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शॉर्ट न्यूज़: 02 जनवरी, 2021

शॉर्ट न्यूज़: 02 जनवरी, 2021


भारतीय सार्स कोव-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INDIAN SARS-CoV-2 GENOMIC CONSORTIA- INSACOG)

डिजिटल भुगतान सूचकांक (Digital Payments Index)

अंतर्राष्ट्रीय प्रतिभूति संगठन


भारतीय सार्स कोव-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INDIAN SARS-CoV-2 GENOMIC CONSORTIA- INSACOG)

  • हाल ही में, ब्रिटेन, दक्षिण अफ्रीका और विश्‍व के कुछ अन्‍य हिस्‍सों में कोरोना वायरस के नए स्ट्रेन मिलने के बाद सरकार ने वायरस निगरानीजीनोम सीक्वेंसिंग और निरुपण में तेज़ी लाने की दिशा में कदम उठाते हुए ‘भारतीय सार्स कोव-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम’ का निर्माण किया है।
  • सरकार ने इस कंसोर्टियम में 10 प्रयोगशालाओं को शामिल किया है, जिसमें से डी.बी.टी.- एन.आई.बी.एम.जीजीनोम सीक्वेंसिंग कंसोर्टियम की समन्‍वय इकाई के रूप में एस.ओ.पीआँकड़ों की व्‍याख्‍याआँकड़ों के विश्‍लेषणआँकड़े जारी करने आदि जैसे कार्यकलापों के संबंध में एन.सी.डी.सी. की एक नोडल यूनिट के साथ मिलकर कार्य करेगी।
  • कंसोर्टियम का लक्ष्‍य नियमित आधार पर बहु-प्रयोगशाला नेटवर्क के माध्‍यम से कोरोना वायरस के जीनोमिक्‍स प्रकारों पर नज़र रखना है। यह भविष्‍य में संभावित वैक्‍सीनों के विकास में भी सहायता प्रदान करेगा।
  • इसके अलावा यह सार्वजनिक स्‍वास्‍थ्‍य प्रभाव सहित जीनोमिक्स प्रकारों का जल्‍द पता लगाने के लिये सख्त निगरानी व्यवस्था भी स्‍थापित करेगा और असामान्‍य घटनाओं/ प्रचलनों (तेज़ी से फैलने की घटनाओं, उच्‍च मृत्‍यु/ रोग के प्रचलन क्षेत्रों आदि) में जीनोमिक्‍स प्रकारों का निर्धारण करेगा।
  • INSACOG में एक उच्‍च स्‍तरीय अंतर-मंत्रालयी संचालन समिति भी होगीजो नीतिगत मामलों के लिये कंसोर्टियम को मार्गदर्शन प्रदान करेगी तथा कंसोर्टियम की निगरानी करेगी। इसमें वैज्ञानिक और तकनीकी मार्गदर्शन के लिये एक वैज्ञानिक सलाहकार समूह भी होगा ।
  • स्‍वास्‍थ्‍य एवं परिवार कल्‍याण मंत्रालय, आई.सी.एम.आर. और सी.एस.आई.आर. के साथ जैव प्रौद्योगिकी विभाग द्वारा समन्वय करके भारतीय सार्स कोव-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम की कार्यनीति और योजना तैयार की गई है।

डिजिटल भुगतान सूचकांक (Digital Payments Index)

  • हाल ही में, रिज़र्व बैंक ने देश में भुगतान के डिजिटलीकरण की सीमा और उसके विभिन्न स्तरों को समझने के लिये एक समग्र डिजिटल भुगतान सूचकांक (DPI) का निर्माण किया है। इस सूचकांक का आधार वर्ष/अवधि मार्च 2018 निर्धारित की गई है।
  • सूचकांक को मार्च 2021 से चार महीने के अंतराल के साथ केंद्रीय बैंक की वेबसाइट पर अर्ध-वार्षिक आधार पर प्रकाशित किया जाएगा।
  • इसे पाँच व्यापक मानकों के आधार पर तैयार किया गया है, जो विभिन्न समयावधि में डिज़िटल भुगतानों की गहराई से जाँच करने में सक्षम हैं। ये मानक निम्नलिखित हैं :
    1. भुगतानकर्ता (25% भारांश)
    2. भुगतान अवसंरचना- माँग पक्ष के कारक (10% भारांश)
    3. भुगतान अवसंरचना- आपूर्ति पक्ष के कारक (15%भारांश)
    4. भुगतान प्रदर्शन (45% भारांश)
    5. उपभोक्ता केंद्रित (5% भारांश)
  • रिज़र्व बैंक के अनुसार इन मानकों के में उप-मानक (Sub Parameters) भी होंगें जिसमें विभिन्न संकेतक शामिल होंगें।
  • रिज़र्व बैंक के अनुसार मार्च 2019 और मार्च 2020 के लिये डी.पी.आई. क्रमश: 153.47 और 207.84 रही, जो अच्छी वृद्धि का संकेत है।
  • भारत में बढ़ते डिजिटल भुगतान की वजह से इन भुगतानों से जुड़े सभी नए बदलाव या ट्रेंड्स का आकलन आवश्यक है। सूचकांक के रूप में इनके सटीक आकलन से भविष्य में डिजिटल पेमेंट से जुड़े दिशा निर्देशों, अधिनियमों एवं विनियमों को लागू करने में सरकार को सहायता मिलेगी।
  • ध्यातव्य है कि वर्ष 2015-16 से 2019-20 के बीच डिजिटल भुगतान तेज़ी से बढ़ा हैडिजिटल भुगतान की संख्या मार्च 2016 में 61 करोड़ से बढ़कर मार्च 2020 तक 3434.56 करोड़ हो गई है। यह पांच साल में करीब 5.8 गुना है

अंतर्राष्ट्रीय प्रतिभूति संगठन

संदर्भ

हाल ही में, अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण (IFSCA) अंतर्राष्ट्रीय प्रतिभूति आयोग संगठन (IOSCO) का एक सहयोगी सदस्य बन गया है।

उद्देश्य

  • IOSCO की सदस्यता IFSCA को सामान्य हितों के मुद्दों पर वैश्विक और क्षेत्रीय स्तर पर जानकारी का आदान-प्रदान करने के लिये मंच प्रदान करेगी।
  • इसके अलावा, IOSCO मंच IFSCA को अन्य स्थापित वित्तीय केंद्रों के नियामकों के अनुभवों और मानक प्रथाओं से सीखने में सक्षम करेगा।
  • IOSCO की सदस्यता वैश्विक स्तर पर प्रतिभूति बाज़ारों के नियामकों के साथ IFSCA को जोड़ने में एक महत्त्वपूर्ण मील का पत्थर है और यह गिफ्ट सिटी (Gujarat International Finance Tec-City)- अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र में वित्तीय उत्पादों, वित्तीय सेवाओं और वित्तीय संस्थानों के विकास एवं विनियमन के लिये अत्यधिक योगदान देगा।

अंतर्राष्ट्रीय प्रतिभूति आयोग संगठन (International Organization of Securities Commissions: IOSCO)

  • IOSCO, विश्व के प्रतिभूति नियामकों को एक साथ लाने वाला एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन है, जो विश्व के 95% से अधिक प्रतिभूति बाज़ारों को आच्छादित करता है। साथ ही, यह प्रतिभूति क्षेत्र के लिये वैश्विक मानक निर्धारक है।
  • IOSCO प्रतिभूति बाज़ारों को मज़बूत करने के लिये मानक स्थापित करने में जी 20 और वित्तीय स्थिरता बोर्ड (FSB) के साथ मिलकर कार्य करता है।
  • IOSCO के उद्देश्य और प्रतिभूति विनियमन के सिद्धांतों को वित्तीय स्थिरता बोर्ड द्वारा वित्तीय प्रणालियों को मज़बूत करने के लिये प्रमुख मानकों के रूप में समर्थित किया गया है।

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