शॉर्ट न्यूज़: 26 जुलाई, 2022
रिमपैक-22
राष्ट्रीय प्रतीक
रिमपैक-22
चर्चा में क्यों
हाल ही में, हवाई द्वीप के पर्ल हार्बर में रिमपैक-22 का आयोजन किया गया, जिसमें भारत की ओर से आईएनएस सतपुड़ा एवं पी 8 आई समुद्री गश्ती विमान ने भाग लिया।
प्रमुख बिंदु
- अमेरिकी नौसेना ने इस द्विवार्षिक रिम ऑफ द पैसिफिक (RIMPAC) अभ्यास का नेतृत्व किया, जो विश्व के सबसे बड़े बहुपक्षीय नौसेना अभ्यासों में से एक है।
- इस अभ्यास का उद्देश्य आपसी संचालनीयता (Interoperability) को बढ़ाना तथा नौसेनाओं के बीच विश्वास पैदा करना है। इसके वर्तमान संस्करण में 27 देशों ने भाग लिया।
- इस बहुपक्षीय अभ्यास की शुरुआत वर्ष 1971 में अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा द्वारा एक वार्षिक अभ्यास के रूप में की गई थी जिसे वर्ष 1974 से द्विवार्षिक कर दिया गया।
- इस अभ्यास में भारत ने पहली बार वर्ष 2014 में भाग लिया। इससे पहले भारतीय नौसेना की उपस्थिति कुछ संस्करणों में पर्यवेक्षक के रूप में रही हैं।
आईएनएस सतपुड़ा
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आईएनएस सतपुड़ा एक स्वदेशी रूप से डिजाइन और निर्मित 6,000 टन निर्देशित मिसाइल स्टील्थ युद्धपोत है जो हवा, सतह और पानी के नीचे विरोधी को तलाशने और नष्ट करने में सक्षम है।
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राष्ट्रीय प्रतीक
चर्चा में क्यों
हाल ही में, प्रधानमंत्री ने सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के हिस्से के रूप में नए संसद भवन में भारत के राष्ट्रीय प्रतीक की मूर्ति का अनावरण किया।
प्रमुख बिंदु
- इस मूर्ति का निर्माण सुनील देवरे और रोमियल मोसेस मूर्तिकारों द्वारा किया गया, जो 6.5 मीटर की एक काँस्य प्रतिमा है। इसका वजन 9,500 किलोग्राम है।
- यह मौर्य सम्राट अशोक के शासनकाल में निर्मित सारनाथ स्तंभ की प्रतिकृति है, जो साहस, शक्ति, आत्मविश्वास और गौरव का प्रतिनिधित्व करता है।
सारनाथ स्तंभ
- इस प्रतीक चिह्न में चार एशियाई शेर हैं, जिसमें तीन शेर दिखाई देते हैं तथा चौथा हमेशा सामान्य दृष्टि से छिपा रहता है।
- इसे 250 ईसा पूर्व में बनाया गया था, जो सात फीट लंबी मूर्ति है। इसे पॉलिश किये गए बलुआ पत्थर से बनाया गया है।
- उल्टे कमल की आकृति पर एक चौकी निर्मित है, जिस पर चार पशु घोड़ा, शेर, बैल और हाथी के साथ चार चक्र अंकित किये गए हैं। ये चारों पशु चार दिशाओं को चिन्हित करते हैं, जबकि चक्र बुद्ध के धर्मचक्र प्रवर्तन के प्रतीक है।
- प्रत्येक चक्र में 24 तीलियाँ होती हैं। इसी चक्र को बाद में राष्ट्रीय ध्वज के हिस्से के रूप में अपनाया गया।
- चीनी यात्री ह्वेनसांग ने अपने लेखन में अशोक के सिंह स्तंभ का विस्तृत विवरण दिया है।
- यह स्तंभ बुद्ध की शिक्षाओं के प्रसार के लिये अशोक की योजना का एक हिस्सा था।
राष्ट्रीय प्रतीक
- 26 जनवरी, 1950 को सारनाथ का यह स्तंभ आधिकारिक तौर पर भारत का राष्ट्रीय प्रतीक बन गया।
- इस प्रतीक को 'सत्यमेव जयते' के आदर्श वाक्य के साथ अपनाया गया था, जो मुंडकोपनिषद से लिया गया, जिसका अर्थ है 'सत्य हमेशा जीतता है'।
- इस प्रतीक का उपयोग भारतीय गणतंत्र की मुहर के रूप में किया जाता है।