शॉर्ट न्यूज़: 9 मार्च , 2021
महिला एवं बाल विकास की छत्रक योजनाएँ
मैत्री सेतु
महिला एवं बाल विकास की छत्रक योजनाएँ
संदर्भ
महिला और बाल विकास मंत्रालय की सभी प्रमुख योजनाओं और कार्यक्रमों को तीन छत्रक योजनाओं (Umbrella Schemes) में श्रेणीबद्ध कर दिया गया है।
प्रमुख बिंदु
- इन छत्रक योजनाओं के नाम ‘मिशन पोषण 2.0’, ‘मिशन वात्सल्य’ और ‘मिशन शक्ति’ है। इसका उद्देश्य इन योजनाओं को प्रभावी ढंग से लागू करना है।
- भोजन में पोषक तत्त्वों की मात्रा को और अधिक बढ़ाने, उनके वितरण और उन तक पहुँच को आसान बनाने तथा सकारात्मक परिणामों के लिये सरकार ने बजट में ‘पूरक पोषण कार्यक्रम’ और ‘पोषण अभियान’ का आपस में विलय करके ‘मिशन पोषण 2.0’शुरू करने का प्रस्ताव किया है। यह मिशन 112 ‘आकांक्षी ज़िलों’ में पोषण परिणामों को बेहतर करने के लिये अपनाया गया है।
- तीनों छत्रक योजनाएँ और उनमें शामिल विभिन्न योजनाएँ और कार्यक्रम-
छत्रक योजना |
शामिल की गई योजनाएँ |
सक्षम आँगनवाडी एवं मिशन पोषण 2.0 |
छत्रक समेकित बाल विकास सेवाएँ (ICDSs)-आँगनवाडी सेवाएँ, पोषण अभियान, किशोरियों के लिये योजनाएँ, राष्ट्रीय शिशु गृह (Creche) योजना |
मिशन वात्सल्य |
बाल संरक्षण सेवाएँ और बाल कल्याण योजनाएँ |
मिशन शक्ति |
संबल (वन स्टॉप सेंटर,महिला पुलिस स्वयंसेवक,महिला हेल्पलाइन/स्वाधार/उज्ज्वला/विधवा आश्रय स्थल इत्यादि) सामर्थ्य (‘बेटी बचाओ, बेटी पढाओ’;क्रेच;‘प्रधान मंत्री मातृ वंदना योजना’;जेंडर बजटिंगएवं शोध |
अन्य तथ्य
- वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार भारत की कुल जनसंख्या में महिलाओं और बच्चों का प्रतिशत लगभग 67.7है। दीर्घकालिक विकास के लिये आर्थिक, पर्यावरणीय एवं सामाजिक बदलाव में महिलाएँ प्रमुख भूमिका निभाती हैं।
- ‘मिशन शक्ति’महिलाओं के संरक्षण और सशक्तीकरण के लिये एक मिशन है। इसे महिला और बाल विकास मंत्रालय की अन्य छत्रक योजनाओं (जैसे मिशन पोषण 2.0, मिशन वात्सल्यऔर मिशन सक्षम–आँगनवाडी के समावेशन के साथ चलाया जाएगा।
मैत्री सेतु
संदर्भ
हाल ही में, भारत और बांग्लादेश के बीच 'मैत्री सेतु' का उद्घाटन किया गया है।
मैत्री सेतु
- यह सेतु फेनी नदी पर बनाया गया है, जो त्रिपुरा और बांग्लादेश में के बीच बहती है।
- 9 किलोमीटर लंबा यह सेतु भारत के सबरूम (Sabroom) को बांग्लादेश के रामगढ़ (Ramgadh) से जोड़ता है।
- इस सेतु का निर्माण राष्ट्रीय राजमार्ग एवं अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (National Highways and Infrastructure Development Corporation Ltd) द्वारा किया गया है।
पुल का महत्त्व
- इस उद्घाटन के साथ, त्रिपुरा 'गेटवे ऑफ नॉर्थ ईस्ट' बनने के लिये तैयार है। चूँकि इस सेतु के निर्माण की वजह से त्रिपुरा से चटगाँव (बांग्लादेश) बंदरगाह तक पहुँच आसान हो जाएगी जो सबरूम से मात्र 80 किलोमीटर दूर है।
- 'मैत्री सेतु' नाम भारत और बांग्लादेश के बीच बढ़ते द्विपक्षीय संबंधों और मैत्रीपूर्ण संबंधों का प्रतीक है।
फेनी नदी के बारे में
- फेनी दक्षिण-पूर्वी बांग्लादेश और त्रिपुरा में बहने वाली एक पार-सीमा नदी है। फेनी नदी के पानी के अधिकार को लेकर भारत एवं बांग्लादेश के बीच विवाद चल रहा है।
- इस नदी का उद्गम दक्षिण त्रिपुरा ज़िले में होता है और यह सबरूम शहर से होते हुए बांग्लादेश में प्रवेश करती है।
- फेनी नदी के पानी के बँटवारे के प्रश्न पर पहली बार वर्ष 1958 में भारत और पाकिस्तान के बीच चर्चा हुई थी।
अन्य संबद्ध परियोजनाएँ
सबरूम चेक पोस्ट
- मैत्री सेतु के साथ ही इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट की स्थापना भी की जाएगी।
- यह चेक पोस्ट दोनों देशों के बीच माल और यात्रियों की आवाजाही को आसान बनाने में सहायक होगा। साथ ही, यह पूर्वोत्तर राज्यों के उत्पादों के लिये नए बाज़ार के अवसर भी प्रदान करेगा।
- इस परियोजना की देख-रेख भारतीय भूमि पत्तन प्राधिकरण (Land Ports Authority of India) द्वारा की जा रही है।