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कतर में 8 भारतीय नौसैनिको को मौत की सजा   

प्रारंभिक परीक्षा- समसामयिकी
मुख्य परीक्षा- सामान्य अध्ययन, पेपर-2  

संदर्भ-

  • अक्टूबर,2023 में  कतर की एक अदालत ने जासूसी के आरोप में आठ भारतीयों (नौसेना के सभी पूर्व कर्मियों) को मौत की सजा सुनाई।यह भारत सरकार के लिए एक झटका है, क्योंकि कतर शायद ही कभी मौत की सजा देता है। कतर के अधिकारियों द्वारा भारतीय नागरिकों के खिलाफ आरोपों को सार्वजनिक नहीं किया गया है।

Qatar

बिंदु-

  • जून,2018 में कतर की एक अदालत ने एक कतर के एक नागरिक की हत्या के लिए एक नेपाली कर्मचारी अनिल चौधरी को मौत की सजा सुनाई थी। 
  • यह 17 वर्षों में क़तर की पहली फांसी थी. इसके पूर्व 2003 में क़तर में फांसी दी गई थी।

पृष्ठभूमि-

  • सभी भारतीय नागरिक दोहा स्थित दहरा ग्लोबल के कर्मचारी हैं और इतालवी छोटी स्टील्थ पनडुब्बियों U2I2 के प्रवेषण की देखरेख के लिए दहरा ग्लोबल के साथ निजी तौर पर कार्य कर रहे थे।
  • कैप्टन नवतेज सिंह गिल, कैप्टन बीरेंद्र कुमार वर्मा, कैप्टन सौरभ वशिष्ठ, कमांडर अमित नागपाल, कमांडर पूर्णेंदु तिवारी, कमांडर सुगुनाकर पकाला, कमांडर संजीव गुप्ता और नाविक रागेश को अगस्त,2022 में हिरासत में लिया गया था।
  • इन आठ भारतीयों पर इजरायल के लिए जासूसी करने का आरोप लगाया गया था। भारत की ओर से आरोपों पर कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है।
  • क़तर के दो नागरिकों के खिलाफ भी आरोप तय किए गए, जिनमें से एक दहरा ग्लोबल के सीईओ खामिस अल-अजमी हैं। अल-अजमी को अक्टूबर,2022 में जमानत मिलने तक दो महीने की अवधि के लिए एकांत कारावास में रखा गया था। 
  • फीफा फुटबॉल विश्व कप की शुरुआत से ठीक पहले एक ओमानी नागरिक को भी हिरासत में लिया गया था, जिसे बाद में रिहा कर दिया गया।
  • दोहा में पूर्व भारतीय राजदूत दीपक मित्तल ने क़तर के अधिकारियों द्वारा भारतीयों को हिरासत में लेने के बाद तीन बार बंदियों से मुलाकात की। मित्तल अब प्रधान मंत्री कार्यालय में हैं. उनको दिल्ली से मामले की निगरानी करने का काम सौंपा गया है।

कतर में भारतीय-

  • खाड़ी और पश्चिम एशियाई क्षेत्र में लगभग 90 लाख भारतीय रहते हैं, जिनमें से लगभग 8 लाख कतर में रहते हैं और काम करते हैं। भारतीय प्रवासियों को आम तौर पर कानून का पालन करने वाला माना जाता है।
  • अतीत में भारतीयों द्वारा आक्रामक व्यवहार के ऐसे उदाहरण जरुर सामने आए हैं, जब स्थानीय अधिकारियों ने कार्रवाई की है। 
  • इनमें से कुछ मामले एक भारतीय राजनितिक दल के एक नेता द्वारा पैगंबर के बारे में की गई विवादास्पद टिप्पणियों के बाद हुए और क्षेत्र के कुछ देशों द्वारा उन भारतीयों के खिलाफ कार्रवाई की गई जिन्होंने उन टिप्पणियों का समर्थन किया था या उन्हें बढ़ावा दिया था।
  • कतर इस क्षेत्र में ऐसे टिप्पणियों पर आपत्ति जताने वाले पहले देशों में से एक था।

नौसैनिकों के बारे में -

  • सभी आठ भारतीय ओमानी नागरिक के स्वामित्व वाली रक्षा सेवा प्रदाता कंपनी दहरा ग्लोबल टेक्नोलॉजीज एंड कंसल्टेंसी सर्विसेज में कार्य कर रहे थे, जो रॉयल ओमानी वायु सेना के सेवानिवृत्त स्क्वाड्रन लीडर थे। 
  • कंपनी कतर के अमीरी नौसेना बल (क्यूईएनएफ) को प्रशिक्षण, रसद और रख-रखाव की सेवाएं प्रदान करती थी। वे वहां चार-छह साल से काम कर रहे थे और भारतीय दूतों ने कंपनी की प्रशंसा की थी।
  • कंपनी के प्रबंध निदेशक के रूप में कार्यरत कमांडर (सेवानिवृत्त) पूर्णेंदु तिवारी को भारत और कतर के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने में उनकी भूमिका के लिए 2019 में प्रवासी भारतीय सम्मान पुरस्कार दिया गया था।
  • दोहा में भारतीय दूतावास को सितंबर,2023 के मध्य में गिरफ्तारियों के बारे में सूचित किया गया था और 30, सितंबर को लोगों को टेलीफोन पर अपने परिवारों से संक्षेप में बात करने की अनुमति दी गई थी।

कानूनी प्रक्रिया-

  • 1 अक्टूबर,2022 को दोहा में भारत के राजदूत और मिशन के उप प्रमुख ने आठों भारतीयों से मुलाकात की। 
  • 3 अक्टूबर,2022 को भारतीय दूतावास को पहली कांसुलर एक्सेस प्रदान की गई। 
  • 15 मार्च,2023 को आखिरी जमानत याचिका खारिज कर दी गई।
  • 25 मार्च, 2023 को आठों के खिलाफ आरोप दायर किए गए। 
  • 30 मई, 2023 को दहरा ग्लोबल ने दोहा में अपना परिचालन बंद कर दिया। वहां काम करने वाले सभी लोग, मुख्य रूप से भारतीय घर लौट आए हैं।
  • 26 अक्टूबर,2023 को कतर की अदालत ने सभी आठ भारतीयों को मौत की सजा का फैसला सुनाया।

भारत की प्रतिक्रिया-

  • 26 अक्टूबर,2023 के आदेश पर अपनी प्रतिक्रिया में विदेश मंत्रालय ने कहा कि वह इस मामले को उच्च महत्व दे रहा है और सभी कानूनी विकल्प तलाश रहा है।
  • विदेश मंत्रालय ने कहा कि वह भारतीयों को सभी कांसुलर और कानूनी सहायता देना जारी रखेगा। 
  • यह संकट में फंसे भारतीयों के प्रति भारत की मानक टेम्पलेट प्रतिक्रिया के अनुरूप है, भले ही उनके अपराध की प्रकृति कुछ भी हो।
  • यह पहली बार नहीं है कि किसी भारतीय को विदेश में मौत की सजा का सामना करना पड़ा हो और भारत सरकार ने हमेशा ऐसे लोगों को मुक्त कराने के लिए अपना समर्थन दिया है। 
  • वर्ष,2019 में सरकार द्वारा प्रस्तुत आंकड़ों के अनुसार, कुवैत, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात में रह रहे 44 भारतीयों को मौत की सजा दी गई थी, जिनमें से कुछ को नशीली दवाओं से संबंधित अपराधों के लिए दोषी ठहराया गया था।
  • हाल के दिनों में सबसे प्रसिद्ध मामला पूर्व नौसेना अधिकारी कुलभूषण जाधव का है, जिन्हें कथित जासूसी के आरोप में पाकिस्तान की हिरासत में मौत की सजा दी गई है।

मृत्युदंड से बचाने के विकल्प-

1. कानूनी प्रक्रिया-

  • इस मामले को प्रथम दृष्टया न्यायालयी प्रक्रिया कहा जाता है। 
  • इस संदर्भ में चार बार सुनवाई हो चुकी है। 
  • भारत सरकार भारतीयों को उच्च न्यायालयों में मौत की सजा को चुनौती देने और मौत की सजा से राहत दिलाने में मदद करने जा रही है।
  • मामले को लड़ने में भारत एनरिका लेक्सी-इतालवी मरीन मामले में अपनाई गई रणनीति का पालन कर रहा है।
  • 15 फरवरी,2012 को भारत के केरल तट पर सेंट एंटनी जहाज़ पर सवार दो भारतीय मछुआरों की मौत हो गई। 
  • भारत ने आरोप लगाया कि इटली के झंडे वाले वाणिज्यिक तेल टैंकर एमबी एनरिका लेक्सी पर सवार दो इतालवी नौसैनिकों ने मछुआरों की हत्या कर दी।
  • सूत्रों के अनुसार, उस मामले में भारत सरकार ने अंतरराष्ट्रीय कानूनों, समुद्री क्षेत्र अधिनियम, 1976, भारतीय दंड संहिता, आपराधिक प्रक्रिया संहिता और यूएनसीएलओएस 1982 के प्रावधानों के अनुसार रुख बनाए रखा था।

 2. दया याचिका-

  • बंदियों के परिवारों ने कतर के अमीर के पास दया याचिका दायर की है, जो रमज़ान और ईद के दौरान माफ़ी देने के लिए जाने जाते हैं। इसे भारत सरकार की मदद से भी आगे बढ़ाया जा रहा है।

3. राजनीतिक और कूटनीतिक विकल्प-

  •  इस मामले को भारत सरकार ने विभिन्न आधिकारिक और राजनीतिक स्तरों पर उठाया है।
  • भारत के कूटनीतिक प्रयास छोटे लेकिन शक्तिशाली खाड़ी राज्य के साथ उसके बहुमुखी संबंधों का परीक्षण होंगे, जिसके साथ उसने मैत्रीपूर्ण संबंध बनाने के लिए कार्य किया है।
  • कतर के तत्कालीन अमीर, शेख हमद बिन खलीफा अल-थानी [अब फादर अमीर] ने 1999, 2005 और 2012 में भारत का दौरा किया था। 
  • नवंबर,2008 में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की कतर यात्रा किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली यात्रा थी। 
  • मार्च,2015 में कतर के अमीर शेख तमीम बिन हमद अल थानी ने भारत का राजकीय दौरा किया। 
  • प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने जून,2016 में कतर का दौरा किया।
  • अक्टूबर,2022 में प्रधानमंत्री मोदी ने क़तर के अमीर से बात की और अमीर की तरफ से दिवाली की शुभकामनाएं स्वीकार की थीं एवं कतर में होने वाले सफल फीफा विश्व कप टूर्नामेंट के लिए भारत की ओर से शुभकामनाएं दी थीं। 
  • प्रधानमंत्री मोदी ने जब 29 अक्टूबर,2022 को अमीर से बात की और द्विपक्षीय संबंधों पर चर्चा की, तो वे भारत-कतर राजनयिक संबंधों के 50 साल पूरे होने पर संयुक्त रूप से जश्न मनाने पर सहमत हुए।
  • दोनों देशों के बीच मजबूत आर्थिक संबंध हैं. कतर से एलएनजी आयात इन संबंधों की एक महत्वपूर्ण विशेषता है  और कतर निवेश प्राधिकरण द्वारा भारत की अर्थव्यवस्था में पर्याप्त निवेश किया गया है।
  • 2022-23 में कतर के साथ भारत का द्विपक्षीय व्यापार 18.77 बिलियन अमेरिकी डॉलर था। 2022-23 के दौरान कतर को भारत का निर्यात 1.96 बिलियन अमेरिकी डॉलर था और कतर से भारत का आयात 16.8 बिलियन अमेरिकी डॉलर था।
  • कतर के साथ रक्षा संबंध भी काफी मजबूत हैं और रक्षा सहयोग द्विपक्षीय एजेंडे का एक महत्वपूर्ण स्तंभ है।
  • सूत्रों के अनुसार, कतर में भारतीय प्रवासियों की अच्छी खासी साख है। सूत्रों ने कहा, "उन्हें कानून का पालन करने वाले के रूप में देखा जाता है, इसलिए हम कतर प्रतिष्ठान में काम करने के लिए प्रभावशाली भारतीय समुदाय के सदस्यों की मदद का भी उपयोग करेंगे।"
  • इसमें एक समाधान कैदियों का स्थानांतरण समझौता हो सकता है, जिस पर भारत और कतर के बीच 2015 में हस्ताक्षर किए गए थे।

चुनौतियां-

  • सबसे बड़ी चुनौती यह है कि, भारत इज़राइल के लिए जासूसी करने के आरोप से कैसे निपटती है। 
  • ऐसे समय में जब इजराइल-हमास युद्ध के बीच क्षेत्र ध्रुवीकृत है, भारत के लिए भू-राजनीतिक संवेदनशीलता पर बातचीत करना एक कठिन कार्य होगा।

प्रारंभिक परीक्षा के लिए प्रश्न-

प्रश्न- हाल ही में किस देश के न्यायालय ने भारत के पूर्व नौसैनिकों को मृत्युदंड दिया है?

(a) ईरान

(b) उत्तर कोरिया

(c) पाकिस्तान 

(d) कतर

उत्तर- (d)

 मुख्य परीक्षा के लिए प्रश्न-

प्रश्न- हाल ही में कतर के एक न्यायालय भारत के पूर्व नौसैनिकों को मृत्युदंड दिया है। भारत सरकार के पास उन्हें सजा से मुक्ति दिलाने के कौन- से रास्ते हैं? विवेचना कीजिए।

स्रोत- indian express

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