शॉर्ट न्यूज़: 22 जून, 2022
संत तुकाराम
तीव्र रेडियो प्रस्फोट
रामसे हंट सिंड्रोम
संत तुकाराम
चर्चा में क्यों
हाल ही में, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पुणे जिले के देहू में संत तुकाराम शिला मंदिर का उद्घाटन किया।
शिला मंदिर
- यह मंदिर एक चट्टान को समर्पित है, जिस पर संत तुकाराम ने 13 दिनों तक ध्यान किया था। इस दौरान इन्होंने अपने द्वारा लिखे गए अभंगों की प्रामाणिकता के बारे में चुनौती दी थी।
- विदित है कि संत तुकाराम ने अपनी कृति को इंद्रायणी नदी में विसर्जित कर दिया था। 13 दिनों के बाद उनकी रचना चमत्कारिक रूप से फिर से प्रकट हुई,जिससे उनकी प्रामाणिकता साबित हुई।
- जिस पवित्र चट्टान पर संत तुकाराम 13 दिनों तक बैठे थे, वह वारकरी संप्रदाय के लिये एक तीर्थस्थल है।
संत तुकाराम
- ये 17 वीं सदी के महान भक्ति संत एवं कवि थे। इन्होंने महाराष्ट्र में भक्ति आंदोलन की नींव रखी।
- ये भगवान विट्ठल अर्थात विष्णु के परम भक्त थे। इन्होंने स्थानीय भाषा में भगवान विट्ठल को समर्पित कई भक्ति गीतों की रचना की, जिसे अभंग के नाम से जाना जाता है।
- इन्होंने जातिविहीन समाज के संबंध में अपने संदेश दिये तथा धार्मिक अनुष्ठानों का विरोध किया। इन्हें वारी तीर्थयात्रा शुरू करने का श्रेय दिया जाता है।
तीव्र रेडियो प्रस्फोट
चर्चा में क्यों
हाल ही में, नेचर पत्रिका में प्रकाशित एक अध्ययन में खगोलविदों ने तीव्र रेडियो बर्स्ट (Fast Radio Burst: FRB) की सूचना दी है, जो पहले से ज्ञात लगभग अन्य सभी एफ़.आर.बी. से भिन्न हैं।
एफ.आर.बी.20190520 बी.
- पत्रिका में प्रकाशित यह नया अध्ययन एफ.आर.बी. 20190520 बी. (FRB 20190520B) के संदर्भ में है, जिसे पहली बार वर्ष 2019 में चीन के गुइझोउ में 500 मीटर आपर्चर गोलाकार रेडियो टेलीस्कोप (Five-hundred-meter Aperture Spherical radio Telescope : FAST) का उपयोग करके खोजा गया था।
- वैज्ञानिकों ने इस एफ.आर.बी. का अध्ययन करने के लिये यू.एस. नेशनल साइंस फाउंडेशन के कार्ल जी जांस्की वेरी लार्ज एरे और अन्य दूरबीनों का उपयोग किया है।
- इस एफ.आर.बी. के लिये संकेत लगभग 3 अरब प्रकाश वर्ष दूर से मिले हैं।
तीव्र रेडियो प्रस्फोट
- एफ.आर.बी. विद्युत चुंबकीय स्पेक्ट्रम के रेडियो बैंड में प्रकट होने वाली प्रकाश की असामान्य प्रकार की चमकीली दीप्ति होती है। यह केवल कुछ मिलीसेकंड के लिये प्रदीप्त होती है और फिर बिना कोई निशान छोड़े लुप्त हो जाती है।
- ये सूक्ष्म और रहस्यमयी प्रकाश-दीप्तियाँ ब्रह्मांड के विभिन्न और दूरस्थ हिस्सों के साथ-साथ हमारी आकाशगंगा में भी देखी जाती हैं। एफ.आर.बी. को खगोल-विज्ञान के महान अनसुलझे रहस्यों में से एक माना जाता है।
- विदित है कि वर्ष 2007 में पहली बार एफ.आर.बी. को खोजा गया था। स्पेस डॉट कॉम के अनुसार, एफ.आर.बी. की खोज स्नातक छात्र डेविड नारकेविक और उनके पर्यवेक्षक डंकन लोरिमर ने की थी।
रामसे हंट सिंड्रोम
चर्चा में क्यों
हाल ही में 'रामसे हंट सिंड्रोम' नामक दुर्लभ रोग के कारण कनाडाई पॉप सिंगर जस्टिन बीबर के चेहरे का दाहिना हिस्सा पूरी तरह से लकवाग्रस्त हो गया है।
क्या है रामसे हंट सिंड्रोम
- रामसे हंट सिंड्रोम या ‘हर्पीज ज़ोस्टर ओटिकस’ एक दुर्लभ तंत्रिका संबंधी विकार है जिससे चेहरे की तंत्रिका पक्षाघात का शिकार हो जाती है तथा आमतौर पर इससे कान या मुंह प्रभावित होते हैं।
- यह बीमारी वेरीसेल्ला जोस्टर वायरस (Varicella Zoster Virus) के कारण होती है जो बच्चों में चिकनपॉक्स और वयस्कों में दाद का कारण बनती है।
- यह बीमारी किसी भी व्यक्ति में हो सकती है जिसे चिकनपॉक्स हुआ हो। प्रायः चिकनपॉक्स के साथ वायरस नसों में रहना जारी रखता है। वर्षों बाद यह चेहरे की नसों को फिर से सक्रिय और प्रभावित कर सकता है जिसके परिणामस्वरूप रामसे हंट सिंड्रोम हो सकता है।
- ‘द न्यूयॉर्क टाइम्स’ की एक रिपोर्ट के अनुसार यह प्रत्येक वर्ष एक लाख लोगों में से केवल 5 से 10 लोगों को ही होता है।
लक्षण
- इस रोग के सबसे आम लक्षणों में कान के चारों ओर लाल चकत्ते, चेहरे पर पक्षाघात आदि शामिल हैं।
- कान में दर्द, बहरापन, शुष्क मुँह एवं एक आँख बंद करने में कठिनाई भी इसके सामान्य लक्षण हैं।
उपचार
- सामान्यतः रोगी पूरी तरह ठीक हो जाता है परंतु कुछ दुर्लभ मामलों में चेहरे का पक्षाघात और बहरापन स्थायी हो सकता है।
- सामान्य रोगी को एंटी-वायरल दवा जबकि अधिक गंभीर मामलों में स्टेरॉयड दिया जाता है। इसके आलावा, इस रोग के उपचार में फिजियोथेरेपी का उपयोग भी किया जाता है।