New
Holi Offer: Get 40-75% Discount on all Online/Live, Pendrive, Test Series & DLP Courses | Call: 9555124124

शॉर्ट न्यूज़: 26 नवंबर, 2020

शॉर्ट न्यूज़: 26 नवंबर, 2020


प्रगति बैठक

लक्ष्‍मी विलास बैंक के डी.बी.एस. बैंक इंडिया लिमिटेड में विलय को मंजूरी

महिलाओं के लिये जर्मनी का नया बोर्डरूम कोटा (GERMANY’S NEW BOARDROOM QUOTA FOR WOMEN)

जी-20 का 15वाँ शिखर सम्मेलन


प्रगति बैठक

मुख्य बिंदु

  • ‘प्रगति’ अर्थात् ‘सक्रिय शासन और सामयिक कार्यान्वयन’ (Pro-Active Governance and Timely Implementation- PRAGATI) सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी आधारित बहुउद्देश्यीय और बहु-मॉडल प्‍लेटफॉर्म है, जो केंद्र और राज्य सरकारों को शामिल करते हुए शासन के सक्रिय संचालन और परियोजनाओं के समय पर क्रियान्‍वयन में सहायता प्रदान करता है।
  • इस मंच को 25 मार्च 2015 को लॉन्च किया गया था। प्रगति प्लेटफ़ॉर्म के अंतर्गत डिजिटल डेटा प्रबंधन, वीडियो-कॉन्फ्रेंसिंग और भू-स्थानिक प्रौद्योगिकी जैसी तीन नवीनतम तकनीकों को शामिल किया जाता है।
  • यह एक ऐसा मंच है जिसमें सम्बंधित मंत्रालयों और राज्यों के मुख्य सचिवों को किसी बुनियादी ढाँचा परियोजना के लिये केंद्र-राज्य के मुद्दों को सुलझाने के लिये एक मंच पर लाया जाता है।
  • इस प्रकार, यह एक त्रिस्तरीय प्रणाली है, जिसमें पी.एम.ओ, केंद्र सरकार के सचिव और राज्यों के मुख्य सचिव शामिल होते हैं।
  • हाल ही में, प्रधानमंत्री द्वारा प्रगति के 33वें संवाद की अध्यक्षता की गई। इस संवाद में शिकायत निवारण के महत्त्व पर जोर देते हुए कहा गया कि हमारा ध्यान केवल निवारण की मात्रा या संख्या पर नहीं बल्कि गुणवत्ता पर भी होना चाहिये। साथ ही, इसमें राज्यों से राज्य-विशिष्ट निर्यात रणनीति विकसित करने के लिये भी कहा गया।

लक्ष्‍मी विलास बैंक के डी.बी.एस. बैंक इंडिया लिमिटेड में विलय को मंजूरी

चर्चा में क्यों?

हाल ही में, केंद्रीय मंत्रिमंडल ने लक्ष्‍मी विलास बैंक लिमिटेड (LVB) के डी.बी.एस. बैंक इंडिया लिमिटेड (DBIL) में विलय की योजना को मंजूरी प्रदान कर दी है।

मुख्य बिंदु

  • जनता और हितधारकों से सुझाव तथा आपत्तियाँ आमंत्रित करने के बाद भारतीय रिज़र्व बैंक ने विलय की योजना तैयार की है। तीव्रता से एल.वी.बी. का विलय और उसकी समस्‍या का समाधान स्‍वच्‍छ बैंकिंग व्‍यवस्‍था स्‍थापित करने की वचनबद्धता के अनुरूप है। साथ ही, यह जमाकर्ताओं व आम जनता के साथ-साथ वित्तीय प्रणाली के हित में भी है। 
  • आर.बी.आई. के अनुसार, एल.वी.बी. पर लगाए गए मोराटोरियम को अब हटा दिया जाएगा, जिसके परिणामस्वरूप जमाकर्ता बिना किसी सीमा के अपनी धनराशि को निकाल सकते हैं।
  • उल्लेखनीय है कि जमाकर्ताओं के हितों की रक्षा तथा वित्तीय एवं बैंकिंग स्थिरता के मद्देनज़र बैंकिंग विनियमन कानून,1949 के सेक्‍शन 45 के तहत आर.बी.आई. की सलाह पर कुछ समय पूर्व सरकार द्वारा एल.वी.बी. पर 30 दिनों के लिये मोराटोरियम लगा दिया गया था।
  • हालाँकि, विलय के लिये घोषित योजना में इक्विटी शेयरधारकों (जिनके शेयरों को राइट-ऑफ़ कर दिया गया है) के लिये किसी प्रकार के बेलआउट की पेशकश नहीं की गई है। अब किसी भी स्टॉक एक्सचेंज में सूचीबद्ध इसके शेयर या डिबेंचर डी-लिस्टेड हो जाएंगे।
  • इस प्रकार एल.वी.बी. जल्द ही डी.बी.आई.एल. के रूप में सामान्य परिचालन प्रारम्भ कर देगा।

डी.बी.एस. बैंक इंडिया लिमिटेड (DBIL)

  • डी.बी.आई.एल. एक बैंकिंग कम्पनी है जिसे आर.बी.आई. से लाइसेंस प्राप्‍त है। यह पूर्ण स्वामित्व वाले सहायक मॉडल पर भारत में परिचालन करती है और विलय के बाद इसकी शाखाओं की संख्‍या बढ़कर 600 हो जाएगी।
  • डी.बी.एस. से सम्‍बद्ध होने के कारण डी.बी.आई.एल. अतिरिक्‍त लाभ की स्थिति में भी है। डी.बी.एस. एशिया का एक प्रमुख वित्तीय सेवा समूह है। इसका मुख्‍यालय सिंगापुर में है और वह सिंगापुर के शेयर बाज़ार में लिस्टेड भी है। 

लक्ष्मी विलास बैंक (LVB)

  • चेन्नई आधारित एल.वी.बी. का नेटवर्क दक्षिण भारत में केंद्रित है। इसकी तीन-चौथाई शाखाएँ तीन राज्यों तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में स्थित हैं।
  • पिछले तीन वर्षों से बैंक के लगातार घाटे में रहने के कारण इसकी शुद्ध सम्पति में गिरावट दर्ज की गई है।

महिलाओं के लिये जर्मनी का नया बोर्डरूम कोटा (GERMANY’S NEW BOARDROOM QUOTA FOR WOMEN)

  • जर्मनी, देश की सूचीबद्ध फर्मों में वरिष्ठ प्रबंधन पदों पर काम करने वाली महिलाओं की न्यूनतम संख्या निश्चित करने के लिये एक अनिवार्य कोटा लागू करने की योजना बना रहा है। विदित है कि जर्मनी में इसके पूर्व स्वैच्छिक प्रणाली थी जिसकी वजह से कार्यस्थल पर लैंगिक असमानता के मामलों में वृद्धि देखी जा रही थी। इस ऐतिहासिक कदम को देश में लैंगिक असमानता की खाई को कम करने के लिये एक सशक्त कदम के रूप में देखा जा रहा है।
  • इसे दूसरा प्रबंधन पद अधिनियम (Second Management Positions Act) के नाम से जाना जाता है। कैबिनेट द्वारा इस विधेयक के प्रमुख बिंदुओं पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
  • अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार, देश की सूचीबद्ध कम्पनियों में तीन से अधिक सदस्य वाले कार्यकारी बोर्ड में एक सदस्य का अनिवार्य रूप से महिला होना आवश्यक है। इसके अतिरिक्त जिन कम्पनियों में सरकार की हिस्सेदारी है, उन्हें पर्यवेक्षी बोर्ड में महिलाओं का न्यूनतम 30% कोटा तथा कार्यकारी बोर्डों में महिलाओं की न्यूनतम भागीदारी सुनिश्चित करनी होगी।
  • गौरतलब है कि जर्मनी में वर्ष 2015 के बाद से पर्यवेक्षी बोर्डों में महिलाओं के लिये स्वैच्छिक कोटा 30% का था, जो पदों के अनुपात में महिलाओं की स्थिति में सुधार करने के लिये बहुत कम था। विदित है कि जर्मनी यूरोप की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था है।
  • बोर्डरूम में महिलाओं के प्रतिनिधित्व के मामले में जर्मनी की स्थिति अच्छी नहीं थी। इसके बाद प्रबंधन से जुड़े वरिष्ठ पदों पर महिलाओं की संख्या में बढ़ोत्तरी के साथ प्रमुख देशों की सूची में जर्मनी की स्थिति में सुधार होने की उम्मीद है। वर्तमान में उच्च प्रबंधन के स्तर पर 28.6% महिलाओं की भागीदारी के साथ अमेरिका शीर्ष स्थान पर है।

जी-20 का 15वाँ शिखर सम्मेलन

  • हाल ही में, सऊदी अरब की अध्यक्षता में आभासी रूप से आयोजित जी-20 के 15वें शिखर सम्मेलन में बोलते हुए प्रधानमंत्री ने कोविड​​-19 महामारी को मानवता के इतिहास में एक महत्त्वपूर्ण मोड़ बताते हुए इस द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद से विश्व के सामने सबसे बड़ी चुनौती बताया।
  • प्रधानमंत्री मोदी ने कोरोना के बाद की दुनिया (पोस्ट-कोरोना वर्ल्ड) के लिये नए वैश्विक सूचकांक का आह्वान किया, जिसमें निम्नलिखित चार प्रमुख तत्त्व शामिल होंगे -

1. एक विशाल प्रतिभा पूल का निर्माण,
2. यह सुनिश्चित करना कि प्रौद्योगिकी समाज के सभी वर्गों तक पहुँचे,
3. शासन की प्रणालियों में पारदर्शिता और
4. संरक्षण/न्यासिता (Trusteeship) की भावना के साथ पृथ्वी के साथ व्यवहार करना।

  • ध्यातव्य है कि G-20, 19 देशों और यूरोपीय संघ का एक अनौपचारिक समूह है, जिसमें अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक के प्रतिनिधि भी शामिल हैं। G-20, दुनिया की सबसे बड़ी, उन्नत और उभरती हुई अर्थव्यवस्थाओं का मिश्रण है , जो दुनिया की आबादी का लगभग दो-तिहाई, वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का 85%, वैश्विक निवेश का 80% और वैश्विक व्यापार का 75% से अधिक का प्रतिनिधित्व करते हैं।
  • 19 सदस्य देश अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, मैक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, तुर्की, यूनाइटेड किंगडम और संयुक्त राज्य अमेरिका हैं। यूरोपीय संघ का प्रतिनिधित्व, यूरोपीय आयोग और यूरोपीय केंद्रीय बैंक द्वारा किया जाता है।

Have any Query?

Our support team will be happy to assist you!

OR