हाल ही में, महाराष्ट्र के वन विभाग ने सिंधुदुर्ग जिले में बाघों, तेंदुओं व हाथियों के लिये प्रसिद्ध डोडामर्ग वन्य क्षेत्र के 29.53 वर्ग किमी. क्षेत्र को 'तिलारी संरक्षण रिज़र्व’ घोषित किया है।
- यह राज्य का सातवाँ वन्यजीव गलियारा है जिसे संरक्षण रिज़र्व घोषित किया गया है। यह वन्य क्षेत्र महाराष्ट्र में राधानगरी वन्यजीव अभयारण्य तथा गोवा के महादेई अभयारण्य को कर्नाटक के भीमगढ़ वन्यजीव अभयारण्य से जोड़ता है।
- एक गलियारे के रूप में तीन राज्यों (गोवा, कर्नाटक और महाराष्ट्र) के मध्य, बाघों और हाथियों के अलावा इसे कई प्रकार के हिरणों, बाइसन, बंदरों, जंगली सूअरों आदि के लिये भी एक विशिष्ट निवास स्थल के रूप में जाना जाता है।
- संरक्षण रिज़र्व और सामुदायिक रिज़र्व सामान्यतः उन संरक्षित क्षेत्रों को संदर्भित करते हैं जो राष्ट्रीय उद्यानों, वन्य जीव अभयारण्यों एवं संरक्षित जंगलों के मध्य बफर ज़ोन के रूप में कार्य करते हैं।
- यदि क्षेत्र पूर्णतः सरकार के स्वामित्त्व में है तो उसे संरक्षण रिज़र्व और अगर निजी स्वामित्त्व में है तो सामुदायिक रिज़र्व कहा जाता है। सामुदायिक रिज़र्व क्षेत्रों को पहली बार वर्ष 2002 के वन्यजीव (संरक्षण) संशोधन अधिनियम द्वारा शामिल किया गया था।