हाल ही में, कुछ अध्ययनों द्वारा टुंड्रा (Tundra) क्षेत्र में लगने वाली आग की घटनाओं के साथ ही ‘ज़ॉम्बी फायर’ (Zombie Fire) की घटनाओं को भी देखा गया है, जो लगातार क्षेत्र में बढ़ रही हैं।
ज़ॉम्बी फायर मुख्यतः आग का वह रूप है, जिसमें आग भूमिगत (बर्फ के नीचे कार्बनिक पीट क्षेत्र में) तो लगी रहती है किंतु सतह पर वह कुछ समय बाद दृष्टिगत होती है।
इस आग से जुड़ी चिंता की बात यह है कि यह अब आर्कटिक क्षेत्र के उन भागों में ज़्यादा फैल रही है, जो पहले आग प्रतिरोधी क्षेत्र थे। सामान्यतः टुंड्रा पारिस्थितिक तंत्र में वृक्ष नहीं या बहुत कम पाए जाते हैं, यहाँ की जलवायु भी ठंडी होती है और यहाँ वर्षा भी सामान्य से बहुत कम होती है। अध्ययन के अनुसार आर्कटिक वृत्त के उत्तर में स्थित यह टुंड्रा क्षेत्र लगातार शुष्क होता जा रहा है।
निरंतर आग की इन घटनाओं व लगातार हो रही तापमान वृद्धि की वजह से यह कार्बन के प्रमुख स्रोत के रूप में बदल सकता है, जब कि यहाँ की जलराशियाँ अभी तक कार्बन सिंक के रूप में कार्य कर रहीं थीं और प्रतिवर्ष औसतन 60 मेगा टन कार्बन डाई ऑक्साइड को अवशोषित कर रहीं थीं। यह परिवर्तन वैश्विक तापन में वृद्धि का एक प्रमुख कारण बन सकता है।
ऐसा माना जा रहा है कि वर्ष 2019-20 के दौरान टुंड्रा क्षेत्र में शीत व वसंत के दौरान तापमान सामान्य से अधिक होने की वजह से आर्कटिक क्षेत्र में आग की घटनाओं के स्वरूप में तेज़ी दिख रही है। इसके अलावा, पास ही साइबेरिया क्षेत्र में भी वर्ष 2020 में तापमान में अत्यधिक बढ़ोत्तरी दिखी थी, जिससे क्षेत्र में गहन हीट वेव को भी महसूस किया गया था।