हाल ही में, भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने अपने CE-20 क्रायोजेनिक इंजन पर ‘बूटस्ट्रैप मोड स्टार्ट टेस्ट’ सफलतापूर्वक पूरा किया है।
ISRO का बूटस्ट्रैप मोड स्टार्ट परीक्षण
- यह परीक्षण 7 नवंबर, 2025 को महेंद्रगिरि स्थित ISRO प्रोपल्शन काम्प्लेक्स के उच्च तुंगता सुविधा (HAT) में वैक्यूम स्थितियों में किया गया। यह टेस्ट ‘बूटस्ट्रैप मोड स्टार्ट’ पर आधारित था।
- सामान्यतः CE-20 इंजन को स्टार्ट करने के लिए बाहरी गैस बॉटल और स्टार्ट-अप सिस्टम की आवश्यकता होती है।
- बूटस्ट्रैप मोड में इंजन बिना किसी बाहरी सहायता के खुद ही स्थिर संचालन तक पहुँचता है। टेस्ट 10 सेकंड तक चला और इंजन ने अपेक्षित प्रदर्शन दिखाया।
मुख्य विशेषताएँ
- CE-20 इंजन पहले से ही 19 से 22 टन थ्रस्ट के बीच संचालन में सक्षम है।
- गगनयान मिशन के लिए भी यह इंजन योग्य घोषित हो चुका है।
- बूटस्ट्रैप मोड में इंजन:
- बिना बाहरी गैस बॉटल के स्टार्ट हो सकता है।
- थ्रस्ट चैम्बर इग्निशन → गैस जेनरेटर इग्निशन → टर्बो पंप स्टार्ट का क्रम अपनाता है।
- टेस्ट के दौरान स्थायी-अवस्था (Steady-state) ऑपरेशन सफलतापूर्वक हासिल किया गया।
- गैस-जनरेटर साइकल इंजन में इस तरह का बूटस्ट्रैप स्टार्ट विश्व में संभवतः पहली बार सफल हुआ है।
महत्त्व
- मल्टी-ऑर्बिट मिशन में बढ़ी क्षमता: भविष्य के LVM3 मिशनों में कई बार इन-फ्लाइट इंजन रीस्टार्ट की आवश्यकता होगी। यह तकनीक इसे संभव बनाती है।
- पेलोड क्षमता में वृद्धि: बाहरी स्टार्ट-अप गैस बॉटल एवं सिस्टम हटने से रॉकेट ज्यादा पेलोड ले जा सकेगा।
- मिशन रेसिलिएंस में वृद्धि : एक ही लॉन्च में कई उपग्रहों को अलग-अलग कक्षाओं में स्थापित करना आसान होगा।
- तकनीकी नेतृत्व: गैस-जनरेटर क्रायोजेनिक इंजन में बिना किसी औक्सिलिअरी सिस्टम के बूटस्ट्रैप स्टार्ट दुनिया में पहली बार माना जा रहा है जो ISRO की तकनीकी श्रेष्ठता को दर्शाता है।