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शॉर्ट न्यूज़: 02 नवंबर, 2020

शॉर्ट न्यूज़: 02 नवंबर, 2020


पब्लिक अफेयर्स इंडेक्स, 2020 (Public Affairs Index-2020)

विभिन्न प्रदेशों के स्थापना दिवस

डिपॉज़िटरी रसीद (Depository Receipt)

अंतर-संसदीय संघ (Inter-Parliamentary Union)

ग्रेट बैरियर रीफ

टाइफून मोलावे

बांध पुनर्वास और सुधार परियोजना (Dam Rehabilitation and Improvement Project)


पब्लिक अफेयर्स इंडेक्स, 2020 (Public Affairs Index-2020)

प्रमुख बिंदु

  • हाल ही में पब्लिक अफेयर्स सेंटर (Public Affairs Centre) द्वारा पब्लिक अफेयर्स इंडेक्स, 2020 जारी किया गया।
  • वर्तमान में इसके अध्यक्ष इसरो के पूर्व अध्यक्ष के. कस्तूरीरंगन हैं। इसकी वार्षिक रिपोर्ट में राज्यों की रैंकिंग के लिये शासन के प्रदर्शन का विश्लेषण न्याय संगतता,  वृद्धि और धारणीयता के तीन स्तंभों द्वारा परिभाषित सतत् विकास के संदर्भ में किया जाता है।
  • यह भारत में शासन की गुणवत्ता में सुधार के लिये वर्ष 1994 में स्थापित एक गैर-लाभकारी थिंक टैंक है।

बड़े राज्यों की स्थिति

  • चारों दक्षिणी राज्य- केरल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक शासन के संदर्भ में बड़े राज्य की श्रेणी में प्रथम चार स्थान पर काबिज हैं।
  • बड़े राज्यों में केरल को सर्वश्रेष्ठ शासित राज्य घोषित किया गया है, जबकि उत्तर प्रदेश सबसे निचले पायदान पर है। इसके बाद ओडिशा और बिहार हैं।

छोटे राज्यों की स्थिति

  • छोटे राज्य की श्रेणी में गोवा प्रथम और मेघालय द्वितीय स्थान पर हैं, जबकि सबसे खराब प्रदर्शन मणिपुर का है।
  • दिल्ली को छोटे राज्यों की श्रेणी में रखा गया है और सबसे खराब प्रदर्शन में मणिपुर के बाद इसका दूसरा स्थान है।

केंद्र शासित प्रदेश

  • केंद्र शासित प्रदेशों की श्रेणी में चंडीगढ़ शीर्ष पर रहा जबकि दादर और नगर हवेली अंतिम स्थान पर हैं।

विभिन्न प्रदेशों के स्थापना दिवस

  • 1 नवम्बर को कई राज्यों का स्थापना दिवस मनाया जाता है। इनमें आंध्र प्रदेश, हरियाणा, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, मध्य प्रदेश और केरल शामिल हैं।
  • वर्ष 1953 में आंध्र प्रदेश के गठन के बाद 7वें संविधान संशोधन अधिनियम, 1956 तथा राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 1956 के द्वारा वर्ष 1956 में 14 राज्य और 6 केंद्र शासित प्रदेशों का गठन किया गया।

आंध्र प्रदेश

  • स्वतंत्रता के बाद भाषाई आधार पर गठित होने वाला पहला राज्य आंध्र प्रदेश था। इसका गठन कांग्रेसी कार्यकर्ता पोट्टी श्रीरामुलु के निधन के बाद किया गया।
  • आंध्र राज्य अधिनियम, 1953 के अनुसार मद्रास राज्य के तेलुगु-भाषी हिस्से को अलग करके 1 अक्तूबर, 1953 को कुर्नूल राजधानी के साथ आंध्र राज्य (आंध्र और रायलसीमा क्षेत्र) का गठन किया गया। हालाँकि उस समय इसमें हैदराबाद राज्य के कुछ तेलुगु भाषी क्षेत्रों (तेलंगाना क्षेत्र) को शामिल नहीं किया गया था।
  • ‘आंध्र केसरी’ (आंध्र का शेर) के नाम से प्रसिद्ध तांगुतुरी प्रकाशम पंतुलु आंध्र राज्य के पहले मुख्यमंत्री बने।
  • राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 1956 के अनुसार आंध्र राज्य तथा हैदराबाद के तेलंगाना क्षेत्र को मिलाकर एक संयुक्त तेलुगु भाषी राज्य आंध्र प्रदेश का पुनर्गठन 1 नवम्बर, 1956 को किया गया।

केरल

  • राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 1956 के द्वारा कोचीन के त्रावणकोर और मालाबार आदि क्षेत्रों को मिलाकर 1 नवम्बर, 1956 को केरल राज्य का गठन किया गया।

मध्य प्रदेश

  • इसी प्रकार मध्य भारत राज्य, भोपाल राज्य और विंध्य क्षेत्र को मिलाकर मध्य प्रदेश राज्य का भी पुनर्गठन 1 नवम्बर, 1956 को किया गया।

कर्नाटक

  • राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 1956 के तहत ही दक्षिण भारत के सभी कन्नड़ भाषी ज़िलों को 1 नवम्बर, 1956 को मैसूर नाम से एकीकृत किया गया।
  • इसमें मैसूर की पूर्ववर्ती रियासतें तथा बम्बई, मद्रास और हैदराबाद के कन्नड़ भाषी क्षेत्रों को शामिल किया गया।
  • हालाँकि, 1 नवम्बर, 1973 को अंततः मैसूर का नाम परिवर्तित करके पुनः कर्नाटक कर दिया गया।

हरियाणा

  • 1 नवम्बर, 1966 को पंजाब से अलग करके 17वें राज्य के रूप में हरियाणा का गठन किया गया।

छत्तीसगढ़

  • मध्य प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम, 2000 के द्वारा 1 नवम्बर, 2000 को मध्य प्रदेश से पृथक करके 26वें राज्य के रूप में छत्तीसगढ़ का गठन किया गया। उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ क्षेत्र कलिंग के चेदि वंश का हिस्सा हुआ करता था।

प्री- फैक्ट्स

राज्य पुनर्गठन अधिनियम, 1956 के अंतर्गत वर्ष 1956 में गठित अन्य राज्य थे- असम, बिहार, बम्बई, जम्मू और कश्मीर, मद्रास, उड़ीसा, पंजाब, राजस्थान, उत्तर प्रदेश एवं पश्चिम बंगाल और 6 केंद्रशासित प्रदेश - अंडमान एवं निकोबार द्वीप समूह, दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, लक्षद्वीप समूह, मणिपुर तथा त्रिपुरा थे।


डिपॉज़िटरी रसीद (Depository Receipt)

चर्चा में क्यों?

  • अंतर्राष्ट्रीय वित्तीय सेवा केंद्र प्राधिकरण (IFSCA) द्वारा गुजरात इंटरनेशनल फाइनेंस टेक-सिटी-इंटरनेशनल फाइनेंशियल सर्विसेज सेंटर (GIFT-IFSC) में वित्तीय उत्पादों और वित्तीय सेवाओं को विकसित करने के उद्देश्य से डिपॉज़िटरी रसीद (DRs) को सूचीबद्ध करने हेतु एक विनियामक ढांचा निर्धारित किया गया है।
  • इन नियमों के लागू होने के बाद फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (FATF) में सूचीबद्ध कम्पनियाँ किसी भी एक्सचेंज में अपनी डिपॉज़िटरी रसीद को सूचीबद्ध करने के साथ-साथ स्टॉक एक्सचेंज पर ट्रेडिंग कर सकेंगी। कम्पनियों को ऐसा करने के लिये अलग से कोई पब्लिक ऑफर नहीं लाना होगा। कम्पनियों के लिये ट्रेंडिंग का यह एक अतिरिक्त माध्यम होगा।
  • ये कम्पनियां जी.आई.एफ.टी.- आई.एफ.एस.सी. के स्टॉक एक्सचेंज में डी.आर.को सूचीबद्ध कराने के साथ ही बाज़ार से पूँजी भी जुटा सकेंगी। अब एफ.ए.टी.एफ. के दायरे में आने वाली सूचीबद्ध कम्पनियों के लिये डिपॉज़िटरी रसीद लाना आसान हो जाएगा।
  • आई.एफ.एस.सी.ए. द्वारा जारी डिसक्लोज़र फ्रेमवर्क के अनुसार पहले से सूचीबद्ध कम्पनियों के समान इन कम्पनियों को भी वित्तीय विवरण, उत्पाद व कीमत जैसी संवेदनशील जानकारी, शेयरहोल्डिंग पैटर्न, डिपॉज़िटरी में बदलाव और कॉर्पोरेट बदलाव की जानकारी जी.आई.एफ.टी.- आई.एफ.एस.सी. को देनी होगी। कम्पनियों को अलग से कोई नियामकीय ज़रूरतों को पूरा करने की आवश्यकता नही होगी।

डिपॉज़िटरी रसीद के बारे में

  • डिपॉज़िटरी रसीद (DR) किसी बैंक द्वारा जारी एक भौतिक व परक्राम्य प्रपत्र (Negotiable Instrument) होता है, जो स्थानीय स्टॉक एक्सचेंज में कारोबार करने वाली विदेशी कम्पनी के शेयर का प्रतिनिधित्व करता है। ये विदेशी बाज़ारों में सीधे स्टॉक खरीदने की तुलना में कम खर्चीली और अधिक सुविधाजनक है।
  • डिपॉज़िटरी रसीद निवेशकों को विदेशी कम्पनियों की इक्विटी में शेयर खरीदनें तथा अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में ट्रेडिंग का विकल्प देकर अपने पोर्टफोलियो में विविधता लाने का अवसर देता है।
  • ये रसीद निवेशकों को विदेशी बाज़ार में व्यापार करने की आवश्यकता के बिना विदेशी कम्पनियों के इक्विटी शेयर को रखने की अनुमति देती हैं। ध्यातव्य है कि अमेरिकी डिपॉज़िटरी रसीद (ADR) डिपॉज़िटरी रसीद के सबसे सामान्य प्रकारों में से एक है, जो 1920 से कम्पनियों, निवेशकों और व्यापारियों को वैश्विक निवेश के अवसर प्रदान कर रहा है।

अंतर-संसदीय संघ (Inter-Parliamentary Union)

  • हाल ही में, अंतर-संसदीय संघ के शासी परिषद् के 206 वें सत्र का आयोजन असाधारण आभासी सत्र के रूप में किये जाने का निर्णय लिया गया है। कोविड-19 महामारी के कारण इसे आई.पी.यू. के सम्पूर्ण वैधानिक सभा (Full-fledged in-person Statutory Assembly)  के स्थान पर आयोजित किया जा रहा है।
  • आभासी सत्र के उद्देश्य में रिमोट इलेक्ट्रॉनिक गुप्त मतदान के माध्यम से आई.पी.यू. के नए अध्यक्ष का चुनाव कराना शामिल है क्योंकि इस महीने आई.पी.यू. के निवर्तमान अध्यक्ष (मैक्सिको से) का कार्यकाल पूरा हुआ है। इसके नए अध्यक्ष के चुनाव के लिये चार उम्मीदवार पुर्तगाल, पाकिस्तान, उज़्बेकिस्तान, और कनाडा से हैं।
  • अंतर-संसदीय संघ राष्ट्रीय संसदों का एक अंतर्राष्ट्रीय संगठन है। जिसका प्राथमिक उद्देश्य लोकतांत्रिक शासन, जवाबदेही और इसके सदस्यों के मध्य सहयोग को बढ़ावा देना है।
  • आई.पी.यू. की स्थापना वर्ष 1889 में अंतर-संसदीय कांग्रेस के रूप में हुई थी, जिसके संस्थापक फ्रांस के फ्रेडेरिक पैसी और यूनाइटेड किंगडम के विलियम रैंडल क्रेमर थे। इसका मुख्यालय जिनेवा, स्विट्ज़रलैंड में स्थित है।
  • वर्ष 2020 तक 179 देशों की राष्ट्रीय संसदें आई.पी.यू. की सदस्य हैं, जबकि 13 क्षेत्रीय संसदीय सभाएँ सहयोगी सदस्य हैं।

ग्रेट बैरियर रीफ

  • ऑस्ट्रेलियाई वैज्ञानिकों ने ग्रेट बैरियर रीफ के पास एक पृथक प्रवाल भित्ति (Coral Reaf) की खोज की है, जिसकी ऊँचाई एम्पायर स्टेट बिल्डिंग और आइफिल टॉवर की ऊँचाई से भी अधिक है।
  • 100 वर्षों में इस तरह की यह पहली ऐसी खोज है।
  • ब्लेड के सामान आकृति का यह रीफ लगभग 500 मीटर ऊँचा और 1.5 किलोमीटर चौड़ा है।
  • यह समुद्र तल से 40 मीटर नीचे और ग्रेट बैरियर रीफ के किनारे से लगभग छह किलोमीटर दूर स्थितहै।

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ग्रेट बैरियर रीफ

  • द ग्रेट बैरियर रीफ दुनिया का सबसे बड़ा प्रवाल भित्ति तंत्र है, जो 2,900 से अधिक एकल प्रवाल भित्तियों और 900 द्वीपों से मिलकर बना है। यह  विलक्षण मूँगे की चट्टानों के लिये प्रसिद्ध है।
  • यह लगभग 344,400 वर्ग किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है।
  • यह क्वींसलैंड के उत्तर-पूर्वी तट पर स्थित है। इसकी चौड़ाई 16 किमी. से 140 किमी. तक है। महाद्वीपीय तट से इसकी दूरी 16 से 240 किमी. है।
  • वर्ष 1981 में यूनेस्को ने इसे विश्व विरासत स्थल के रूप में सूचीबद्ध किया था।

टाइफून मोलावे

चर्चा में क्यों?

हाल ही में, वियतनाम में पिछले दो दशकों के सबसे बड़े तूफानों में से एक टाइफून मोलावे ने भीषण तबाही मचाई।

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मुख्य बिंदु

  • वियतनाम, विशेषकर वहाँ के मध्य तटीय क्षेत्र, जून और नवम्बर के बीच, बारिश के मौसम में अक्सर इस तरह की प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित रहते हैं लेकिन हाल के वर्षों में तूफानों ने ज़्यादा तबाही मचाई है।
  • इस तूफ़ान की वजह से वियतनाम का क्वांग नैम प्रांत (Quang Nam Province) विशेष रूप से प्रभावित हुआ है।
  • ध्यातव्य है कि उत्तर पश्चिमी प्रशांत महासागर में उष्णकटिबंधीय चक्रवातों को 'टाइफून', उत्तरी अटलांटिक महासागर में हरिकेन, उत्तर-पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया में विली-विली और हिंद महासागर क्षेत्र में उष्णकटिबंधीय चक्रवात या ट्रॉपिकल साइक्लोन नाम से जाना जाता है। उष्णकटिबंधीय चक्रवात उत्तरी गोलार्द्ध में वामावर्त (Anti-clockwise) घूमते हैं।
  • इन्हें साफिर-सिम्पसन हरिकेन हवा पैमाने (Saffir–Simpson hurricane wind scale) द्वारा मापा जाता है।
  • क्षेत्रीय विशेषीकृत मौसम विज्ञान केंद्र (Regional Specialized Meteorological Centre -RSMC), टोक्यो का टाइफून केंद्र देशों द्वारा दिये गए नामों की सूची के आधार पर उष्णकटिबंधीय चक्रवातों का नामकरण करता है। 'मोलावे' नाम फिलीपींस द्वारा दिया गया है।

बांध पुनर्वास और सुधार परियोजना (Dam Rehabilitation and Improvement Project)

चर्चा में क्यों?

हाल ही में, आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति ने देश में बांधों की सुरक्षा और रख-रखाव हेतु ड्रिप परियोजना (DRIP) के दूसरे और तीसरे चरण को मंज़ूरी दे दी है।

परियोजना का उद्देश्य-

  • इसका उद्देश्य चयनित बांधों व सम्बंधित परिसम्पत्तियों की सुरक्षा, संचालन और रख-रखाव में स्थाई रूप से सुधार कर वैकल्पिक साधनों का पता लगाना है, जिससे अतिरिक्त राजस्व प्राप्त किया जा सके। साथ ही, इसमें भाग लेने वाले राज्यों के अतिरिक्त केंद्रीय स्तर पर भी बांध सुरक्षा से सम्बंधित व्यवस्था को मज़बूत कर व्यापक प्रबंधन व संस्थागत सुदृढ़ीकरण करना है।
  • विश्व बैंक और एशियाई अवसंरचना निवेश बैंक के द्वारा वित्तीय सहायता प्राप्त इस परियोजना को 10,211 करोड़ रुपए की लागत से 10 वर्ष की अवधि (2021-2031) में पूरा किया जाना है। इसके तहत 19 राज्यों के 736 बांधों को कवर किया जाएगा।
  • इस योजना के पहले चरण की शुरुआत वर्ष 2012 में की गई थी, जिसके तहत 7 राज्यों के 223 बांधों को कवर किया गया था।
  • भारत बड़े बांधों की संख्या के मामले में चीन और अमेरिका के बाद तीसरे स्थान पर है। भारत में बड़े बांधों की संख्या 5,334 है, जिनमें से 80% से ज़्यादा बांध 25 साल से भी अधिक पुराने हैं। बांध और जलाशय देश के आर्थिक और कृषि विकास, परिसम्पत्ति प्रबंधन तथा सुरक्षा की दृष्टि से महत्त्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
  • ध्यातव्य है कि बांधों की देखभाल के लिये बांध स्वास्थ्य और पुनर्वास निगरानी (Dam Health and Rehabilitation Monitoring-DHARMA) प्रणाली का उपयोग वर्तमान में 18 राज्यों द्वारा किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त, भूकम्पीय खतरा विश्लेषण सूचना प्रणाली (Seismic Hazard Analysis Information ystem-SHAISYS) भी बांधों की देखभाल के लिये विकसित की गई है।

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