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शॉर्ट न्यूज़: 05 अगस्त, 2022

शॉर्ट न्यूज़: 05 अगस्त, 2022


एच.पी.वी. वैक्सीन 

नयी औषधियाँ, चिकित्सा उपकरण एवं प्रसाधन सामग्री विधेयक, 2022


एच.पी.वी. वैक्सीन 

चर्चा में क्यों

हाल ही में, सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा निर्मित देश का पहला क्वाड्रीवेलेंट ह्यूमन पेपिलोमावायरस (Human Papillomavirus : HPV) टीका बाजार प्राधिकरण के लिये भारतीय औषधि महानियंत्रक (Drug Controller General of India: DCGI) द्वारा अनुमोदित किया गया है ।

क्या है एच.पी.वी. 

  • एच.पी.वी. एक सामान्य विषाणु है, जो असुरक्षित यौन संबंधों से एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में फ़ैलता है।
  • कुछ प्रकार के एच.पी.वी. का लंबे समय तक संक्रमण सर्वाइकल कैंसर का मुख्य कारण है।
  • इंडियन जर्नल ऑफ गाइनेकोलॉजिकल ऑन्कोलॉजी (दिसंबर 2021) की एक रिपोर्ट के अनुसार, वर्ष 2020 में भारत में सर्वाइकल कैंसर सभी कैंसर का 9.4% और नए मामलों का 18.3% (1,23,907) था।

सर्वाइकल कैंसर

  • सर्वाइकल कैंसर काफी हद तक उपचार योग्य होने के बावजूद भारत में महिलाओं में कैंसर का दूसरा सबसे सामान्य कैंसर है।
  • सर्वाइकल कैंसर से संबंधित अधिकांश मौतें निम्न और मध्यम आय वाले देशों में होती हैं, जहाँ नियमित रूप से स्त्री रोग संबंधी जाँच न्यूनतम या न के बराबर होती है।

एच.पी.वी. टीका 

  • यह महिलाओं में सर्वाइकल कैंसर के इलाज के लिये पहली स्वदेशी, सस्ती और सुलभ एच.पी.वी. टीका है
  • यह टीका महिलाओं में विशेष रूप से सभी किशोरियों को सर्वाइकल कैंसर से बचाने के लिये बहुत महत्वपूर्ण है
  • यह टीका एच.पी.वी. टाइप 6, 11, 16 और 18 के कारण होने वाले कैंसर की रोकथाम सुनिश्चित करेगा
  • सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंडिया के अनुसार, इस वर्ष के अंत तक इस टीके के लॉन्च होने की संभावना है

विश्व स्वास्थ्य संगठन का पक्ष

  • विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, यदि सर्वाइकल कैंसर का सही समय पर पता चल जाए तथा इसका प्रभावी ढंग से इलाज किया जाए, तो इसका उपचार संभव है।
  • डब्ल्यू.एच.ओ. ने वर्ष 2030 तक सर्वाइकल कैंसर उन्मूलन का लक्ष्य भी निर्धारित किया है।
  • इस लक्ष्य के अनुसार 90% बालिकाओं को 15 वर्ष की आयु तक एच.पी.वी. वैक्सीन के साथ पूर्ण टीकाकरण किया जाना चाहिये, जबकि 70% महिलाओं की 35 वर्ष की आयु तक तथा पुन: 45 वर्ष की आयु में उच्च प्रदर्शन परीक्षण के साथ जाँच की जानी चाहिये।

नयी औषधियाँ, चिकित्सा उपकरण एवं प्रसाधन सामग्री विधेयक, 2022

चर्चा में क्यों 

हाल ही में, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 'नयी औषधियाँ, चिकित्सा उपकरण और सौंदर्य प्रसाधन विधेयक, 2022' (New Drugs, Medical Devices and Cosmetics Bill, 2022) का नया मसौदा जारी किया है।

प्रमुख प्रावधान 

  • इस मसौदा विधेयक में चिकित्सा उपकरणों को अलग से परिभाषित करने के साथ ही चिकित्सा उपकरणों पर अलग से एक विशेषज्ञ समूह के गठन का प्रावधान किया गया है।
  • यह औषधि परीक्षण प्रयोगशालाओं के नेटवर्क की तर्ज पर केंद्र और राज्य स्तर पर चिकित्सा उपकरण परीक्षण प्रयोगशालाओं की स्थापना का प्रावधान करता है।
  • यह केंद्र सरकार को ऑनलाइन फार्मेसियों को विनियमित करने के लिये नियम बनाने का प्रावधान करता है।
  • चिकित्सा उपकरणों के अंतर्गत नैदानिक ​​उपकरण, इसके सॉफ्टवेयर, प्रत्यारोपण एवं दिव्यांग सहायता उपकरण, जीवन समर्थन उपकरण, कीटाणुशोधन में प्रयुक्त उपकरण और किसी भी अभिकर्मक या किट को शामिल किया गया है।
  • वर्ष 1940 के अधिनियम के तहत चिकित्सा उपकरणों को ‘औषधियों’ की चार श्रेणियों में से एक के रूप में विनियमित किया जाता था।
  • इसमें मौजूदा औषधि तकनीकी सलाहकार बोर्ड की तर्ज पर एक 'चिकित्सा उपकरण तकनीकी सलाहकार बोर्ड' बनाने का भी प्रावधान किया गया है। इस बोर्ड में न केवल चिकित्सा पेशेवर शामिल होंगे, बल्कि उपकरणों के तकनीकी विशेषज्ञ भी शामिल होंगे। 
  • इस बोर्ड में स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों के अतिरिक्त परमाणु ऊर्जा विभाग, विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग, इलेक्ट्रॉनिक्स मंत्रालय, रक्षा एवं अनुसंधान संगठन, बायोमेडिकल प्रौद्योगिकी, जैव समग्री और पॉलिमर प्रौद्योगिकी के क्षेत्र के विशेषज्ञ भी शामिल होंगे।

औषधि एवं प्रसाधन सामग्री अधिनियम, 1940 

  • यह अधिनियम भारत में औषधियों के आयात, विनिर्माण और वितरण को विनियमित करता है। 
  • इस अधिनियम का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि भारत में बेची जाने वाली औषधियाँ और सौंदर्य प्रसाधन सामग्री सुरक्षित, प्रभावी एवं राज्य के गुणवत्ता मानकों के अनुरूप हों।

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