेरियल्स के प्रयोग से ध्वनि तरंगों द्वारा लम्बी दूरी तक निरीक्षण करने में सहायता मिलती है।