(प्रारंभिक परीक्षा : योजनाएँ एवं कार्यक्रम) (मुख्य परीक्षा, सामान्य अध्ययन प्रश्नपत्र- 2 व 3: सरकारी नीतियों और विभिन्न क्षेत्रों में विकास के लिये हस्तक्षेप, विकास प्रक्रिया तथा विकास उद्योग, भारतीय अर्थव्यवस्था तथा योजना, संसाधनों को जुटाने, प्रगति, विकास तथा रोज़गार से संबंधित विषय) |
संदर्भ
भारत सरकार ने उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर ज़िले में ₹417 करोड़ की लागत से एक अत्याधुनिक इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर (EMC 2.0) की स्थापना को स्वीकृति दी है। यमुना एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण (YEIDA) द्वारा विकसित किया जाने वाला EMC का विस्तार 200 एकड़ में होगा।
इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर (EMC 2.0) योजना के बारे में
- परिचय : इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग क्लस्टर (EMC 2.0) योजना भारत सरकार की एक महत्वाकांक्षी पहल है जो इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में निवेश, रोजगार सृजन एवं तकनीकी प्रगति को बढ़ावा देने के लिए एक रणनीतिक ढांचा प्रदान करती है।
- पृष्ठभूमि : यह योजना प्रथम EMC योजना (2012) का उन्नत संस्करण है जिसमें अधिक व्यापक एवं आधुनिक दृष्टिकोण अपनाया गया है।
- शुभारंभ : वर्ष 2020
- नोडल मंत्रालय : इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय
EMC 2.0 योजना के प्रमुख उद्देश्य
- इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण को बढ़ावा : देश में इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों के स्थानीय उत्पादन को प्रोत्साहित करना ताकि आयात पर निर्भरता कम हो।
- निवेश आकर्षण : घरेलू एवं वैश्विक कंपनियों को भारत में निवेश के लिए प्रेरित करना
- नवाचार एवं स्टार्टअप्स को प्रोत्साहन : स्टार्टअप्स व सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यमों (MSMEs) के लिए विश्व-स्तरीय सुविधाएँ प्रदान करना
- वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला में एकीकरण : भारत को इलेक्ट्रॉनिक्स की वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला का महत्वपूर्ण हिस्सा बनाना
- निर्यात को बढ़ावा : इलेक्ट्रॉनिक्स उत्पादों के निर्यात को प्रोत्साहित कर विदेशी मुद्रा अर्जन को बढ़ाना
EMC 2.0 योजना की विशेषताएँ
EMC 2.0 योजना को इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र की बदलती जरूरतों के अनुरूप डिज़ाइन किया गया है। इसकी प्रमुख विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:
- वित्तीय सहायता : योजना के तहत देश भर में ग्रीनफील्ड एवं ब्राउनफील्ड ई.एम.सी. दोनों की स्थापना के लिए अनुदान सहायता प्रदान की गई।
- ग्रीनफील्ड इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण क्लस्टरों में परियोजनाओं के लिए प्रत्येक 100 एकड़ भूमि के लिए 70 करोड़ रुपए की सीमा के अधीन परियोजना लागत के 50% तक सहायता प्रदान की जाती है।
- ब्राउनफील्ड ई.एम.सी. के लिए बुनियादी ढांचे की लागत का 75% प्रदान किया जाता है, जिसकी अधिकतम सीमा 50 करोड़ रुपए है।
- यह सहायता बुनियादी ढांचे, जैसे- बिजली, पानी, सड़क एवं अन्य सुविधाओं के विकास के लिए दी जाती है।
- राज्य सरकारों को भी बुनियादी ढांचा विकास और अन्य प्रोत्साहनों के लिए योगदान देने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है।
- प्लग-एंड-प्ले बुनियादी ढांचा
- EMC में विश्व-स्तरीय प्लग-एंड-प्ले सुविधाएं उपलब्ध कराई जाती हैं, जिसमें मानक फैक्ट्री शेड, गोदाम, बिजली व जलापूर्ति, सीवेज उपचार संयंत्र और लॉजिस्टिक्स सुविधाएँ शामिल हैं।
- यह सुविधाएँ उद्यमों की स्थापना समय एवं लागत को कम करती हैं जिससे वे तुरंत उत्पादन शुरू कर सकते हैं।
- साझा सुविधाएँ
- क्लस्टर में साझा सुविधाएँ, जैसे- कौशल विकास केंद्र, परीक्षण एवं प्रमाणन लैब, स्वास्थ्य केंद्र, हॉस्टल एवं अनुसंधान व विकास (R&D) केंद्र उपलब्ध कराए जाते हैं।
- ये सुविधाएँ विशेष रूप से स्टार्टअप्स एवं MSMEs के लिए लाभकारी हैं जो उच्च लागत वाले बुनियादी ढांचे में निवेश करने में सक्षम नहीं होते हैं।
- क्लस्टर दृष्टिकोण
- EMC का डिज़ाइन क्लस्टर-आधारित दृष्टिकोण पर आधारित है, जहां एक ही स्थान पर इलेक्ट्रॉनिक्स से संबंधित सभी गतिविधियां केंद्रित होती हैं।
- इससे आपूर्ति श्रृंखला की लागत कम होती है और उद्यमों के बीच सहयोग बढ़ता है।
- पर्यावरणीय स्थिरता
- इस योजना में पर्यावरण-अनुकूल प्रथाओं को प्राथमिकता दी जाती है, जैसे कि ऊर्जा-कुशल प्रौद्योगिकियों का उपयोग और सीवेज उपचार संयंत्रों की स्थापना।
EMC 2.0 के तहत समर्थित उद्योग
EMC 2.0 योजना विभिन्न इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्रों को समर्थन प्रदान करती है, जिनमें शामिल हैं:
- उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स : स्मार्टफोन, टेलीविजन, स्मार्ट डिवाइस और अन्य घरेलू उपकरण
- ऑटोमोटिव इलेक्ट्रॉनिक्स : इलेक्ट्रिक वाहनों (EV), बैटरी प्रबंधन प्रणाली और ऑटोमोटिव सेंसर
- औद्योगिक इलेक्ट्रॉनिक्स : स्वचालन उपकरण, नियंत्रण प्रणाली और औद्योगिक सेंसर
- चिकित्सा उपकरण : डायग्नोस्टिक उपकरण, इमेजिंग डिवाइस व मेडिकल इलेक्ट्रॉनिक्स
- कंप्यूटर हार्डवेयर : लैपटॉप, डेस्कटॉप, सर्वर और स्टोरेज डिवाइस
- संचार उपकरण : 5G उपकरण, राउटर और टेलीकॉम इंफ़्रास्ट्रक्चर