भारत में पशुजन्य (ज़ूनोटिक) और ट्रांसबाउंड्री रोगजनकों के जीवाणु, विषाणु और परजीवी संबंधी संक्रमण की निगरानी के लिये जैव प्रौद्योगिकी विभाग (DBT) ने देश का पहला 'वन हेल्थ' कन्सोर्टियम लॉन्च किया है। यह डी.बी.टी. की पहली ‘वन हेल्थ’ परियोजना है।
यह परियोजना मौजूदा नैदानिक परीक्षणों के उपयोग एवं निगरानी के अलावा उभरती बीमारियों के प्रसार को समझने के लिये अतिरिक्त पद्धतियों के विकास पर ध्यान केंद्रित करेगी। यह भारत सरकार द्वारा कोविड-19 महामारी के पश्चात् शुरू किये गए प्रमुख स्वास्थ्य कार्यक्रमों में से एक है।
कन्सोर्टियम में डी.बी.टी. के ‘नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ एनिमल बायोटेक्नोलॉजी’, हैदराबाद के नेतृत्व में 27 संगठनों को शामिल किया गया है। इनके अलावा, इसमें दिल्ली एवं जोधपुर के एम्स तथा अन्य संगठन और वन्यजीव एजेंसियाँ भी शामिल हैं।
विदित है कि वन हेल्थ की अवधारणा में पर्यावरण, पशु और मानव स्वास्थ्य के अंतर्संबंधों को शामिल किया जाता है। इसके अंतर्गत पर्यावरण, पशु और मानव के लिये इष्टतम स्वास्थ्य प्राप्त करने हेतु स्थानीय, राष्ट्रीय और वैश्विक रूप से सहयोगात्मक प्रयासों की आवश्यकता पर बल दिया जाता है।