‘राष्ट्रीय जल जीवन मिशन’ 15 अगस्त 2019 को लॉन्च किया गया था। यह भारत सरकार का एक फ्लैगशिप कार्यक्रम है, जो “हर घर जल” वाक्यांश के नाम से भी प्रसिद्ध है।
- यह एक ‘मिशन मोड परियोजना’ है, जिसका उद्देश्य वर्ष 2024 तक पूरे देश में प्रत्येक ग्रामीण परिवार तक पाइप के माध्यम से जलापूर्ति सुनिश्चित करना है। आपूर्ति किये जाने वाले जल की मात्रा 55 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन निर्धारित की गई है। इसके अतिरिक्त यह मिशन, ग्रामीण क्षेत्रों में वर्षा जल के संरक्षण, भू-जल पुनर्भरण, अपशिष्ट जल प्रबंधन तथा उसके कृषि क्षेत्र में उपयोग आदि गतिविधियों पर भी ध्यान केंद्रित करता है।
- इस मिशन का क्रियान्वयन केंद्रीय जल शक्ति मंत्रालय के ‘पेयजल एवं स्वच्छता विभाग’ द्वारा किया जा रहा है। यह कार्यक्रम ‘समुदाय आधारित दृष्टिकोण’ पर संचालित हो रहा है क्योंकि इसके तहत ग्रामीण स्तर पर एक ‘ग्राम जल व स्वच्छता समिति’ (पानी समिति) के गठन का भी प्रावधान है।
- 10 से 15 स्थानीय ग्रामीण सदस्यों वाली ‘पानी समिति’ में 50% महिला सदस्य होती हैं। यह समिति ज़मीनी स्तर पर कार्यक्रम के संचालन, प्रबंधन व फीडबैक देने के लिये संकल्पित है। प्रत्येक गाँव को 3 घटकों (i. जल स्रोत व उसकी देखभाल; ii. जलापूर्ति iii. अपशिष्ट जल प्रबंधन) के आधार पर एक ‘ग्राम कार्ययोजना’ (VAP) भी तैयार करनी होती है।
- यह एक केंद्र प्रायोजित योजना (Central Sponsored Scheme) है, जिसके अंतर्गत वित्तपोषण की व्यवस्था का स्वरुप निम्नवत है–
- सभी संघराज्य क्षत्रों के लिये – 100% केंद्र सरकार द्वारा
- हिमालयी व पूर्वोत्तर राज्यों के लिये – 90 : 10 (क्रमशः केंद्र व राज्य)
- शेष राज्यों के लिये – 50 : 50 (केंद्र व राज्य)