New
UPSC GS Foundation (Prelims + Mains) Batch | Starting from : 20 May 2024, 11:30 AM | Call: 9555124124

शॉर्ट न्यूज़: 20 जनवरी, 2021

शॉर्ट न्यूज़: 20 जनवरी, 2021


भारतीय रेल वित्त निगम द्वारा जारी इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग

मुकुंदपुरा सी.एम. 2


भारतीय रेल वित्त निगम द्वारा जारी इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग

संदर्भ

भारतीय रेलवे की वित्तीय कंपनी भारतीय रेल वित्त निगम (IRFC) द्वारा जारी इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) को अच्छी प्रतिक्रिया प्राप्त हुई। अंतिम दिन यह ओवरसबस्क्राइब हो गया।

प्रमुख बिंदु

  • भारतीय रेल वित्त निगम ने वर्ष 2021 में दो दिन के लिये पहला इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) जारी किया।
  • निवेशकों द्वारा 48 करोड़ इक्विटी शेयर्स के लिये बोली लगाई गई, जबकि इसका ऑफर साइज 1.24 करोड़ इक्विटी शेयर का है। निवेशकों द्वारा इसे अंतिम दिन 3.45 गुना सब्सक्राइब किया गया ।
  • विदित है कि  सरकार द्वारा आई.पी.ओ. के माध्यम से 4,633.4 करोड़ रुपये जुटाने का लक्ष्य रखा गया है।
  • इस आई.पी.ओ.के बाद आई.आर.एफ.सी. में सरकार की हिस्सेदारी घटकर 4% हो जाएगी।
  • आई.आर.एफ.सी. का यह आई.पी.ओ. किसी गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी द्वारा सार्वजनिक रूप से जारी किया गया पहला आई.पी.ओ.है।
  • आई.आर.एफ.सी. द्वारा आई.पी.ओ. से प्राप्त आय का उपयोग पूंजी आधार को बढ़ावा देने तथा अन्य उद्देश्यों को पूरा करने में किया जाएगा।

इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO)

  • जब कोई कंपनी पूंजी जुटाने के लिये प्राथमिक बाज़ार में पहली बार प्रतिभूतियों की सार्वजनिक रूप से बिक्री करती है तो इस प्रक्रिया को इनीशियल पब्लिक ऑफरिंग (IPO) कहते हैं। इसे न्यू इश्यू मार्किट के रूप में भी जाना जाता है।
  • आई.पी.ओ. जारी करने के साथ ही कोई कंपनी सार्वजनिक कंपनी बन जाती है, जिसमें व्यक्तिगत निवेशकों से लेकर संस्थागत निवेशकों की भी हिस्सेदारी होती है।
  • भारत में कोई कंपनी सेबी (SEBI) के माध्यम से ही आई.पी.ओ. ला सकती है, इसके लिये इसे नेशनल स्टॉक एक्सचेंज तथा बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध होने के लिये आवश्यक शर्तों का पालन करना होता है।
  • इसके अंतर्गत केवल वही कंपनियाँ आई.पी.ओ. जारी कर सकती हैं जिनकी न्यूनतम पेड-अप कैपिटल 10 करोड़ हो।
  • कोई कंपनी जितने शेयरों की बिक्री करना चाहती है यदि निवेशक उससे अधिक शेयरों की बोली लगा देते हैं तो आई.पी.ओ. को ओवरसबस्क्राइबड माना जाता है।

आई.पी.ओ. के लाभ

  • आई.पी.ओ. के माध्यम से किसी कंपनी को अपने विस्तार हेतु पूंजी जुटाने में मदद मिलती है तथा कंपनी का कारोबार बढ़ता है।
  • सामान्य निवेशकों के लिये आई.पी.ओ. के माध्यम से निवेश करना आसान होता है।
  • आई.पी.ओ. के माध्यम से जुटाई गई धनराशि का प्रयोग कंपनी नए पूंजीगत उपकरणों तथा आधारभूत ढाँचे में निवेश के लिये करती है।

मुकुंदपुरा सी.एम. 2

संदर्भ

हाल ही में, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण, कोलकाता के द्वारा किये गए एक अध्ययन में, वर्ष 2017 में जयपुर के समीप स्थित मुकुंदपुरा गाँव में गिरे एक उल्कापिंड की खनिज संबंधी विशेषताओं पर प्रकाश डाला गया है।

मुख्य बिंदु

  • मुकुंदपुरा सी.एम.2 उल्कापिंड को कार्बोनिसिअस चोंडराईट (Carbonaceous Chondrite) के रूप में वर्गीकृत किया गया था, जिसकी संरचना सूर्य के समान है।
  • यह एक प्रकार का स्टोनी उल्कापिंड है, जिसे सबसे प्राचीन उल्कापिंड माना जाता है, जो सौर मंडल में जमा होने वाले सबसे प्राचीन ठोस पिंडों का अवशेष है।
  • उल्कापिंडों को मोटे तौर पर तीन वर्गों में वर्गीकृत किया जाता है - स्टोनी (सिलिकेटयुक्त), आयरन (Fe-Ni मिश्र धातु), और स्टोनी-आयरन (सिलिकेट-लौह धातु का मिश्रण)।
  • चोंडराईट सिलिकेट-ड्रॉपलेट-बेयरिंग उल्कापिंड (silicate-droplet-bearing meteorites) होते हैं, तथा मुकुंदपुरा चोंडराईट भारत में गिरने के वाला पाँचवा सबसे बड़ा कार्बोनसियस उल्कापिंड है।
  • मुकुंदपुरा सी.एम. 2 अध्ययन के परिणाम पृथ्वी के निकट अवस्थित क्षुद्रग्रहों रयुगु (Ryugu) और बेन्नू (Bennu) की सतह संरचना के अध्ययन के लिये प्रासंगिक हैं।

Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR