चर्चा में क्यों?
19 फरवरी को राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग का 22वां स्थापना दिवस मनाया गया।

राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग
- स्थापना : 19 फरवरी 2004
- 89वाँ संविधान संशोधन अधिनियम 2003 के तहत
- संवैधानिक निकाय :
- मुख्यालय : नई दिल्ली
- संवैधानिक प्रावधान : अनुच्छेद 338-A
संरचना:
- इसमें एक अध्यक्ष, एक उपाध्यक्ष और तीन अन्य सदस्य होते है।
- उन्हें राष्ट्रपति द्वारा उनके हस्ताक्षर और मुहर के पश्चात् नियुक्त किया जाता है।
- उनकी सेवा शर्तें और पदावधि राष्ट्रपति द्वारा निर्धारित की जाती हैं।
कार्यकाल:
- अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और अन्य सदस्य तीन वर्ष की अवधि के लिए
- ये सभी दो से अधिक कार्यकालों के लिए नियुक्ति के पात्र नहीं होंगे।
कार्य:
- जनजातियों के अधिकारों की रक्षा
- सुझाव और सिफारिशें
- समाज में जागरूकता फैलाना
- समस्या समाधान
रिपोर्ट :
- आयोग के द्वारा राष्ट्रपति को वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की जाती
- यह राष्ट्रपति द्वारा संसद के समक्ष रखी जाती हैं।
- राष्ट्रपति किसी राज्य सरकार से संबंधित आयोग की रिपोर्ट को संबंधित राज्यपाल को भी प्रेषित करते है।
- राज्यपाल इसे राज्य विधानमंडल के समक्ष प्रस्तुत करते है।
राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति:
- भारतीय संविधान के अनुच्छेद 366(25) के अनुसार,
- अनुसूचित जनजातियों का अर्थ है ऐसी जनजातियाँ या जनजातीय समुदाय या जनजातीय समुदायों के उन समूहों से है जिन्हें इस संविधान के प्रयोजनों के लिए अनुच्छेद 342 के अंतर्गत अनुसूचित जनजाति माना जाता है।
प्रश्न: राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग का 22वां स्थापना दिवस कब मनाया गया?
(a) 18 फरवरी
(b) 19 फरवरी
(c) 20 फरवरी
(d) 21 फरवरी
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