डाउन सिंड्रोम से पीड़ित चिली के अभिनेता सेबेस्टियन सोलोर्जा राष्ट्रपति चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे हैं।
डाउन सिंड्रोम के बारे में
- डाउन सिंड्रोम एक आनुवंशिक विकार (Genetic Disorder) है। इसे Trisomy 21 भी कहा जाता है।
- इसमें व्यक्ति के शरीर की कोशिकाओं में 21वें गुणसूत्र (Chromosome) की एक अतिरिक्त प्रति पाई जाती है।
कारण
- सामान्यतः मनुष्य में 46 गुणसूत्र होते हैं किंतु डाउन सिंड्रोम में 47 गुणसूत्र होते हैं।
- गर्भावस्था के दौरान भ्रूण की कोशिका विभाजन में हुई त्रुटि इसका मुख्य कारण है।
- अधिकतर मामलों में इसका कारण प्राकृतिक जैविक प्रक्रिया होती है, जिसे रोका नहीं जा सकता है।
- 35 वर्ष से अधिक आयु की गर्भवती महिलाओं में इसका जोखिम अधिक होता है।
लक्षण
- छोटे व सपाट चेहरे की आकृति
- आंखों में ऊपर की ओर तिरछापन
- हाथ-पैर छोटे होना
- शारीरिक व मानसिक विकास की गति धीमी होना
- बोलने व सीखने में कठिनाई
शरीर पर प्रभाव
- जन्मजात हृदय रोग की संभावना अधिक
- थायरॉयड की समस्या
- सुनने और देखने में परेशानी
- कमज़ोर प्रतिरक्षा प्रणाली
- जीवन प्रत्याशा सामान्य से कम हो सकती है किंतु सही उपचार से रोगी लंबा जीवन जी सकते हैं।
उपचार
- इसका स्थायी इलाज संभव नहीं है किंतु सहायक थेरेपी से जीवन की गुणवत्ता सुधारी जा सकती है।
- उपचार में शामिल हैं:
- स्पीच थेरेपी (बोलने में सुधार)
- ऑक्यूपेशनल थेरेपी (दैनिक कार्यों में मदद)
- फिजियोथेरेपी (शारीरिक विकास में सहायक)
- शुरुआती शिक्षा और विशेष देखभाल
- उचित स्वास्थ्य देखभाल से डाउन सिंड्रोम से पीड़ित लोग सामान्य जीवन जी सकते हैं।
भारत एवं विश्व में स्थिति
- भारत में डाउन सिंड्रोम के लगभग 30,000–35,000 नए मामले प्रतिवर्ष सामने आते हैं।
- विश्व स्तर पर हर 700 नवजात शिशुओं में से 1 को डाउन सिंड्रोम होता है।
- विकसित देशों में जागरूकता और चिकित्सा सुविधाओं के कारण डाउन सिंड्रोम से पीड़ित लोग लंबे समय तक स्वस्थ जीवन जी पा रहे हैं।
संबंधित संगठन
- Down Syndrome Federation of India (DSFI) : भारत में जागरूकता और सहयोग प्रदान करता है।
- National Down Syndrome Society (NDSS, USA) : वैश्विक स्तर पर शिक्षा, रोजगार एवं अधिकारों पर काम करता है।
- Down Syndrome International (DSi) : विश्व स्तर पर विशेष जरूरतों वाले लोगों के अधिकारों के लिए कार्यरत है।