‘गैलापागोस द्वीप समूह’ प्रशांत महासागर में इक्वाडोर के तट से लगभग 1,000 किमी. पश्चिम में स्थित है, इसका नामकरण यहाँ पाए जाने वाले कछुओं की एक विशालकाय प्रजाति के आधार पर किया गया है। यह द्वीप समूह इक्वाडोर का ही भाग है। यहाँ मुख्यतः नीले-पैर वाले बूबी, विशाल कछुए, जलकाग (Cormorant) और समुद्री गोह पाए जातें हैं।
- इक्वाडोर ने वर्ष 1935 में गैलापागोस के एक हिस्से में वन्यजीव अभयारण्य स्थापित किया, जिसे बाद में गैलापागोस राष्ट्रीय उद्यान बना दिया गया। वर्ष 1978 में इस द्वीप समूह को यूनेस्को का पहला विश्व विरासत स्थल (प्राकृतिक) घोषित किया गया।
- लगभग 138,000 वर्ग किमी. क्षेत्र में फैले इस स्थलीय और समुद्री अभयारण्य को समृद्ध जैव विविधता के कारण एक प्राकृतिक प्रयोगशाला माना जाता है, जिसने ब्रिटिश प्रकृतिवादी वैज्ञानिक चार्ल्स डार्विन को प्राकृतिक चयन द्वारा विकास के सिद्धांत को आकार देने में सहायता प्रदान की। डार्विन ने इस द्वीप को ‘स्वयं में एक दुनिया’ के रूप में वर्णित किया है।
- जलवायु परिवर्तन के कारण महासागरों के गर्म होने से इस द्वीप समूह के आस-पास मत्स्यन का दबाव बढ़ने की आशंका है क्योंकि हम्बोल्ट (पेरू) ठंडी जलधारा यहाँ उन पोषक तत्त्वों को लाती है जिससे अधिक संख्या में समुद्री प्रजातियों की उत्पत्ति व वृद्धि होती है।
- हाल ही में, पिछले कई वर्षों की तरह इस बार भी इस क्षेत्र में मछली पकड़ने वाले सैकड़ों चीनी जहाजो के प्रवेश के कारण इक्वाडोर और चीन के मध्य कूटनीतिक तनाव उत्पन्न हो गया है।