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मेक इन इंडिया पहल के 10 वर्ष

(सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 3; भारतीय अर्थव्यवस्था तथा योजना, संसाधनों को जुटाने, प्रगति, विकास तथा रोज़गार से संबंधित विषय।) 

संदर्भ 

  •  25 सितंबर 2024 को  "मेक इन इंडिया" पहल के 10 वर्ष पूर्ण हुए। इस पहल का शुभारंभ   प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 25 सितंबर 2014 को किया गया था।
  • उद्देश्य भारत को डिजाइन  एवं विनिर्माण के लिए एक वैश्विक केंद्र के रूप में स्थापित करना। 
  • वर्तमान "मेक इन इंडिया 2.0" चरण में 27 क्षेत्रों को शामिल किया गया है।

मेक इन इंडिया पहल के अंतर्गत आने वाले क्षेत्र

विनिर्माण क्षेत्र

सेवा क्षेत्र

एयरोस्पेस एवं रक्षा

सूचना प्रौद्योगिकी एवं सूचना प्रौद्योगिकी सक्षम सेवाएँ (आईटी और आईटीईएस)

ऑटोमोटिव एवं ऑटो घटक

पर्यटन एवं आतिथ्य सेवाएँ

फार्मास्यूटिकल्स तथा चिकित्सा उपकरण

मेडिकल वैल्यू ट्रैवल

पूंजीगत माल

लेखा वित्त सेवाएँ

वस्त्र एवं परिधान

ऑडियो विजुअल सेवाएँ

रसायन एवं पेट्रो रसायन

कानूनी सेवाएँ 

इलेक्ट्रॉनिक्स सिस्टम डिजाइन एवं  विनिर्माण (ESDM)

संचार सेवाएँ

चमड़ा एवं जूते

निर्माण और संबंधित इंजीनियरिंग सेवाएँ

खाद्य प्रसंस्करण

पर्यावरण सेवा

रत्न एवं आभूषण

वित्तीय सेवाएं

शिपिंग

शिक्षा सेवाएँ

रेलवे

निर्माण

नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा

मेक इन इंडिया के चार स्तंभ

  1. नई प्रक्रियाएँ :  मेक इन इंडिया पहल ने उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए 'व्यापार करने में आसानी' को एक महत्वपूर्ण कारक के रूप में पहचाना।
    • सरकार ने कारोबारी माहौल को बेहतर बनाने के लिए कई उपाय लागू किए गए जिससे यह स्टार्टअप्स और स्थापित उद्यमों के लिए अधिक अनुकूल बन सके।
  2. नया बुनियादी ढाँचा : सरकार ने औद्योगिक गलियारों एवं स्मार्ट शहरों के विकास पर ध्यान केंद्रित किया है।  विश्व स्तरीय बुनियादी ढाँचे के निर्माण के लिए अत्याधुनिक तकनीक एवं उच्च गति संचार को एकीकृत किया।
    • सुव्यवस्थित पंजीकरण प्रणालियों और बेहतर बौद्धिक संपदा अधिकार बुनियादी ढाँचे के माध्यम से नवाचार एवं अनुसंधान का समर्थन किया गया है।
  3. नए क्षेत्र: रक्षा उत्पादन, बीमा, चिकित्सा उपकरण, निर्माण एवं रेलवे बुनियादी ढाँचे सहित विभिन्न क्षेत्रों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI)  की अनुमति दी गई है।
    • इस विस्तार में बीमा एवं चिकित्सा उपकरणों में FDI नियमों को आसान बनाना, अंतर्राष्ट्रीय निवेश तथा विकास को प्रोत्साहित करना भी शामिल था।
  4. नई मानसिकता : सरकार ने देश के आर्थिक विकास को आगे बढ़ाने के लिए उद्योग के साथ साझेदारी करते हुए एक नियामक के बजाय एक सुविधाकर्ता की भूमिका निभाई है। 
    • इस बदलाव का उद्देश्य एक सहयोगात्मक वातावरण को बढ़ावा देना था जो औद्योगिक विकास एवं नवाचार को समर्थन प्रदान करे।

मेक इन इंडिया को सक्षम बनाने के लिए उठाए गए प्रमुख कदम :

  • उत्पादन-लिंक्ड प्रोत्साहन (पीएलआई)
  • पीएम गतिशक्ति
  • सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम विकास
  • राष्ट्रीय लॉजिस्टिक्स नीति
  • राष्ट्रीय औद्योगिक गलियारा 
  • स्टार्टअप इंडिया
  • कर सुधार
  • एकीकृत भुगतान इंटरफ़ेस
  • विकास कार्यक्रम

मेक इन इंडिया पहल  से FDI में रिकॉर्ड वृद्धि 

  • भारत में FDI प्रवाह में लगातार वृद्धि हुई है, जो वर्ष 2014-15 में $45.14 बिलियन से बढ़कर वर्ष 2021-22 में रिकॉर्ड $84.83 बिलियन तक पहुँच गया है।
  • अप्रैल 2014 और मार्च 2024 के बीच, भारत ने $667.41 बिलियन का FDI आकर्षित किया।
  • वित्त वर्ष 2023-24 में, कुल FDI प्रवाह $70.95 बिलियन था, जिसमें इक्विटी प्रवाह $44.42 बिलियन तक पहुँच गया, जो वैश्विक निवेश गंतव्य के रूप में भारत के बढ़ते महत्त्व को रेखांकित करता है।

मेक इन इंडिया के अंतर्गत प्रमुख उपलब्धियां

  • टीका निर्माण :  स्वदेशी रूप से निर्मित टीकों की मदद से भारत ने न केवल रिकॉर्ड समय में कोविड-19 टीकाकरण कवरेज हासिल किया, बल्कि दुनिया भर के कई विकासशील और अविकसित देशों को जीवन रक्षक टीकों का प्रमुख निर्यातक भी बन गया।
    • वस्तुतः भारत दुनिया के लगभग 60% टीकों की आपूर्ति करता है। 
  • वंदे भारत ट्रेन :  भारत की पहली स्वदेशी सेमी-हाई-स्पीड ट्रेन, वंदे भारत ट्रेनें, 'मेक इन इंडिया' पहल की सफलता को चिन्हित करती हैं। 
    • वर्तमान में वंदे भारत ट्रेन सेवाएँ उन्नत रेल प्रौद्योगिकी में भारत की बढ़ती क्षमता को प्रदर्शित करती हैं।
  • रक्षा उत्पादन :  भारत ने रक्षा उत्पादन में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की है, जिसे देश के पहले घरेलू रूप से निर्मित विमानवाहक पोत INS विक्रांत के लॉन्च के रूप में देखा जा सकता है। 
    • वर्ष 2023-24 में, रक्षा उत्पादन बढ़कर ₹1.27 लाख करोड़ हो गया है, जिसका निर्यात 90 से अधिक देशों तक पहुँच गया है। 
  • इलेक्ट्रॉनिक क्षेत्र : भारत का इलेक्ट्रॉनिक क्षेत्र वित्त वर्ष 2023 में 155 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुँच गया है।
    • वर्तमान में मोबाइल फ़ोन की कुल इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादन  में 43% हिस्सेदारी है।
    • भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल निर्माता है वर्तमान में 99% मोबाइल फ़ोन विनिर्माण घरेलू स्तर पर किया जाता है।

अन्य उपलब्धियां 

  • ‘मेड इन बिहार' जूते अब रूसी सेना के उपकरणों का हिस्सा हैं, जो वैश्विक रक्षा बाजार में भारतीय उत्पादों के लिए एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। 
  • अमूल ने अमेरिका में अपने डेयरी उत्पादों को लॉन्च करके अपनी उपस्थिति का विस्तार किया है।
  • कपड़ा उद्योग ने देश भर में कुल14.5 करोड़ नौकरियों का सृजन किया है।
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