New
GS Foundation (P+M) - Delhi : 22nd August, 3:00 PM Independence Day Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 15th Aug 2025 GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 24th August, 5:30 PM Independence Day Offer UPTO 75% Off, Valid Till : 15th Aug 2025 GS Foundation (P+M) - Delhi : 22nd August, 3:00 PM GS Foundation (P+M) - Prayagraj : 24th August, 5:30 PM

Sanskriti Mains Mission: GS Paper - 4

दर्शनशास्त्र नैतिकता को मार्गदर्शित करता है? पश्चिमी दर्शन के संदर्भ में चर्चा करें।

09-Oct-2023 | GS Paper - 4

Solutions:

परिचय-

दर्शनशास्त्र और नैतिकता को अंतर्संबंधित रूप से परिभाषित करते हुए आरम्भ करें। उदाहरण के लिए- जीवन में जटिल परिस्थितियाँ आना स्वाभाविक है, जिनका सामना करने के लिए नैतिकता अच्छा तरीका पेश करने में मदद करती है और विभिन्न दार्शनिक दृष्टिकोण नैतिकता को मजबूती देते हैं।

 मुख्य भाग में- 

नैतिकता के कुछ मानदंडों की चर्चा करें, उदाहरण के लिए-नैतिकता का सम्बन्ध आचरण से, जिसमें अपेक्षा की जाती है कि व्यक्ति का व्यवहार सामाजिक मूल्यों और प्रतिमानों के अनुरूप हो।

दर्शनशास्त्र की सामान्य अवधारणा की चर्चा करें, उदाहरण के लिए- यह ज्ञान, मूल्य, तर्कबुद्धि और मन जैसे मामलों से संबंधित सामान्य और मूलभूत समस्याओं का अध्ययन है।

पश्चिमी दर्शन के मुख्य स्कूलों का वर्णन करें, 

उदाहरण के लिए-

नैतिकता  का उल्लेख पश्चिमी दर्शनशास्त्र के कुछ प्रतिष्ठित स्कूलों द्वारा किया गया है- 

अरस्तू के नेतृत्व में-  नैतिक दर्शन का पहला व्यवस्थित ग्रंथ अरस्तू का ‘निकोमेकियन एथिक्स’ है। अरस्तू के नैतिक दर्शन को चार मुख्य भागों में विभाजित करके समझा जा सकता है-

  • सद्गुणों का स्वरूप
  • मध्यम मार्ग का सिद्धान्त
  • ऐच्छिक कर्मों की परिभाषा
  • आदर्श नैतिक जीवन

 इमैनुएल कांट के नेतृत्व में- 

  • कर्तव्य की अवधारणा को नैतिकता का केंद्र मानते हैं। मनुष्य तर्कसंगत प्राणी के रूप में अपने कर्तव्य के ज्ञान से बंधा हैं।
  • कांट मानते हैं कि  नैतिक कार्य या कर्तव्य अपने आप में कार्य के परिणामों के बारे में  सोचे बिना नैतिक निर्णय लेने की मार्गदर्शक शक्ति है।
  • कांट का सिद्धांत अत्यंत कठोर है, अपवाद की जगह नहीं है; जैसे सत्य बोलना है परिणाम कुछ भी हों।
  • कांट ने आत्महत्या को भी अपवाद रहित तरीके से गलत या अनैतिक माना है।
  • किसी भी स्थिति में कर्त्तव्य का अपवाद स्वीकार नहीं करते हैं। 

जेरेमी बेंथम और जॉन स्टुअर्ट मिल के नेतृत्व में- 

  • इनका दृष्टिकोण उपयोगितावादी है।
  • यह परिणामवाद का एक रूप है।
  • किसी कार्य के परिणामों द्वारा उस कार्य पर लिया गया निर्णय है।
  • इनके अनुसार सबसे नैतिक विकल्प वह है जो सबसे बड़ी संख्या के लिए हितकर हो।

निष्कर्ष-

नौकरशाही में दर्शन से मिलने वाली समझ के महत्त्व की संक्षिप्त  चर्चा करते हुए निष्कर्ष लिखें। उदाहरण के लिए- दर्शनशास्त्र, नैतिकता की तरह, एक व्यक्ति के चरित्र को आकार देते हैं, जो बदले में किसी के कार्यों या व्यवहार को नियंत्रित करता है। दर्शनशास्त्र एक नौकरशाह को जटिल परिस्थितियों  में नैतिक निर्णय लेने में सक्षम बनता है।

« »
  • SUN
  • MON
  • TUE
  • WED
  • THU
  • FRI
  • SAT
Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR
X