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ताइवान में 6.3 तीव्रता का भूकंप 

प्रारम्भिक परीक्षा – भूकंप
मुख्य परीक्षा - सामान्य अध्ययन पेपर-1

संदर्भ

  • ताइवान के उत्तर-पूर्व इलाके में सोमवार को स्थानीय समयानुसार 06.51pm बजे जोरदार भूकंप के झटके महसूस किये गये।
  • संयुक्त राज्य भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण (यूएसजीएस) के अनुसार, रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 6.3 थी। इसकी गहराई जमीन से 183.5 किलोमीटर अंदर थी।
  • ताइवान, आधिकारिक तौर पर चीन गणराज्य, पूर्वी एशिया में एक द्वीपीय देश है। यह उत्तर-पश्चिमी प्रशांत महासागर में पूर्व और दक्षिण चीन सागर के मध्य/जंक्शन पर स्थित है, जिसके उत्तर-पश्चिम में पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना, उत्तर-पूर्व में जापान और दक्षिण में फिलीपींस है।

earth-quack

प्रमुख बिंदु 

ताइवान में भूकंप क्यों आते हैं?

  • ताइवान फिलीपीन सागरीय प्लेट तथा यूरेशियन प्लेट के मध्य में है जिस कारण से प्लेटों के मध्य आपस में टक्कर के कारण यहाँ भूकंप के झटके महसूस किये जाते हैं।
  • भूकंप भू-पृष्ठ पर होने वाला आकस्मिक कंपन है जो भूगर्भ में चट्टानों के लचीलेपन या समस्थिति के कारण होने वाले समायोजन का परिणाम होता है। यह प्राकृतिक एवं मानवीय दोनों ही कारणों से हो सकता है। प्राकृतिक कारणों में विवर्तनिक अस्थिरता , ज्वालामुखी क्रिया, वलन एवं भ्रंशन, प्लूटोनिक घटनाएं तथा भूगर्भिक गैसों का फैलाव आदि शामिल किए जाते है। 
  • कृत्रिम या मानव निर्मित भूकंप मानवीय क्रियाओं की अवैज्ञानिकता के परिणाम होते हैं। इस संदर्भ में विवर्तनिक रूप से अस्थिर प्रदेशों में सड़कों, बाधों, विशाल जलाशयों आदि के निर्माण का उदाहरण लिया जा सकता है। इसके अलावा परमाणु परीक्षण भी भूकंप के लिए उत्तरदायी है।
  • बता दें कि 2.0 या 3.0 की तीव्रता वाला भूकंप हल्का होता है, जबकि 6.0 तीव्रता या इससे ज्यादा तीव्रता वाला भूकंप खतरनाक और विनाशकारी होता है। 
  • पृथ्वी की संरचना को चार प्रमुख परतों में विभाजित किया गया है: क्रस्ट, मेंटल, बाहरी कोर और आंतरिक कोर।

focus

  • क्रस्ट और ऊपरी मैन्टल को लिथोस्फेयर कहा जाता है। ये 50 किलोमीटर की मोटी परतें होती हैं, जिन्हें टैक्‍टोनिक प्लेट्स कहा जाता है। ये टैक्‍टोनिक प्लेट्स अपनी जगह से खिसकती रहती हैं। ये प्‍लेट्स हर साल लगभग 4-5 मिमी तक अपने स्थान से खिसक जाती हैं। ये क्षैतिज और ऊर्ध्वाधर, दोनों ही तरह से अपनी जगह से हिल सकती हैं। इस क्रम में कभी कोई प्लेट दूसरी प्लेट के समानांतर तो कोई दूर या विपरीत जाती है। इस दौरान कभी-कभी ये प्लेट्स एक-दूसरे से टकरा जाती हैं। ऐसे में ही भूकंप आता है और धरती हिल जाती है। ये प्लेटें सतह से करीब 30-50 किमी तक नीचे हैं।
  • भूकंप आने के पहले वायुमंडल में “रेडॉन” गैसों की मात्रा में वृद्धि हो जाती है। अतः इस गैस की मात्रा में वृद्धि का होना उस प्रदेश विशेष में भूकंप आने का संकेत होता है। जिस जगह में भूकंपीय तरंगे उत्पन्न होती है उसे भूकंप मूल (Focus) कहते है तथा जहाँ सबसे पहले भूकम्पीय लहरों का अनुभव किया जाता है उसे भूकम्प केंन्द्र (Epicentre) कहते हैं।
  • भूकंप के दौरान जो ऊर्जा भूकंप मूल से निकलती है, उसे प्रत्यास्थ ऊर्जा (Elastic Energy) कहते हैं। भूकंप के दौरान कई प्रकार की भूकंपीय तरंगे (Seismic Waves) उत्पन्न होती हैं जैसे P,S,L आदि।

प्रारंभिक परीक्षा प्रश्न : निम्नलिखित में से कौन-सा एक, एशिया के पूर्वी सीमांतों में भूकंप आने का कारण है? 

(a) यूरेशियाई प्लेट के नीचे इंडियन प्लेट का क्षेपण/अवगमन

(b) यूरोपीय प्लेट के नीचे अफ्रीकी प्लेट का क्षेपण/अवगमन

(c) यूरेशियाई प्लेट के नीचे पैसेफिक प्लेट का क्षेपण/अवगमन

(d) पैसेफिक प्लेट के नीचे अमेरिकी प्लेट का क्षेपण/अवगमन

उत्तर : (c)

मुख्य परीक्षा प्रश्न :भूकंप उत्पत्ति के संबंध में दिये गए प्रत्यास्थ पुनश्चलन सिद्धांत (Elastic rebound theory) की व्याख्या कीजिए।

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